शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को इकाना स्टेडियम में होगा। इसमें पीएम मोदी, कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और भाजपा शासित राज्यों के उपमुख्यमंत्री और विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे।
हालांकि उपमुख्यमंत्रियों के नाम पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन इकोनॉमिक्स टाइम्स ने सूत्रों के हवाले बताया कि पिछली कैबिनेट के कई मंत्रियों को बरकरार रखा जाएगा। ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा, महेंद्र सिंह, सिद्धार्थ नाथ सिंह, नंद गोपाल नंदी और संदीप सिंह को एक और मौका मिलने की संभावना है। कैबिनेट में नए चेहरों में बेबी रानी मौर्य, असीम अरुण और राजेश्वर सिंह के शामिल होने की संभावना है, जो शपथ लेने वाले 48 मंत्रियों में शामिल होंगे।
2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो डिप्टी सीएम की घोषणा की थी। इस बार दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा मंच पर मौजूद थे, लेकिन योगी आदित्यनाथ या अमित शाह ने कोई घोषणा नहीं की।
विधायकों को संबोधित करते हुए नवनिर्वाचित सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नई सरकार वादों को पूरा करने के लिए एक टीम के रूप में काम करेगी। उन्होंने अपने नए सहयोगियों को आगाह करते हुए कहा, "यह जीत साबित करती है कि यूपी के लोगों ने वंशवादी राजनीति को खारिज कर दिया है और बिना किसी पूर्वाग्रह के लोगों के कल्याण के लिए काम करने वाली सरकार को प्राथमिकता दी है।"
अमित शाह ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, "यह पहली बार है जब कोई मुख्यमंत्री यूपी में जनादेश जीतकर सत्ता में आया है और यह ऐतिहासिक है। पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में नई सरकार पिछले पांच वर्षों में रखी गई विकास और सुशासन की मजबूत नींव को मजबूत करने का काम करेगी। नई सरकार यूपी को देश का नंबर एक राज्य बनाने का काम करेगी।"
इससे पहले विधायक दल की बैठक में यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और यूपी बीजेपी महासचिव सुनील बंसल शामिल हुए।