आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर की भूमि के नाम पर घोटाले का पर्दाफाश कर उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया भूचाल ला ही दिया
कांग्रेस हो या फिर आम आदमी पार्टी, आजाद समाज पार्टी हो या फिर औवेंसी की पार्टी इन सभी दलों को जरूर मैदान में आने का मौका मिलेगा
ऐसा लगता है कि सपा और बसपा का उत्तर प्रदेश में भाजपा से गुप्त समझौता हो ही गया है। यदि ऐसा हुआ तो उत्तर प्रदेश की जनता सपा और बसपा को कतई माफ नही करेगी। ऐसी स्थिति में ये दोनो ही दल हमेशा के लिए उत्तर प्रदेश से अपनी राजनीतिक जमीन खों देंगे
चौधरी शौकत अली चेची
--------------------------------- वाह मोदी जी वाह, कमाल कर दिया और धोती फाड़ फाड़ के रूमाल कर दिया। अंध भक्तों के साथ पूरे देश को कंगाल कर दिया। देश में पूंजीपति मित्र मालामाल हो रहे हैं। ओबीसी, एससी एसटी का आरक्षण खत्म होने के कगार में है। 35 श्रम कानून समाप्त कर दिए और किसानों की जमीनों को और आदिवासियों के जंगलों पर काग दृष्टि जमी हुई है। ऐसा लग रहा है कि लोकतंत्र को समाप्त कर राजशाही शासन की तरफ अग्रसर है। जीडीपी रसातल में चली गई। विदेश नीति कैसे हो चली है? कभी 56 इंची सीने की बात करते थे मगर अब पाक और चीन जैसे देश लगातार गुर्रा रहे हैं। जाति धर्म की द्वेष भावना को बढ़ावा दिया जा रहा है इससे शांति सौहार्द को लगातार पलीता लगाया जा रहा है। वहीं नोटबंदी,जीएसटी ने लोगों के मुंह का निवाला छीने में कोई कसर बाकी नही छोडी है मगर इससे नेताओं को कौन सा फर्क पडने वाला है वह तो ससंद की कैटीन में फ्री जैसी खा रहे हैं। सरकार के बनाए कानूनों की बात करें तो जनता पूरी तरह से नाराज दिखाई पड रही है कि इनमें चाहे नागरिकता संशोधन कानून, धारा 370, 35ं और तीन कृषि काले कानूनों की बात हो मगर सरकार कानों में रूई डाल कर बैठी हुई है। अन्नदाता किसान महीनों से राजधानी दिल्ली की सरहदों पर हकों के लिए डेरा जमाए हुए बैठा है। देश में रोजी , रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, अनुदान राशि सब उछन छू हो चले हैं जब कि महंगाई को आबाद करने की रणनीति लगातार जारी है, देश इससे लगभग 40 साल पीछे चला गया है। गोदी मीडिया का रोजगार खूब फल फूल रहा है। सोशल मीडिया सच्चाई को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। अच्छे दिन तो अब आने ही वाले हैं, भाजपा का विरोध व विपक्षी पार्टियों का सहयोग जनता के बीच बराबर चल रहा है आने वाला समय चुनाव का दारू चंद रुपए, सूट, साड़ी, जाति धर्म की नफरत से किसको लाभ होगा, देखना समझना बाकी है। किसी के घर परिवार की बर्बादी व लाशों के लग जाएं कितने ही अंबार मगर वोट देने के समय पर सब भूल जाते हैं, नहीं समझते की जिनके नहीं होते घर परिवार वह क्या जाने अत्याचार भ्रष्टाचार? कोराना व लॉकडाउन से कितने गेट बंद कितने शटरडॉउन हुए जिसने किया विरोध करी सच्चाई उजागर, उसके ऊपर कानून का पंजा भारी। पिछले 7 सालों से क्या समझ पाई जनता बेचारी। नेता सत्ता में बने रहने के लिए पलटी मारते रहते हैं। लोगों में चर्चा यह भी है 2022 चुनाव का बिगुल बजने वाला है। भाजपा ने चुनाव जीतने की रणनीति शुरू कर दी है। इसकी शुरूआत भी उत्तर प्रदेश से ही होने वाली है। कोरोना और लॉकडाउन में जैसी बदइंतजामी की तस्वीर देखने को मिली भाजपा के हाथपांव फुले हुए हैं कि शायद उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 के चुनावों में सत्ता की वापसी न हो। भाजपा और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बाकायदा नाराज जनता की नब्ज को भांप लिया है और सुशासन के लिए ऐडी चोटी का अभी से जोर लगाना शुरू कर दिया है। किंतु वहीं पूरा का पूरा विपक्ष भांग के नशे की गोलियां खा कर सो रहा है। सपा हो या फिर बसपा यदि भाजपा से जनता का मोहभंग होगा तो फिर किस पर विश्वास किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की जनता विकल्प के तौर पर अभी भी सपा या बसपा को देख रही है मगर इन दोनों दलों की जनता के प्रति जवाबदेह ठीक नही है। ऐसा लगता है कि सपा और बसपा का उत्तर प्रदेश में भाजपा से गुप्त समझौता हो ही गया है। यदि ऐसा हुआ तो उत्तर प्रदेश की जनता सपा और बसपा को कतई माफ नही करेगी। ऐसी स्थिति में ये दोनो ही दल हमेशा के लिए उत्तर प्रदेश से अपनी राजनीतिक जमीन खों देंगे। आखिर फिर चाहें कांग्रेस हो या फिर आम आदमी पार्टी, आजाद समाज पार्टी हो या फिर औवेंसी की पार्टी इन सभी दलों को जरूर मैदान में आने का मौका मिलेगा। कोई कुछ भी कहेंं आखिर यह सभी छोटे दल ही तो भाजपा की कथनी और करनी को जनता के बीच ईमानदारी से लाने के कार्य में लगे हुए हैं। आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर की भूमि के नाम पर घोटाले का पर्दाफाश कर उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया भूचाल ला ही दिया। इसी प्रकार इन सभी दलों के मुखिया सडक पर उतरे हुए हैं। वहीं सपा और बसपा अभी भी यह भ्रम पाले हुए है कि जनता बगैर कुछ करें भाजपा को हरा देगी। इन दोनों ही दलों ही हालत ऐसी है जैसे कि मकान की बाउंड्री व दरवाजे पर गेट गार्ड की भी जरूरत नहीं है इसलिए कार्यकारणी भंग हैं। कार्यकर्ताओं को शायद बंधुआ मजदूर समझा जा रहा है। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी नहीं देना, चर्चा का विषय बना हुआ है। कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ होता है। प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की प्रक्रिया शुरू नहीं की। सपना देख रहे है कि भाजपा को हराने का, भाजपा को हराने के लिए 10 कदम आगे चलना पड़ेगा। प्रवक्ताओं को टीवी पर बहस कराने ट्यूटर ट्यूटर खेलने से भाजपा को ही लाभ मिल रहा है। इन सभी बातों में कितनी सच्चाई है, आने वाले चुनावों से ही पता लगेगा। जय जवान, जय किसान, हमेशा रहेगा, हम सबका भारत, देश महान, जय हिंद।
लेखकः. चौधरी शौकत अली चेची भारतीय किसान यूनियन (बलराज) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष हैं।