>
किसानों ने प्रशासन के निर्णय के खिलाफ इलाहबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
किसानों ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों को भी अलग अलग पत्र लिखें
विजन लाइव/जेवर
नोएडा ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल जेवर एयरपोर्ट के लिए चिन्हित भूमि पर कब्जा लेने के लिए पहुंचे अधिकारियों की किसानों से तीखी नांंक झोंक हुई और कब्जा नही लेने दिया गया। जेवर क्षेत्र के गांव रनहेरा के किसानों ने साफ किया कि शोर पट्टा भूमि को पहले तो प्रशासन ने जेवर एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित कर लिया और बगैर किसानों को मुआवजा दिए हुए कब्जा लेने पर उतारू हैं। जब कि किसानों ने प्रशासन के निर्णय के खिलाफ इलाहबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। किसानों ने इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों को भी अलग अलग पत्र लिखें हैं। इनमें उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्री बेबी रानी मौर्य, नंदगोपाल नंदी और असीम अरूण को भी पत्र लिख गए हैं। किसानों में ज्यादातर लोग दलित समुदाय से आते हैं। किसानों ने पत्र में अवगत कराया है कि जेवर विधानसभा के अंतर्गत बन रहे जेवर एयरपोर्ट की कुछ जमीन पर किसानों को मुआवजे से वंचित रखा जा रहा है, प्राधिकरण की तरफ से इसकी वजह उक्त जमीन को शोर अथवा पट्टा सरकार की जमीन बताया जा रहा है जबकि उक्त जमीन पर किसानों की रजिस्ट्री व संकरमणीय दर्ज है। पूर्व में ऐसी जमीन का प्राधिकरण द्वारा किसानों को मुआवजा वितरित भी किया जा चुका है। लेकिन इस प्रोजेक्ट के दौरान किसानों के साथ यह सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। अतः ये भूमि दलित समाज समाज के कास्तकारों के नाम दर्ज है, और दलित समाज का बहुत भारी नुकशान व उत्पीडन हो रहा है, माननीय से अनुरोध है इस और अपना ध्यान आकर्षित कर किसानों की इस समस्या का समाधान कराये/ पूर्व में आपकी सरकार समय.समय पर किसानों के हित में फैसले लेती रही है अतः पुनः आपसे विनम्र निवेदन है कि एक बार फिर किसान हितैषी अपनी छवि को बरकरार रखें।