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छूट व फ्री लाभान्वित योजनाएं पिछली सरकारों की तरफ से भी जरूरतमंदों को मिलती चली आ रही थी लेकिन पिछली सरकारों में खुद की तारीफ का प्रचार नहीं किया
चौधरी शौकत अली चेची
बैंकों के 6 लाख करोड़ डूब
गए। इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले
5 साल में 4946 कंपनियां दिवालिया हुई हैं। इसमें 457
कंपनियों के केस सॉल्व किए गए। इन 457 कंपनियों ने बैंकों से 8
लाख 30 हजार करोड़ कर्ज लिया था। इसमें 6 लाख करोड़
रुपये बैंकों के डूब गए 27 बैंकों का वर्जन कर 12 कर
दिए बैंकों पर अनाप-शनाप कानून थोप दिए। देश के बैंकों से 25,000
करोड़ का कर्ज लिया और यह कर्ज नहीं लौटाया।
कांग्रेस पार्टी न सरकार पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए जांच की
मांग की है। गुजराती
कंपनी कंपनी ने 27 बैंकों से 23
हजार करोड़ का कर्ज लिया और यह पैसा डूब गया। आरबीआई ने डर्टी डजन 12 कंपनियों के बारे में जानकारी देते
हुए कहा गया कि इन कंपनियों पर बैंकों के 2.5 लाख करोड़ रुपये
डूब गए। जून
2021 की तथा उससे पहले की भी अनेको घोटालों की रिपोर्ट इंटरनेट पर मौजूद
है जिनमें कहा गया है कि ऐसे बिजनेसमैन और कंपनियों ने मिलकर सरकारी बैंकों को आठ
लाख करोड़ का चूना लगाया।
चालाक
इंसान एक कपंनी बनाइए। सरकारी बैंक से कर्ज लीजिए फिर कंपनी को दिवालिया घोषित कर
दीजिए और सरकारी खजाने का पैसा आप का हो गया। सरकार पर्दे के पीछे से आपको कुछ
नहीं होने देगी। रामदेव बाबा जैसे
राष्ट्रवादियों की निगहबानी में सब हो रहा है जो मोदी सरकार आने पर डीजल पेट्रोल 35
रुपए लीटर मिलने की बात कर रहे थे, इसलिए ऐसे लोग मुंह नहीं खोलेंगे
अगर बोलेंगे भी तो कांग्रेस को जिम्मेदार
बताएंगे विपक्ष की सक्रियता बुद्धिहीन
लोगों को समझाने में निष्क्रिय साबित हो रही है। सभी
को लेकर विपक्षी विरोध अपर्याप्त है।
राफेल जैसे अनेक घोटाले,
पुलवामा जैसे से अनेक षड्यंत्र सोशल मीडिया, सड़कों पर आंदोलन,
धरना ट्विटर और प्रेस कॉन्फ्रेंस में
मजबूती से उठाने पड़ेंगे। भाजपा सिर्फ
चुनाव हारने से डरती है बाकी किसी भी कर्मकांड से नहीं डरती जब तक यह सभी मुद्दे
सड़कों पर और, देश का बच्चा
बच्चा यह नहीं जानेगा कि कैसे देश के बैंकों को लूटा जा रहा है लोगों को भ्रम में
डालकर अनेकों नियम लागू कर तथा भावनात्मक मुद्दे उछाल कर जनता को बर्बाद किया जा
रहा है, तब तक भाजपा पर न कोई असर होगा, न इन घोटालों की
जांच होगी, न जनता सरकार से कोई हिसाब मांगेगी। छूट व फ्री लाभान्वित योजनाएं पिछली
सरकारों की तरफ से भी जरूरतमंदों को मिलती चली आ रही थी लेकिन पिछली सरकारों में
खुद की तारीफ का प्रचार नहीं किया मोदी सरकार मैं देश की 80% जनता को भिखारी
समझा जा रहा है जो फ्री राशन लेकर जिंदगी काट रही है हो सकता है फ्री राशन 2024 तक
चलता रहे। राजनीतिक
पार्टी को फंड देने वाले अमीर ही होते जा
रहे हैं मिडिल क्लास इंसान बर्बादी की तरफ जा रहा है, किसान मजदूर, गरीब अपने अधिकार से वंचित होकर
भिखारी व अपराधी समझे जा रहे हैं। डीजल, पेट्रोल,
रसोई गैस, बिजली बिल, शिक्षा चिकित्सा आदि मैं लगभग 80% से
700% कि पिछले 8 सालों में महंगाई हो गई उद्योगपति
मित्रों की संपत्ति लगभग हजार प्रतिशत बढ़ गई। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, आत्महत्या, जाति धर्म विशेष की द्वेष भावना दुगनी
