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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा विश्व टीबी दिवस पर 100 टीबी रोगियों को गोद लिया गया

 

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संगोष्ठी आयोजन का उद्देश्य टीबी  को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसकी रोकथाम करने से हैं।  इसके अलावा लोगों पर पड़ने वाले इसके खतरनाक प्रभाव फिर चाहे वह स्वास्थ्य से जुड़े हो या सामाजिक एवं आर्थिक हो उनके बारे में जन जागरूकता और समझ को बढ़ाना है- डॉ लक्ष्मण नागर कार्यक्रम संयोजक

 







विजन लाइव/ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय

विश्व टीवी या तपेदिक दिवस हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है। इसी के तत्वाधान में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग द्वारा एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला की अध्यक्षता  में किया गया। जिसके मुख्य अतिथि प्रोफेसर पीके सिंघल आरडी यूनिवर्सिटी मौजूद रहे। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला द्वारा 100 टीबी ग्रसित रोगियों को गोद लेने की घोषणा की। प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों को निर्देश दिया कि वो  टीबी ग्रस्त रोगियों के घर जाएं उनसे मिले और उन्हें इस बीमारी के प्रति जागरूक करें, उन्हें सरकार द्वारा चलाए गए विभिन्न टीवी उन्मूलन कार्यक्रमों की जानकारी दे। इस प्रकार के जागरुकता अभियान से ही  हम टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त कर पाएंगे। विभागाध्यक्ष एवं प्रति कुलपति प्रोफेसर वाई विमला के निर्देशन में इस संगोष्ठी में चार व्याख्यान विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक के द्वारा दिए गए।  प्रोफेसर वाई विमला  ने कहा कि  टीबी अभी दुनिया की सबसे घातक संक्रामक बीमारी है, डब्लूएचओ के  अनुसार हर दिन लगभग 4100  लोग टीवी से ग्रसित लोग अपनी जान गवाते हैं और तीस हजार के करीब लोग इस  बीमारी की चपेट में आ जाते हैं जबकि इसे रोका जा सकता हैं और इसका इलाज भी किया जा सकता है।  कार्यक्रम के संयोजक डॉ लक्ष्मण नागर  ने बताया कि  संगोष्ठी आयोजन का उद्देश्य टीबी  को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसकी रोकथाम करने से हैं।  इसके अलावा लोगों पर पड़ने वाले इसके खतरनाक प्रभाव फिर चाहे वह स्वास्थ्य से जुड़े हो या सामाजिक एवं आर्थिक हो उनके बारे में जन जागरूकता और समझ को बढ़ाना है। प्रोफेसर पी के सिंघल  ने छात्र एवं छात्राओं को टीबी के वातावरणीय महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की। डॉ जितेंद्र कुमार ने टीबी के इलाज के लिए नयी तकनीक को प्रयोग करने के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति ने किया। डॉक्टर दिनेश पवार के अनुसार विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए टीबी से  संबंधित एक पोस्टर प्रतियोगिता रखी गई, इसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों एवं कॉलेजों के यूजी एवं पीजी के छात्र एवं छात्राओं ने  भाग लिया। इसमें यशस्वी शिवम कौशिक, दीक्षा, सचिन शर्मा अदिति चौधरी, विजेता रहे। संगोष्ठी में प्रोफ. शैलेंद्र सिंह गौरव, डॉ. बीरपाल सिंह, प्रोफ. शैलेन्द्र शर्मा, प्रो. नीलू जैन गुप्ता, प्रो. बिन्दु शर्मा, प्रोफेसर विजय मलिक, प्रोफेसर अमित गर्ग, डॉ पायल, डॉ. रमाकांत ओझा, डॉ. विवेक त्यागी, डॉ. दिलशाद अली, डॉ. अंजलि मालिक,, डॉक्टर धनपाल, डॉ प्रदीप,डॉ अश्विनी, डॉ. नितिन गर्ग, डॉ. अमरदीप सिंह, डॉ. कपिल, डॉ अजय शुक्ला, डॉ. देवेंद्र कुमार व् डॉ. शशांक राणा, डॉ अमिता शर्मा, डॉक्टर गरिमा मलिक, डॉ प्रियंका, डॉक्टर शालिनी शर्मा, डॉक्टर सुशील, राजेश ,जमील आदि मौजूद रहे।