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--------------------------साथी आगे आए और जबरदस्ती खून की बूंदें दान कीं

 


हमारे प्यारे भारत देश में सब एक हैं, जाति और धर्म की दीवार कुछ नही है, यदि कुछ है तो वह इंसानियत और भाईचारा हैःएस.पी. सिंह

 

मौहम्मद इल्यास/गौतमबुद्धनगर

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प्यारे देश भारत में इंसानियत आज भी जिंदा है। जिंदगी में निराश, हताश था, मेरे बड़े भाई मैक्स आईसीयू में थे, मुझे ब्लड की बहुत जरूरत थी। मेरे सारे भाई मिलकर मेरी मद्द कर रहे थे। इसी बीच एक साथी आगे आए और जबरदस्ती खून की बूंदे दान की। यह कहना है कि एस.पी. सिंह का। एस.पी. सिंह सूरजपुर के दीक्षा पब्लिक स्कूल में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात है। प्रधानाचार्या एस.पी. सिंह के भाई गंभीर हालत में मैक्स अस्पताल में हैं। डॉक्टरों ने कहा कि खून की जरूर है। एस.पी. सिंह ने अपने परिचित और संबंधियों को यह बात बताई तो खून के लिए कई लोग आगे गए। एस.पी. सिंह ने ’’विजन लाइव’’ को बताया कि डॉक्टरों द्वारा भाई के इलाज के लिए खून की जरूरत होने पर कई साथी और रिश्तेदारों ने खून दान कर दिया। किंतु इस बात की खबर जैसे ही अपने परिचित समसुद्दीन सैफी को लगी वह फौरन दौडे चले आए और जबरदस्ती भाई के इलाज के लिए अपना खून दान में दिया। उन्होंने कहा कि भाई समसुद्दीन सैफी की इस दरियादिली के वह कायल हो चुके हैं। क्योंकि उन्होंने भाई समसुद्दीन सैफी से खून देने के लिए कहा भी नही और उन्हें जैसे ही पता चला फौरन ही दौडे चले आए और खून दे दिया। एस.पी. सिंह ने कहा कि इंसानियत की यह मिशाल उन लोगों के मुंहू पर करारा तमाचा है तो नफरत और कट्टरता की फसल को खाद पानी देने का काम करते हैं। हमारे प्यारे भारत देश में सब एक हैं, जाति और धर्म की दीवार कुछ नही है यदि कुछ है तो वह इंसानियत और भाईचारा है।