नोएडा से 100 KM दूर रखेंगे 4000 KG विस्फोटक, सिर्फ 9 सेकेंड में कैसे जमींदोज होगा सुपरटेक ट्विन टावर?
हाइलाइट्स
- टि्वन टावर ढहाने वाली एजेंसी और अथॉरिटी ने दी जानकारी
- दावा किया गया है कि पड़ोस की इमारतों पर नहीं पड़ेगा कोई असर
- 9 मीटर के दायरे में रोका जाएगा मलबा, 22 मई को गिराए जाने हैं टावर
- एमराल्ड कोर्ट, एटीएस और पार्श्वनाथ सोसायटी खाली करवाई जाएंगी
- ब्लास्ट के दौरान नोएडा ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर आधे घंटे रोका जाएगा ट्रैफिक
कैसे किया जाएगा ब्लास्ट?
एजेंसी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने बताया कि टावर नंबर 17 मौके पर 29 मंजिल का है और टावर नंबर-16 32 मंजिल का है। दोनों ही टावर में बीच-बीच के फ्लोर छोड़कर 10 फ्लोर प्राइमरी ब्लास्ट फ्लोर बनाए जाएंगे। इन पर विस्फोटक ज्यादा लगाया जाएगा। ब्लास्ट होने पर ये पूरी तरह से बिखरेंगे और फिर दोनों का मलबा जैसे झरने से पानी गिरता है उस तरह गिरा लिया जाएगा। जहां पर दोनों टावर गिराए जाने हैं वहां पास से ही गेल की गैस पाइप लाइन गुजरी हुई है। इंजीनियरों ने दावा किया कि गैस पाइप लाइन को टावर के मलबे से कोई असर नहीं पड़ने दिया जाएगा।
पाइप लाइन जमीन में 3 मीटर अंदर है। फिर भी पाइप लाइन के ऊपर स्टील की दो मीटर की प्लेटर लगाई जाएंगी। अगर कोई मलबा जाता है तो ये प्लेट रोक लेंगी। एजेंसी के एक्सपर्ट ने बताया कि विस्फोट होने पर जब दोनों टावर गिरेंगे उससे कंपन भी होगा। वैसे तो नोएडा सिस्मिक जोन-4 में आता है इसलिए यहां की इमारतों पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा। फिर भी कंपन रोकने के लिए दोनों ही बेसमेंट में इम्पैक्ट कुशन लेयर मिट्टी, बालू व कंक्रीट डालकर तैयार की जाएगी। इससे कंपन रोकने की कोशिश होगी।
टावर के भीतर तोड़ी जा रहीं दीवारें
सेफ हाउस में रखेंगे विस्फोटक
एडिफाईस एजेंसी की तरफ से बताया गया टावर ध्वस्त करने की प्रक्रिया का जोखिम बीमा करीब 100 करोड़ रुपये का करवाया जाना है। इसके लिए बीमा कंपनियों से बात की जा रही है। इसके साथ ही 2.5 हजार किलो से 4 हजार किलो के बीच विस्फोटक लगने का अनुमान है। विस्फोटक खरीद के लिए भी तीन कंपनियों से बात चल रही है। विस्फोटक लगने की शुरुआत होने पर हर दिन उतना ही पुलिस की निगरानी में आएगा जितनी खपत होगी। यह विस्फोटक किसी नजदीकी सेफ हाउस में रखा जाएगा। टि्वन टावर में विस्फोटक लगाने की शुरुआत अप्रैल से कर दी जाएगी।
दोनों टावरों में प्राइमरी ब्लास्ट वाले 10 फ्लोर ग्राउंड, 1, 2, 6, 10, 14, 18, 22, 26 और 30 होंगे। 4, 8, 12, 18, 20, 24 और 28वां फ्लोर सेकेंडरी ब्लास्ट वाले होंगे। विस्फोटक लगाने से पहले कंक्रीट पर लोहे की जालियां लगाई जाएंगी। इससे यह होगा कि विस्फोट में टूटने के बाद मलबा इधर उधर नहीं भागेगा। एडिफाईस एजेंसी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने बताया कि उनकी एजेंसी ने दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमोलेशन एजेंसी के साथ मिलकर पूर्व में दो बड़ी इमारतें गिराई हैं। इनमें एक 2020 में कोच्चि की 60 मंजिल इमारत और 2019 में जोहनसबर्ग की 108 मीटर ऊंची बैंक ऑफ लिसबन नाम की इमारत सफलतापूर्वक ध्वस्त की है। जोहनसबर्ग में तो आस-पास इमारतें थी 7.5 मीटर से भी कम दूरी पर दूसरी इमारत थी। इन दोनों इमारतों के ध्वस्तीकरण के विडियो भी एजेंसी की तरफ से दिखाए गए।
टावर ढहाए जाने की तैयारी में कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं। इन अफवाह पर रेजिडेंट्स व शहर के लोगों को गौर करने की जरूरत नहीं है। पूरी कोशिश है कि 22 मई को ये टावर एजेंसी ढहा दे।
रितु माहेश्वरी, नोएडा अथॉरिटी की सीईओ
खाली करवानी होंगी तीन सोसायटी
एजेंसी ने ब्लास्ट डिजाइन के साथ एक्सक्लूजन जोन भी तैयार किया है। इस जोन में एमराल्ड कोर्ट, एटीएस व पार्श्वनाथ सोसायटी से लेकर नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे को भी शामिल किया गया है। प्रजेंटेशन में एक्सपर्ट ने बताया कि वह तीनों सोसायटी को टावर ढहने वाले दिन खाली करवाने की सिफारिश करेंगे। एक्सप्रेसवे का ट्रैफिक करीब आधे घंटे के लिए इसलिए रोका जाएगा, क्योंकि वाहन चलाने वाले अगर टि्वन टावर की तरफ देखेंगे तो एक्सीडेंट हो सकता है। बैरिकेडिंग करवाई जाएगी। विस्फोट के समय एक्सक्लूजन जोन में सिर्फ 5 लोग रहेंगे। इसमें एक पुलिस अधिकारी भी शामिल होगा। बाकी किसी को भी अंदर रहने की अनुमति नहीं होगी।