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सूरजपुर बाराही मेले पर इस बार भी कोरोना महामारी का लगा ग्रहण

 


भीड से संक्रमण फैलने की अत्यधिक संभावना को ध्यान में रखते इस बार भी मेले का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया





क्षेत्रीय परंपरा बंद न हो इसलिए दिनांक 27 अप्रैल पूर्णमासी को यज्ञ, हवन और भजनो के माध्यम से रस्मादायगी की जाएगीः शिव मन्दिर सेवा समिति




मौहम्मद इल्यास/गौतमबुद्धनगर

गौतमबुद्धनगर में प्राचीन ऐतिहासिक और शिक्षाप्रद मेलों में श्री कृष्ण जन्मोत्सव मेला दनकौर और सूरजपुर बाराही मेला गत वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के चलते हुए रद्द कर दिए गए थे। वर्ष 2020 के अंत होते होते कोरोना महामारी भी खत्म होने लगी थी। जनवरी 2021 में ऐसा आभास होने लगा था कि कोरोना महामारी एक तरह से भारत से खत्म सी हो गई है और अब कुछ सामान्य होना तय है। धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के पुनः शुरू हो जाने की पूरी संभावनएं बलवती हो चली थी। किंतु जैसे ही सर्दी जानी शुरू हुई और गर्मी के मौसम का आगाज हुआ पुनः कोरोना महामारी ने भी अपना पूरा रंग दिखाना शुरू कर दिया।  इस वर्ष जनवरी फरवरी महीने में शिव मंदिर सेवा समिति की ओर से बाराही मेले के आयोजन की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं और 26 अप्रैल-2021 से प्राचीन बाराही मेला शुरू किया जाना था, जो करीब 10 दिन तक चलता। इस प्राचीन बाराही मेले में लाखों लोगों की भीड जूटती रही है। मार्च-2021 से कोरोना महामारी ने एक फिर तांडव मचाना शुरू कर दिया है। फिलहाल अप्रैल  के इस महीने में कोरोना महामारी से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना से पीडित मरीजों को अस्पतालों को बैड तक नही मिल पा रहे हैं। त्रासादी इतनी हो रही है कि एंबुलैंसों के लिए ऑक्सीजन के सिलेंडरों को टोटा हो रहा है। हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म होने से मरीज मर रहे हैं। शमशान और कब्रिस्तानों में लाशों की कतारे लगी हुई हैं। कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई इस भयावह स्थिति को देखते हुए इस बार फिर सूरजपुर बाराही मेले पर ग्रहण लग गया है। 12 दिवसीय परंपरागत ऐतिहासिक बाराही मेला के आयोजन को लेकर धर्मपाल भाटी अध्यक्ष शिव मन्दिर सेवा समिति पंजी० सूरजपुर की अध्यक्षता में कार्य समिति की अतिमहत्वपूर्ण बैठक आहुत की गई। इस बैठक का संचालन महासचिव ओमवीर बैसला ने किया। बैठक में कोरोना महामारी की भयावह स्थिति व आगामी 26 अप्रैल से 8 मई तक ऐतिहासिक बाराही मेले के होने वाले आयोजन पर विस्तार से चर्चा हुई। धारा 144 का पालन करते हुए बैठक में चार मुख्य पदाधिकारियों को ही बुलाया गया। बाकि पदाधिकारियों ने फोन के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया, पिछले वर्ष कोरोना महामारी की वजह से मेला का आयोजन नही हो पाया था। इस बार के आयोजन पर सभी से विचार विमर्श करने के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआ कि कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक दूरी बनाया जाना अति आवश्यक है और मेले मे रोजाना लाखों की संख्या में लोग मेला स्थल पर आते है। इस बार और अधिक लोगों के आने की संभावना है। इसलिए लोगो की भीड से संक्रमण फैलने की अत्यधिक संभावना को ध्यान में रखते इस बार भी मेले का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया। शिव मंदिर सेवा समिति पंजी० सूरजपुर के महासचिव ओमवीर बैंसला ने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि क्षेत्रीय परंपरा बंद न हो इसलिए दिनांक 27 अप्रैल पूर्णमासी को यज्ञ, हवन और भजनो के माध्यम से रस्मादायगी की जाएगी, जिसमें बहुत ही कम संख्या में कार्यकर्ता शामिल होगें तथा शासन प्रशासन की गाईड लाईन का पूर्णतया पालन किया जाएगा। इस मौके पर शिव मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष धर्मपाल भाटी ने सामाजिक दूरी बनाए रखने व मॉस्क लगाने की सभी से अपील की व धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में धर्मपाल भाटी, डा० ईश्वर देवधर, लक्ष्मण सिंघल पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।