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मन की बात में बताना पड़ेगा कि चावल और गेहूं को पानी में उबालकर या भूनकर खाएं

 



 

गधों से प्रेरणा लेना, मगरमच्छ को कंधे पर रखना, नाली से गैस निकालना, बत्तख से ऑक्सीजन, मोर नचाना, तोते को दाना खिलाने, ताली थाली बजवाने से तो देश जनता की तरक्की संभव नहीं

 



मानवता का धर्म सबसे बड़ा कर्म है, जय जवान जय किसान, तिरंगा देश की शान

 


चौधरी शौकत अली चेची

 टीवी, अखबार, वक्ता, प्रवक्ता और राजनीतिक लोग निजी स्वार्थ में भावनात्मक रास्ते पर दौड़ रहे हैं। सच्चाई से कोसों दूर अनजान इंसान ठोकर लगने के बाद भी ऊपर वाले को दोषी मान रहा है। सत्ता में बने रहने के लिए सब कुछ जायज है। चाहे हिंदू- मुसलमान, चाहे हिंदुस्तान.पाकिस्तान और तीसरा अब अफगानिस्तान आन पडा है। जब कि चीन और नेपाल के खतरे के बारे में कोई बहस नहीं है। सबसे बडा यादि खतरा है तो वह चीन और नेपाल ही है। गलत इंसान हर जाति धर्म में मौजूद हैं विशेष समुदाय को निशाने पर रखने से चंद नेताओं की दोगली नीति से देशभक्ति का ढोल पीटने वाला गजब का चमत्कार है। गौशालाओं और सड़कों पर भूखी प्यासीं गाये मरती हैं, कोई दोषी नहीं? आवारा जानवर किसानों की फसलों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं, किसान और पशुओं को एक दूसरे का दुश्मन बना कर खड़ा कर दिया। चंद लोग अन्नदाता और पशुओं की बर्बादी का जश्न मना रहे हैं। नोटबंदी और जीएसटी से देश उभर नहीं पाया कि कोरोना महाराज ने दस्तक दे दी जिससे लॉकडाउन हुआ और पूरी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर दिया। किंतु अन्नदाता किसान डटकर खडा रहा है और कृषि क्षेत्र ने अपनी ग्रोथ को नहीं गिरने दिया। त्रासदी की मार देश की आम जनता पर पड़ी, हजारों किलोमीटर पैदल चलते भूख प्यास आदि परेशानी के कारण काल के गाल में समा गए। पानी में बहती लाशें, पंछी जानवर दुर्गति करते लाशों की देश का भयंकर मंजर पूरी दुनिया ने देखा। लगभग 60 प्रतिशत मौत लॉकडाउन  के कारण हुई। बड़े बुजुर्गों तथा स्कूली बच्चों और बेरोजगारों की दिमागी टेंशन बढ़ गई। अनाप.शनाप कानूनों ने देश की आर्थिक व्यवस्था को पूरी तरह से तहस.नहस कर दिया। अब डेंगू बुखार ने देश में गदर मचा रखा ह,ै जायज हक की आवाज उठाने वाला सच्चाई उजागर करने वालों को अपराधी की श्रेणी में खड़ा कर दिया जाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी जी पिछले साढे 4 साल से केवल भाग दौड़ और भाषणों में व्यस्त हैं  आवारा पशुओं से किसान व आमजन परेशान, पकौड़ा रोजगार का पता नहीं, सरकारी संस्थाओं के नाम बदलने, उद्घाटन कर, उद्घाटन में बिजी  हैं।ं  ठोको नीति से हजारों घर परिवार उजड़ गए। दर्द उसी को होता है जिसे चोट लगती है योगी जी को संसद में रोते देश ने देखा। झूठ गुमराह नफरत की नीति कब तक चलेगी। डबल इंजन की इस सरकार ने कोरोनाकाल में 188 और 144 कानून का उपयोग कर मुकदमे दर्ज किए।  जुर्माना भी वसूला गया विपक्ष के नेताओं की बात करें तो जयंत चौधरी पर लाठियां बरसाई, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी आदि लोगों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। पीएम केयर्स फंड में अरबों रुपए जमा हुए, केंद्र ने कहां खर्च किए पता ही नहीं चला। सत्ता की चाबी हाथों में लेकर तानाशाही का परिचय दिया। डबल इंजन की सरकार विपक्षियों पर आरोप लगाकर अपनी नाकामियों को छुपाती चली आ रही है। बंगाल चुनाव में देश की पूरी बीजेपी तक सक्रिय थी। यूपी की जनता अपनी जान बचाने के लिए दौड़ रही थी, हर घर में मातम का