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गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरी बेशक बन गई हो मगर निचले स्तर पर पुलिस का ढर्रा बिल्कुल भी नही बदला

 



बीटा-2 थाना पुलिस ने नही दी, चैक बुक खो जाने की रिसीविंग

 





तंग होकर रियल एस्टेट कारोबारी ने उक्त शिकायत पत्र स्पीड पोस्ट से बीटा-2 कोतवाली के लिए प्रेषित किया

 

मौहम्मद इल्यास/ग्रेटर नोएडा


गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरी बेशक बन गई हो मगर निचले स्तर पर पुलिस का ढर्रा बिल्कुल भी नही बदला है। यदि आपकी चैक बुक जैसी चीज ही खो जाए तो थाने जाकर सूचना देने के तक के लिए पूरे पसीने बहाने पडते हैं। अमूमन देखा जाता है कि जब बैंक की चैक बुक खो जाती है तो खाता धारक बैंक को सूचित करता है और फिर ऐहतियात के तौर पर इसकी इतिला पुलिस को देनी होती है। इस तरह के मामले में यदि इतिला पुलिस को नही दी गई और कोई मिसयूज हो गया तो ऐसे में पुलिस फिर कितने की सवाल करेगी, मानो जान ही निकल जाएगी चैक बुक धारक की। मगर चित्त भी पुलिस की और पट्ट भी पुलिस की। ऐसा ही एक मामला गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट का प्रकाश में आया है। हुआ यूं कि रियल एस्टेट के कारोबार से जुडे प0 शिव कुमार आर्य निवासी जे-402 एनआरआई सिटी ओमेगा-2 ग्रेटर नोएडा का ऑफिस कॉमर्शियल बेल्ट में दूसरी ओर स्थानांतरित होना था। रियल एस्टेट कारोबारी प0 शिव कुमार आर्य का ऑफिस कॉमर्शियल बेल्ट में दूसरी ओर स्थानांतरित हो भी गया मगर उनकी चैक बुक खो गई। सबसे ज्यादा इस बात हुई कि इस चैक बुक में कई चैक किसी को देने के लिए हस्ताक्षरित किए हुए रखे हुए थे और जिसकी सीरज 297470 थी। रियल एस्टेट कारोबारी प0 शिव कुमार आर्य का खाता आई.डी.बी.आई. बैंक की ग्रेटर नोएडा शाखा में हैं। चैक बुक खो जाने से हैरान परेशान रियल एस्टेट कारोबारी प0 शिव कुमार आर्य ने सबसे पहले बैंक में जाकर स्टॉप पैमेंट के लिए पत्र दे दिया। बैंक ने तत्काल कार्यवाही कर उन्हें अवगत करा दिया गया। अब बारी आती है पुलिस की। दिनांक 04-11-2020 को रियल एस्टेट कारोबारी ने तहरीर लिख कर थाना बीटा-2 पुलिस में भिजवाई। तहरीर लेकर जब एसएसआई के सामने पहुंचे तो उन्होंने तपाक से कह दिया कि चैक बुक खो जाने की कोई भी शिकायत यहां नही ली जाएगी। तत्पश्चात बीटा-2 कोतवाली प्रभारी सुजीत उपाध्याय के ऑफिस में पहुंचे और शिकायत प्राप्त कराए जाने का अनुरोध किया। इस पर कोतवाली प्रभारी की ओर से भी टरकाते हुए कह दिया गया कि यहां थाने में चैक बुक खो जाने की कोई भी रिसीविंग नही दी जाएगी। आखिरी बार मशक्कत करते हुए मोहर्रिर से अनुनय विनय की गई तो बिना तहरीर देखें ही कह दिया गया कि एफीडेविट बनवा कर लाओं और कुछ खर्चा जरूर करना पडेगा। तंग होकर बीटा-2 कोतवाली से बैंरग लौटने के दूसरे दिन उक्त शिकायत पत्र स्पीड पोस्ट से बीटा-2 कोतवाली के लिए प्रेषित कर दिया। रियल एस्टेट कारोबारी प0 शिव कुमार आर्य ने बताया कि गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरी जरूर बन गई है यहां पुलिस अफसरों की खूब भरमार है। मगर थाना स्तर पर जहां आम आदमी का वास्ता ज्यादा पडता है, ढर्रा बिल्कुल भी नही बदल पाया है, बस ऐसी पुलिस का तो भगवान ही मालिक है।