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2 राज्यों में चुनाव जीतने वाले प्रधानमंत्री का सपना देखना छोड़ दें, BJP को हराना आसान नहीं

 

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नीचे धरती ऊपर आसमान है।  इसके बीच में सारा जहान है, संभल जाओ विरोधियों कर्म ही प्रधान है

 


 जय हिंद जय जवान, जय किसान, हम सबका भारत देश दुनिया में महान, गंदी राजनीति का नहीं है कोई धर्म ईमान, सभी देशवासी मिलकर कर लो ध्यान  

 

 चौधरी शौकत अली चेची


देश का ताना बाना  लगातार ध्वस्त हो रहा है हर कोई एक दूसरे को तिरछी नजर से देख रहा है सत्ता की चाबी किसी भी प्रकार से हाथ में आ जाए बाकी जनता भाड़ में जाए।  भाजपा  विदशी पूंजी  निवेशको व अडानी और अंबानी के हवाले कर देश को गुलामी की तरफ ले जाया जा रहा है सभी धर्म समुदाय के पूर्वजों ने देश को आजाद करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे कर सभी के अधिकार के लिए मजबूत संविधान बनाकर दुनिया से अलविदा कह गए।  विचार करते हैं कि हमारे पूर्वजों की आत्मा आखिर क्या सोचती होंगी कि हमने  देश को क्यों आजाद कराया,  सभी जाति धर्म के महापुरुष सुरवीरों ने हंसते-हंसते देश के लिए सब कुछ क्यों कुर्बान कर दिया।    गंदी राजनीति से भारतवासियों के दिमाग में जाति धर्म द्वेष  भावना का गोबर भर दिया कोई भी पवित्र धर्म ग्रंथ गलत नहीं है कुछ लोगों की मानसिकता ही खराब है ऐसा प्रतीत होता है। शायद हम दोबारा से गुलामी की तरफ जा रहे हैं नासमझ लोग समझ रहे हैं कि अच्छे दिन तो शायद अभी आ रहे है।  हमारे शूरवीर पूर्वजों ने जन विरोधी ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट  एंव पब्लिक सेफ्टी बिल के खिलाफ असेंबली में बम फेंक कर विरोध किया था।   आज हमारे देश की सरकारें ऐसे ही तमाम जनविरोधी कानून संसद में बना रही हैं।  ये जन विरोधी कानून  बहुसंख्यक आम  जनता के हितों के  विरूद्ध हैं और  चंद बड़े पूंजीपति घरानों और  बहुराष्ट्रीय वित्त निगमों के हितों को साधने वाले हैं।  बुद्धिजीवियों ने कहा कि देश की संसद  कर्मचारी एंव शिक्षक  विरोधी पीएफआरडीए कानून  जैसी कई काले कानून बना चुकी है जो उनकी भविष्य निधि  और  पेंशन फंड को निजी हाथों में सौंपता है ,  इसी प्रकार  व्यापारी विरोधी रिटेल में  100  प्रतिशत  एफडीआई ला चुकी है जो भविष्य में देश के व्यापारियों को बर्बाद करने का दस्तावेज है, इसी तरह से विदेशी चंदा कानून में संशोधन कर विदेशी कंपनियों से चंदा लेने का रास्ता साफ कर दिया गया है जो कि भविष्य में देश के हितों पर बहुत बुरी चोट करेगा,  इसी प्रकार  कई काले कानून  को कैबिनेट पास कर चुकी है और मोदी सरकार ने  किसान विरोधी काले कानून को पास  कर दिया था। कई कानून  आम जनता द्वारा बचाई गई पूंजी को भी लूटने का दस्तावेज है,  श्रम कानूनों में बदलाव का मसौदा तैयार है और कुछ बदलाव भी हो चुके हैं जो कि किसान और मजदूरों के हितों के खिलाफ हैं ,  युवा हताश और निराश है क्योंकि उसे रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं, जो युवा सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए बुरी खबर है कि  लाखों खाली पद समाप्त कर दिये गये हैं , देश के करोडों  संविदा और निविदा कर्मचारियों के श्रम का शोषण हो रहा है ।   माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मिनिमम वेतन चौबीस हजार  तय किया जा चुका है लेकिन  उसे लागू नहीं किया जा रहा है। हमारे बुद्धिजीवी पूर्वजों और सूरवीरों ने ऐसे शोषण पर  आधारित देश की आजादी का सपना तो नही देखा था। आज आम जनता  देशवासियों को इन जनविरोधी और  पूंजीपरस्त नीतियों के खिलाफ गोलबंद होने की जरूरत है और ऐसी जन विरोधी व्यवस्था  एंव नीतियों को पलटने के लिये कमर कसने की जरूरत है , यही आजादी के दीवानों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।  आज विदेशी  पूंजी  निवेशको के हस्तक्षेप  के खिलाफ  चौतरफा पहल पर जोर देने का समय है।  BJP की कार्यशैली को समझने की जरुरत है, जो सच्चाई को उजागर करें या हक की आवाज़ उठाएं उसे अपराधी और देशद्रोही साबित करने की कोशिश की जा रही है। नोटबंदी जीएसटी लॉकडाउन इन सभी से किसका भला हुआ पिछले 8 साल में लगभग 1700 देश जनता की बर्बादी के कानून बना दिए रोजगार शिक्षा चिकित्सा आदि मैं आम जनता की बर्बादी के बड़े घोटाले हो रहे हैं।  ताली थाली मोमबत्ती जलवा कर बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिए घर और धर्म स्थल पर पूजा-पाठ इबादत सब ही करते हैं तो सत्ता पक्ष तथा लोकप्रिय नेता मीडिया द्वारा प्रचार क्यों किया जाता है।   भजन भोजन दान लेखो द्वारा गुप्त बताया गया है जिनके नहीं होते घर परिवार वह क्या जाने अत्याचार भ्रष्टाचार बलात्कार हत्या आत्महत्या महिलाओं का अपमान बेरोजगारी महंगाई।  जाति धर्म विशेष की द्वेष भावना से बाहर निकलने की जरुरत है।   हिंदू, मुसलमान के चक्कर में करोड़ों घर परिवार बर्बाद हो रहे हैं या उजड़ रहे हैं गहराई से अगर समझा जाए तो देश में सबसे ज्यादा गैर मुस्लिम ही बर्बाद हो रहा है।   देश आजादी के बाद मुसलमान जहां था आज भी वही नजर आता है, चुनाव जीतने के लिए तथा सत्ता पक्ष द्वारा स्वागत समारोह में पानी की तरह पैसा बहा दिया जाता है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना होता है।   चुनाव आयोग तथा न्यायपालिका को कुछ लोग शक के दायरे से देख रहे हैं।   कुछ ऐसा प्रतीत भी हो रहा है हर जाति धर्म में एक दूसरे के प्रति नफरत पैदा होती जा रही है गोत्र वाद में भी लोग बटते नजर आ रहे हैं।  बुद्धिहीन लोग निजी स्वार्थ में  नेताओं के तलवे चाट रहे है, अधिकारी घूस खाकर अपने ही देश वासियों पर अत्याचार कर रहे हैं।   चौथा खंबा लंगडा होकर इंसाफ की बातों को नहीं दिखा कर सत्ता में बैठे लोगों की चापलूसी कर अपनी तिजोरी भर रहे हैं।   