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इंसान से अच्छा नही था, पंचायत चुनावः रणवीर प्रधान

 


जनता को जवाब देना ही होगा कि आखिर इंसान से अच्छा नही था, यूपी पंचायत चुनाव

 




डाढा और कयामपुर के प्रधान रहे व सपा के बूथ प्रभारी रणवीर प्रधान की ’’विजन लाइव’’ के साथ खास बातचीत

 




 मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

रोम जलता रहा और नीरो की वीणा बजती ही रही। जब रोम जल रहा था सम्राट नीरो सब कुछ जानते हुए भी अपने में मगन होकर बांसुरी बजा रहा था, खैर वो तो राजतंत्र था और तब राज्य की दशा के लिए राजा ही जिम्मेदार होता था। रोम के सम्राट तो भोग विलास में डूब कर इतने आत्ममुग्ध हो गए थे कि धीरे धीरे रोम की जनता भी अपने सम्राटों का अनुसरण करते करते अपने में मद मस्त हो गई। एक कहावत भी हैं न  यथा राजा  तथा प्रजा. रोमवासियो और उनके सम्राटों की यही आत्म केंद्रियता उनके पतन की वजह बनी। किंतु यहां कोरोना महामारी में यूपी में जिस तरह लाशें तैरती हुई पाई गई सरकार मानों संवेदनहीन हो गई। वैसे कोरोना महामारी की दूसरी लहर थी, तो जरूर, मगर चुनावों ने जिस तरह लोगों को बेपरवाह कर दिया क्या यह सरकार का कसूर नही था? आखिर इंसान से कतई अच्छा नही था पंचायत चुनाव।


यह बात डाढा और कयामपुर के प्रधान रहे व सपा के बूथ प्रभारी रणवीर प्रधान ने ’’विजन लाइव’’ के साथ खास बातचीत में कही। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या इंसान से अच्छे थे? पंचायत चुनाव। यदि सीएम योगी आदित्यनाथ जरा गंभीर होते, तो यूपी के चुनावों को टाल कर कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए सरकारी मशीनरी को लगा दिया होता। किंतु ऐसा नही हुआ और सरकार व नौकरशाही चुनावों में मदमस्त रहे वहीं कोरोना महामारी अपना विकराल रूप धारण करती ही चली गई। सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोरोना ने वैसे तो पूरे देश में तबाही मचाई, मगर यूपी में हालत बद से बदतर रहे। पवित्र गंगा नंदी में लाशें तैरती हुई पाईं, इससे ज्यादा भला क्या त्रासदी हो सकती है? बात यदि गौतमबुद्धनगर की करें तो यहां पहले ही औद्योगिक टाइनशिप लागू होने के चलते हुए पंचायत चुनाव रद्द हो चुके हैं। इन सबके बावजूद पूरे 5 वर्ष में जिला पंचायत का गठन तक नही हो पाया। जब ऐसा ही था तो फिर कौन सी जल्दी पडी थी सरकार को पंचायत चुनाव कराने की। जिले के चुनिंदा ग्राम पंचायतों और जिला पंचायत में चुनावों के नाम पर आखिर इस पूरे क्षेत्र को कोरोना महामारी के बीच झोंक दिया गया। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव जिले में 19 अप्रैल-2021 को हुए और मतगणना 2 मई को हुईं। इसके बाद गौतमबुद्धनगर में कोरोना महामारी ने ऐसा विकराल रूप धारण किया कि लोगों की सांसे थमने लगी। किसी को ऑक्सीजन नही मिली तो किसी तो बैड तक नसीब नही हुआ और किसी को दवा और किसी तो इंजेक्शन नही मिला और कई लोग दम तोड गए। ऐसी बदइंतजामी पहली बार देखी गई। उन्होंने बताया कि यूपी के शो विंडो माने जाने वाले गौतमबुद्धनगर के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना महामारी ने ऐसा कहर बरपाया कि शमशानों और कब्रिस्तानों में लाशों की कतारें तक देखी गई। इन सबके लिए जनता को जवाब देना ही होगा कि आखिर इंसान से अच्छा नही था, यूपी पंचायत चुनाव।