BRAKING NEWS

6/recent/ticker-posts


 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नंबवर-2021 को 1 बजे रखेंगे जेवर एयरपोर्ट की आधारशिला

 


5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का एकमात्र राज्य बनेगा उत्तर प्रदेश

>

 

एयरपोर्ट में ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर विकसित किया जाएगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी

 

>

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/जेवर एयरपोर्ट

गौतमबुद्धनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर-2021 को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे। आइए जानते हैं कि आखिर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की क्या खासियत होगी और कैसे गौतमबुद्धनगर समेत पूरे उत्तर प्रदेश के लिए विकास पंख लगने जा रहे हैं इन तमाम बारीकियों पर एक नजर डालते हैंः-

>
>

 इस एयरपोर्ट के तैयार हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य हो जाएगा जहां पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे। यह देश का पहला शुद्ध शून्य उत्सर्जन एयरपोर्ट होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले के जेवर में 25 नवंबर को दोपहर 1 बजे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला एकमात्र राज्य बनने की दिशा में अग्रसर हो जाएगा। इस एयरपोर्ट का विकास विमानन क्षेत्र को भविष्य की जरूरतों के अनुकूल तैयार करने और संपर्क को मजबूत बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उनके इस दृष्टिकोण के तहत उत्तर प्रदेश पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां पिछले दिनों नए कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया और अयोध्या में निर्माणाधीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट सहित अन्य एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं। नोएडा में बन रहा एयरपोर्ट, दिल्ली.एनसीआर क्षेत्र में दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा और इससे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों का दबाव कम होगा। रणनीतिक नजरिये से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का अलग महत्व होगा और इससे दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अलावा अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और पड़ोसी क्षेत्र के लोगों की जरूरतें पूरी होंगी। यह एयरपोर्ट उत्तरी भारत के लिए लॉजिस्टिक्स का द्वार बनेगा। अपने विस्तृत पैमाने और क्षमता के कारण यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के परिदृश्य को भी बदल देगा और दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश की क्षमता को उजागर करेगा तथा राज्य को वैश्विक लॉजिस्टिक मानचित्र में स्थापित होने में मदद करेगा। पहली बार भारत में किसी ऐसे एयरपोर्ट की परिकल्पना की गई है, जहां एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र हो तथा जहां सारा ध्यान लॉजिस्टिक संबंधी खर्चों और समय में कमी लाने पर हो। समर्पित कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन कर दिया जाएगा।


औद्योगिक उत्पादों के निर्बाध आवागमन की सुविधा के जरिये यह एयरपोर्ट क्षेत्र में भारी निवेश आकर्षित करने, औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने और स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे नए उद्यमों को कई अवसर मिलेंगे तथा रोजगार के मौके भी पैदा होंगे। एयरपोर्ट में ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर विकसित किया जाएगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी। इस तरह यह एयरपोर्ट सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जाएगा। नोएडा और दिल्ली को निर्बाध मेट्रो सेवा के जरिये जोड़ा जाएगा। आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग जैसे यमुना एक्सप्रेस.वे, वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस.वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस.वे, दिल्ली.मुम्बई एक्सप्रेस.वे तथा अन्य भी एयरपोर्ट से जोड़े जाएंगे। इस एयरपोर्ट को प्रस्तावित दिल्ली.वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके बाद दिल्ली और एयरपोर्ट के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जाएगा। नोएडा एयरपोर्ट में उत्कृष्ट एमआरओ यानी मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग सेवा भी होगी। हवाई अड्डे का डिजाइन बनाने में इस बात का ध्यान रखा गया है कि परिचालन खर्च कम हो तथा यात्रियों का आवागमन निर्बाध और तेजी से हो सके। एयरपोर्ट में टर्मिनल के नजदीक ही हवाई जहाजों को खड़ा करने की सुविधा होगी ताकि उसी स्थान से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन में हवाई सेवाओं को आसानी हो। एयरपोर्ट पर विमान जल्दी से काम पर लग जाएंगे और यात्रियों का आवागमन भी निर्बाध और तेजी से संभव होगा। यह भारत का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जहां उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य होगा। हवाई अड्डे ने एक ऐसा समर्पित भूखंड चिह्नित किया है, जहां परियोजना स्थल से हटाए जाने वाले वृक्षों को लगाया जाएगा और जंगल जैसे पार्क का रूप दिया जाएगा। नोएडा एयरपोर्ट वहां के सभी मूल जंतुओं की सुरक्षा करेगा और हवाई अड्डे के विकास के दौरान प्रकृति का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इस एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय बोली.कर्ता ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल क्रियान्वित करेगा। इस परियोजना का पहला चरण वर्ष 2024 तक 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है। 1300 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर फैली यह परियोजना प्रति वर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों को अपनी सेवा देगी। पहले चरण के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास का काम पूरा कर लिया गया है।