पुलिस प्रशासन हफ्ता वसूली कर रहे हैं, गुंडे मवाली मन ही मन अपने  साथियों को धिक्कार रहे है।  टैक्स या   GST वोट देने वाले  सत्ता में बैठाने वालों की  तानाशाही या खुद की बर्बादी पर खुश होकर केवल ऊपर वाले को ही दोषी मान रहा है, अच्छे और सच्चे लोगों की कोई कदर नहीं बुरे और झूठे लोगों को कोई सबर नहीं।  कुछ बुद्धिजीवी जरूर महसूस कर रहे हैं की ऊपर वाले ने इंसान को सबसे श्रेष्ट बनाया विश्वासघात से आम नागरिक बर्बादी की तरफ जा रहा है।  कानून ही अगर सभी समस्याओं का समाधान है तो निर्दोष लोग सालों सजा काटने के बाद क्यों बरी होते हैं? सीधी सी बात है बाप बड़ा ना भैया सबसे बडा रुपइया 18-18 घंटे काम करने वाले चौबीसों घंटे TV पर दिखाई देते हैं तो काम कब करते हैं 24 घंटे काम करने वाला किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाता है और 5 साल सत्ता में रहने वाला नेता करोड़पति से अरबपति बन जाता है।  कानून का चाबुक गरीब और कमजोर पर भारी पड़ता है, पावरफुल अमीर से कानून क्यों डरता है, लगभग 70% कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है। समाज संस्कार जाति धर्म  बड़ों का सम्मान पवित्र धर्म ग्रंथ धर्मस्थल मा बाप का अरमान और एहसान कानून का सहारा लेकर इनको छोटा या कमजोर करना अपराध के समान माना जाए तो कोई बुराई नहीं कानून की बदौलत लगभग 60% मां बाप औलाद से परेशान है, औलाद को नहीं भूलना चाहिए मां बाप के एहसान का बदला चुकाया नहीं जा सकता औलाद भी मां-बाप जरूर बनते हैं और कर्म का फल जरूर भोग ना पड़ता है।  एसे ही कुछ गहरे सवालों से गंदी राजनीति की पराकाष्ठा जिम्मेदार है। किसी के दर्द को महसूस करने के लिए खुद उस दर्द का हिस्सा बने तो सच्चाई सामने आ जाएगी =बाकी तो सर्दी गर्मी बरसात पतझड़ सावन बसंत बहार एक बरस के मोसम चार चलते ही रहने है।  सतयुग कलयुग द्वापर त्रेता बारी बारी आते जाएंगे। सच्चाई को छुपाने के लिए नए-नए इतिहास बताएं जाएंगे या  दिखाएं जाएंगे। इराक का युद्ध हो या यूक्रेन का युद्ध, विचार करो ए दुनिया वालो पावर में बैठे लोग किस किस का सत्यानाश कराएंगे?  धारा 370/ 35 ए अयोध्या, गोधरा कांड, कश्मीर फाइल्स कांड, एनआरसी, सीएए दिल्ली, दंगा मुजफ्फरनगर दंगा आदि हत्या जघन्य अपराध निर्दोष गरीब कमजोर लोगों के घर परिवार उजाड़ने से किस किस की किस्मत चमकी यह तो अंध भक्तों को जरूर समझना चाहिए।  एकता भाईचारा जागरुकता में सबसे बड़ी ताकत है हर गली मोहल्ले से प्यार की ज्योत निकाल कर बाहर आनी चाहिए क्योंकि हम सभी एक दूसरे के सहयोग बगैर तरक्की नहीं कर सकते।  800 साल मुगलों ने शासन किया, 200 साल अंग्रेजों ने शासन किया, 65 साल दूसरी सरकारों ने शासन किया, हिंदू कभी खतरे में नहीं रहा। TV पर बहस करने वाले केवल अपनी लोकप्रियता चमका कर BJP का भला ही कर रहे हैं।  जनता सुनकर देखकर नफरत और बर्बादी की तरफ जा रही है। BJP को हराने के लिए देश में लगभग 70% वोटर है चुनाव के समय गोल-गोल जलेबी की तरह घूम कर BJP को सत्ता में बैठा देते है।   