माहौल था आंसुओं के अंबार चीख चीख कर कह रहे थे कि हमारा कसूर क्या है? महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अत्याचार, बलात्कार, हत्याए,आत्महत्या, लूटपाट, लड़ाई झगड़े आपसी द्वेष भावना जाति धर्म की नफरत सभी में बढ़ोतरी होती आ रही है सिर्फ टीवी डिबेट भाषण कागजों में देश की तरक्की हो रही है, जमीनी हकीकत से कोसों दूर चौबीसों घंटे सत्ता पक्ष टीवी व अखबारों में दिखाई देते हैं। लोकप्रिय इंसान की उंगली में चोट लग जाए या सर में दर्द हो जाए मोदी जी तुरंत ट्यूट कर उसके प्रति सहानुभूति दर्ज करते हैं। लगभग 1 साल से कृषि बिल का विरोध करने वाले किसान, सरकार व अंध भक्तों  को अलगाववादी, पाकिस्तानी, देशद्रोही, आतंकवादी, मवाली और परजीवी आदि दिखाई दे रहे हैं। 700 से ज्यादा किसान आंदोलन में शहीद हो गए, सैकड़ों गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इनमें कई किसानों को गाड़ियों से कुचल कर मार दिया, उनके लिए कोई सहानुभूति नहीं, बेमौसम बरसात से किसानों का भारी नुकसान हुआ है। हवा हवाई दावों और वादों के अलावा सरकार की तरफ से अभी तक कोई मदद नहीं है। बुवाई के लिए समय पर डीएपी नहीं मिल रही। डीएपी की जगह  एनपीके 1450 में दी जा रही है। कई परिस्थितियों में कुछ किसान बगैर डीएपी के बुवाई कर रहे हैं। जनता के बीच चिंगारी पैदा करने के लिए जाति धर्म से जोड़ दिया जाता है। चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं, जिन्ना जिंदा हो गया। कश्मीर में परिस्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन बीजेपी पांच राज्यों में चुनाव जीतने के लिए जुगलबंदी में लगी है। 80 करोड लोगों को राशन देकर  देश की गरीबी को छुपाने की कोशिश की जा रही है। मन की बात में बताना पड़ेगा  कि चावल और गेहूं को पानी में उबालकर या भूनकर खाएं। गैस महंगी हो गई, लकड़ी जलाने से पोलूशन होगा। बड़े बुजुर्गों के दांत नहीं होते या कमजोर होते हैं छोटे बच्चे किस तरह इस्तेमाल करें, समझ से परे है या  पानी में घोल बनाकर इस्तेमाल किया जाए। बहुत सारी सब्सिडी सुविधा समाप्त हो गई हैं। चर्चाएं चल रही हैं फ्री राशन देना अब बंद हो जाएगा बगैर पैसे आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति  परिवार की परवरिश मन की बात कहने से या सुनने से संभव नहीं है। गधों से प्रेरणा लेना, मगरमच्छ को कंधे पर रखना, नाली से गैस निकालना, बत्तख से ऑक्सीजन, मोर नचाना, तोते को दाना खिलाने, ताली थाली बजवाने से तो देश जनता की तरक्की संभव नहीं है।  फ्री वैक्सीन टीका पिछली सरकारों ने भी लगवाई, कभी प्रचार नहीं किया। डबल डोज लगभग 10 करोड लोगों को लगी है, सिंगल डोज 100 करोड़ लोगों को लगी है। थोथा चना और बाजे घना, त्योहार तो सभी मनाते हैं माता पिता का आशीर्वाद भी लेते हैं पूजा अर्चना भी सभी देशवासी करते हैं। सत्ता में बैठी बीजेपी 18-.18 घंटे भक्ति का पाठ पढ़ाती रहती है 2019 चुनाव के बाद मोदी जी केदारनाथ गए थे, 2022 चुनाव से पहले मोदी जी केदारनाथ गए हैं विपक्षी पार्टियों को बेचैनी लाजमी है। कुछ राज्यों में हुए उपचुनाव से बीजेपी को झटका लगा तो डीजल पेट्रोल पर ऊंट के मुंह में जीरा दे दिया, सभी वस्तुओं की बढी कीमत कम करनी चाहिए। यहां मैं केवल यही कहूंगा कर्म ही फल है हर समस्या का हल है मानवता का धर्म सबसे बड़ा कर्म है जय जवान जय किसान, तिरंगा देश की शान। निजी स्वार्थ छोड़कर पहचानो भारत देश हम सब की जान।  जय- हिंद।

 लेखकः- चौधरी शौकत अली चेची भारतीय किसान यूनियन (बलराज) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष हैं।