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इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में तीसरे आयुर्योग एक्सपो 2021, हिमालयन हर्बल एक्सपो और आरोग्य मेला शुरू

 


आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति समस्या के मूल कारण की तलाश करती है, न कि केवल लक्षणों की- जनरल वी.के. सिंह


 

केंद्रीय राज्य मंत्री सड़क, परिवहन, राजमार्ग और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्रालय, के मंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने तीसरे आयुर्योग एक्सपो, हिमालयन हर्बल एक्सपो और आरोग्य मेला का उद्घाटन किया

 


विजन लाइव / ग्रेटर नोएडा

आयुर्योग एक्सपो, हिमालयन हर्बल एक्सपो और आरोग्य मेले के तीसरे संस्करण का शुभारंभ आज इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में हुआ। इस एक्सपो का आयोजन आयुष मंत्रालय के सहयोग से इंडिया एक्सपोज़िशन मार्ट लिमिटेड द्वारा आयोजित एक्सपो और उत्तर प्रदेश सरकार और हस्तशिल्प के लिए निर्यात संवर्धन परिषद के समर्थन से हो रहा है। आयुष एक्सपो प्राकृतिक, आयुष (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) से संबंध रखने  वाली और  वैश्विक समुदाय के लिए बनाई गई, प्रदर्शित और बिक्री की गई हर चीज को प्रदर्शित करने, प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने का एक मंच है। आज 25 सितंबर से 27 सितंबर तक तीन दिन तक चलने वाले इस एक्सपो का उद्घाटन मुख्य अतिथि  केंद्रीय राज्य मंत्री सड़क, परिवहन, राजमार्ग और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्रालय, के मंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने किया। इस अवसर पर  पीके पाठक- विशेष सचिव, आयुष, भारत सरकार भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रोफेसर एस.एन.सिंह, निदेशक आयुर्वेद, यूपी,  एएमएएम और एआईएसी,भारत सरकार के अध्यक्ष पद्मश्री और पद्म भूषण वैद्य देवेंद्र त्रिगुण,एसवीवाईएएसए के कुलपति गुरुजी डॉ एच.आर.नागेंद्र और भारतीय योग संघ के संयुक्त सचिव जयदीप आर्य , पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार ने वर्चुअल मोड पर भाग लिया। इस अवसर पर आईईएम के चेयरमैन और हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि चिकित्सा समुदाय के सबसे प्रमुख संस्थान जिनमें चिकित्सा और समग्र स्वास्थ्य उद्योग की पारंपरिक प्रणाली के संस्थान, अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थान सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में 5000 आयुर्वेद चिकित्सक/छात्र अपने शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे और चल रही महामारी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य जागरूकता पोस्टर प्रदर्शित करेंगे। बोर्ड में 70 प्रदर्शकों, 40,000 से अधिक ऑनलाइन प्रतिनिधि और एक लाख से अधिक आगंतुकों का आना अपेक्षित है।  यह कार्यक्रम 500 वर्ग मीटर क्षेत्र में 15 से ज्यादा सत्रों और गतिविधियों की मेजबानी करने के लिए फैला हुआ है। अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉक्टर कुमार ने कहा कि आयुर्योग एक्सपो 2021 का उद्देश्य दुनिया भर के प्राकृतिक स्वास्थ्य और  वेलनेस विशेषज्ञों, शैक्षणिक संस्थानों और अच्छे विचार वाले लीडर्स को अच्छी तरह से जोड़ना और एक संगठित  मंच प्रदान करना है। इस सेक्टर के व्यवसायियों और शिक्षाविदों के अलावा, यह नए विद्वानों, शोधकर्ताओं,  उपयोगकर्ताओं और व्यापारिक निकायों के लिए पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली की बेहतर और गहरी समझ हासिल करने का एक सुनहरा अवसर है।  मुख्य अतिथि जनरल और भारत सरकार के सड़क, परिवहन, हाईवे और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने अपने संबोधन में कहा कि आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति समस्या के मूल कारण की तलाश करती है, न कि केवल लक्षणों की। उन्होंने कहा कि चिकित्सा की विभिन्न प्रणालियों को बढ़ावा दिया जाना जरुरी है क्योंकि प्रत्येक चिकित्सा प्रणाली के अपने फायदे हैं। इन प्रणालियों और इसके लाभ को आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया जाना भी बहुत महत्वपूर्ण है।इस अवसर पर एएमएएम और एआईएसी, भारत सरकार के अध्यक्ष, वैद्य देवेंद्र त्रिगुण ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट लिमिटेड को बधाई दी और कहा कि यह आयुर्वेद है जिसने भारत को कोविड महामारी के दौरान देश के सामने पेश की गई चुनौती का सामना करने में मदद की है। देश में कोविड की चुनौती का सफल प्रबंधन होने के पीछे एक बड़ी वजह ये भी है कि देश में प्रत्येक नागरिक इस चुनौती के दौरान किसी न किसी प्रकार की पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग करता रहा है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय मे विशेष सचिव एस.के पाठक ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि आखिरकार इस प्रकार का भौतिक आयोजन संभव हो सका। उन्होंने बताया कि महामारी का मुकाबला करने में आयुष के महत्व को समझते हुए उनके मंत्रालय ने पिछले डेढ़ वर्षों के दौरान विभिन्न पहल की हैं जिनमें आयुष ऐप लॉन्च करना शामिल है। उन्होंने आगे कहा, मंत्रालय ने पारंपरिक दवाओं के उपयोग के संबंध में विभिन्न दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं और विदेशों में भारतीय दूतावासों के माध्यम से दुनिया भर में प्रसारित करने के लिए उनका विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी किया है। इस आयोजन में दिनेश, प्रोफेसर एसएन, सिंह निदेशक आयुर्वेद यूपी और डॉ. योगेश मिश्रा सहित अन्य अतिथियों ने सामान्य दैनिक जीवन में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के महत्व पर प्रकाश डालाा। उनके मुताबिक वैकल्पिक चिकित्सा का सबसे बड़ा महत्व ये है कि यह चिकित्सा प्रणाली मानव शरीर की समग्र चिकित्सा और कल्याण पर जोर देती है। अतिथियों ने  देश भर में इसी तरह के मेलों का आयोजन करके देश के नागरिकों के बीच आयुर्वेद के संदेश को बढ़ावा देने और प्रचारित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।