कांग्रेस पार्टी ही BJP को हराने में सक्षम है, क्षेत्रीय पार्टी केवल कांग्रेस का नुकसान कर BJP को लाभ पहुंचा रही हैं।  BJP को खतरा केवल कांग्रेस पार्टी से है, इसीलिए कांग्रेस पार्टी को भांग का नशा उतारकर BJP से 10 कदम आगे चलना पड़ेगा।  कांग्रेस पार्टी को समझना जरुरी है कि बीजेपी/ RSS के पदाधिकारी हर गली मोहल्ले में मिल जायेंगे। कांग्रेस पदाधिकारियों को ढूंढने में दूरबीन का सहारा लेना पड़ता है, इसीलिए कांग्रेस पार्टी को समझना होगा TV पर बहस करने से कोई लाभ मिलने वाला नहीं है, कांग्रेस पुरानी राष्ट्रीय पार्टी होने के अनुसार सभी वर्गों का राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश जिले शहर कस्बा गांव तक नेता बना कर खड़ा करना होगा और कंप्लीट कार्यकारणी बहाल कर पदाधिकारियों की संख्या पार्टी संविधान में संशोधन कर चार गुनी करनी होगी सभी पदाधिकारियों को जागरुक कर हर वोटर को कांग्रेस की उपलब्धि और BJP की नाकामी वोटर के बीच बराबर चलानी पड़ेगी।  अखबार नेशनल मीडिया पर लगभग 80% झूठी बातें दिखाई या बताई  जाती हैं।  सोशल मीडिया पर लगभग 80% बातें सच बताई या दिखाई जाती है।  यह भी समझना जरूरी है  जितनी भी फिल्में बनाई जाती है तथा नाटक सीरियल 50% झूठी होती है और हर फिल्म में गलत शॉट भी दर्शाए जाते हैं। लाखों उदाहरण लोगों की मानसिकता पर बुरा असर डाल रहे है, अनजान और आम जनता पर भारी पड़ रहे हैं, एकता भाईचारा जागरूकता भारतीय संस्कृति यह पांच शब्द बैकफुट पर जा रहे हैं।  हिंदुस्तान, पाकिस्तान, हिंदू मुसलमान का राग अलाप कर BJP  सत्ता पर काबीज है। BJP चौबीसों घंटे चुनाव प्रचार मैं और जनता की बर्बादी के कानून बनाने में व्यस्त रहती है।  विपक्षी पार्टी चुनाव का इंतजार कर खुशी मनाते हैं कि BJP हार जाएगी लेकिन बुद्धिहीन अंधभक्त कई कारणों से BJP को फिर से सत्ता सोप देते हैं और 5 साल तक ऊपर वाले को दोषी मानकर अपनी और दूसरों की बर्बादी का तमाशा देखते हैं समझने वाले समझ जाते हैं नहीं समझने वाले अनाड़ी ही रह जाते हैं। केवल 2 राज्यों में चुनाव जीतने वाले प्रधानमंत्री का सपना देखना छोड़ दें, BJP को हराना आसान नहीं, लेकिन दिल और दिमाग को विपक्षी पार्टी एक साथ लेकर चले तो BJP को हराना मुश्किल नहीं, हार और जीत के हजारों उदाहरण इतिहास के पन्नों में दर्ज है,   ABCD एक दूसरे पर आरोप लगाना बड़ा आसान है, नीचे धरती ऊपर आसमान है।  इसके बीच में सारा जहान है, संभल जाओ विरोधियों कर्म ही प्रधान है।  इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, इंटरनेट EVM मशीन सभी के लिए नासूर बन कर सीना ताने खड़ी है।  जय हिंद जय जवान, जय किसान, हम सबका भारत देश दुनिया में महान, गंदी राजनीति का नहीं है कोई धर्म ईमान, सभी देशवासी मिलकर कर लो ध्यान।  

लेखकः. चौधरी शौकत अली चेची भारतीय किसान यूनियन( बलराज) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष  हैं।