हो गई। भारतीय
असल संस्कृति नष्ट सी हो गई,
मोदी जी का डंका केवल गोदी मीडिया में ही बज रहा है लोगों की बीमारी ठीक करने वाले
सभी सिस्टम पहले ही महंगे हो चुके हैं अब लगभग 850 बीमारी ठीक
करने वाली दवाइयां और भी ज्यादा महंगी होने वाली हैं। खतरनाक
कानूनों ने देश में बर्बादी की बाढ़ सी खड़ी कर दी है चौबीसों घंटे 18
घंटे काम करने वाले केवल भाषण झूठे वादे झूठी योजना सैर सपाटा खुद की तारीफ करते
केवल TV पर ही दिखाई
देते हैं। सरकार महंगाई बढ़ाकर जनता से वसूली कर रही है और
वह पैसा कंपनियां लूट रही हैं। सरकार मजबूर इसलिए
नहीं है की इसमें शामिल नजर नहीं आती राजनीति और कॉरपोरेट के घिनौने गटजोड़ का नतीजा
जनता को लूट कर नेताओं और उद्योगपतियों की जेब भरने का कार्यक्रम मजबूत तरीके से
चल रहा है,
राष्ट्रवाद का पर्दा डालकर लूटा जा रहा है। क्योंकि
पांच राज्यों के चुनाव में 135 दिन तक डीजल पेट्रोल रसोई गैस आदि का
रेट नहीं बढ़ाया जबकि आचार संहिता रहने तक कच्चा
तेल 82 रुपए से 105 रुपए से ऊपर
पहुंच गया था यूक्रेन रूस युद्ध का हवाला देकर 80 पैसे प्रति
लीटर तेल का रेट बढ़ाया जा रहा है। 25 रुपए
लीटर का इजाफा तो होना लाजमी ही है। डीजल, पेट्रोल रसोई गैस, बिजली बिल देश के स्तंभ हैं। महंगाई
से जनता को भारी परेशानी होती है,
महंगाई का बोझ देश की लगभग 95% जनता पर पड़ता है, केवल मुसलमानों पर ही नहीं पड़ता और
एक भी मुसलमान सरकारी बैंकों का पैसा लेकर विदेश नहीं भागा और कोई बड़ा घोटाला भी
नहीं किया। दिसंबर 20 21 तक भारत पर कुल
ऋण 128.41 लाख करोड रुपए देश की जनता पर कर्ज पर हैड लगभग कई एंग्लो पर
एक लाख रुपए हो गया { मोदी
शासन के 8 साल में 73.51 लाख करोड़ रू ऋण } ब्याज
लग रहा है अलग से जबकि मोदी सरकार में वेट टैक्स एक्साइज ड्यूटी व जुर्माना
संपत्ति कुर्क आदि से अरबों करोड
रुपए रूपए जनता से वसूल किए। जून 2014 तक भारत पर कुल ऋण 54.9
लाख करोड़ रुपए देश की जनता पर कर्ज
पर हैड कर्ज लगभग 29 हजार रुपए था
दूसरी सरकारों के 67 साल में
क्या इस ऋण को चुकाने के लिए लगातार सरकारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है, देश का 268 टन सोना गिरवी
रख दिया था। सोना गिरवी रखने से पहले 28000 था, अब लगभग सोना 50,000
रुपए है जब सभी सरकारी संस्था गिरवी रख दी जाएंगी तो डिग्री हासिल करने वाले 8000 की
सैलरी पर काम करने को मजबूर हो जाएंगे और
दस रूपए की वस्तु 50 में खरीदनी पड़ेगी और जिसको वोट देकर सत्ता
में बैठा आएंगे फ्री राशन खाएंगे कुछ चंद छोटी सुविधाएं लेंगे तो सत्ता में बैठे
लोग कहेंगे हमारे हाथ में पावर नहीं कॉर्पोरेट उद्योगपति की अपनी कानूनी प्रक्रिया
है हम उसके बीच में दखल नहीं दे सकते क्योंकि कॉर्पोरेट उद्योगपति सत्ता में बैठे
लोगों को मोटा फंड देते हैं, हम आपको उसके बदले कुछ फ्री वस्तुएं मुहैया
कराते हैं। लगातार पेपर लीक होने से क्या युवा पीढ़ी
शिक्षित और रोजगार से वंचित होने की तरफ बढ़ रही है,दिल्ली विधानसभा में मुद्दा उठा सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2016 से 2020 तक देश में 2920
दंगे हुए आखिर क्यों टीवी पर बहस नहीं। जय
हिंद जय भारत।
लेखकः. चौधरी शौकत अली चेची भारतीय किसान यूनियन( बलराज) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष हैं।