भाकियू टिकैत का अनिश्चितकालीन धरना कलेक्ट्रेट सूरजपुर में स्थगित
विजन लाइव/ग्रेटर नोएडा
जिला मुख्यालय सूरजपुर में चल रहा गन्ना पेमेंट, बिजली बिल, भूमि अधिग्रहण आदि किसानों की समस्याओं से परेशान होकर भाकियू के अनिश्चितकालीन धरना स्थागित कर दिया गया हैं। डीसीपी राजेश कुमार एडीएम एल.ए. बलराम सिंह, एडीएम प्रशासन दिवाकर सिंह, नोएडा प्राधिकरण से ओएसडी संतोष उपाध्याय,ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से ओएसडी सचिन कुमार, यमुना प्राधिकरण से ओएसडी शैलेंद्र भाटिया और सीडीओ अनिल कुमार, बिजली विभाग से अधिशासी अभियंता नोएडा प्रशांत कुमार, ग्रेटर नोएडा से सुबोध त्यागी, जिला चिकित्सालय से सीएमओ संबंधित तहसीलदार आदि सभी किसानों की जन सुनवाई के दौरान समस्याओं का निस्तारण कराया। इसमें प्रमुख बिजली विभाग द्वारा खराब दिलों को तत्काल ठीक कराया गया व मार्च 2021 तक किसानों के बिल भरने की छूट तथा दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे साथ ही नोएडा के ग्रामों को जहां है जैसा है छोड़ा जाए पर ओएसडी संतोष कुमार उपाध्याय ने भरोसा जताया कि बना हुआ एक भी मकान नहीं गिराया जाएगा। बाकी बची समस्याओं के लिए संबंधित अधिकारियों ने किसानों के साथ मीटिंग तय की है। पंचायत की अध्यक्षता हरवीर सिंह ने की एवं संचालन संजय शर्मा ने किया। पंचायत में एनसीआर अध्यक्ष सुभाष चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष पवन खटाना, जिला अध्यक्ष अनित कसाना, महानगर अध्यक्ष परविंदर अवाना, एनसीआर प्रवक्ता गजेंद्र चौधरी, तहसील अध्यक्ष सुरेंद्र नागर, मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान और राजे प्रधान, अशोक भाटी, मटरू नागर, गिरिराज सूबेदार, बेली भाटी, महेश खटाना, सिंहराज गुर्जर, सुभाष नेताजी, जोगिंदर कसाना, रविंद्र भगत जी, भारत अवाना, सुमित तंवर, अंकुर शर्मा, विनोद शर्मा, ईंद्रेश, फ़िरे राम तौंगड, सुरेंद्र ढाक, शमशाद सैफी, संजय शर्मा, विकास नीमका, भोले शंकर, आदर्श भाईपुर, इंदरजीत कसाना, रजनीकांत अग्रवाल, जगदीश कुमार, अनिल खटाना, सुंदर खटाना, गौतम, रोहित, उदम खटाना, संदीप खटाना, नरेंद्र खटाना, जोगिंदर, भरत अवाना, संदीप अवाना, धर्मपाल स्वामी, ठाकुर सुरजन सिंह, विपिन दास, देवेंद्र सिंह, बबलू भाटी, बादल भाटी, बलजीत नागर, श्रीचंद तवर, कर्मवीर तंवर, कैलाश नागर, गजेंद्र नागर, जयवीर भाटी आदि पदाधिकारी और कार्यकर्तागण उपस्थित रहे। प्रदेश प्रवक्ता एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष पवन खटाना ने बताया कि पंचायत ने अनिश्चितकालीन धरने को स्थगित करने का फैसला लिया, अगर शासन प्रशासन ने कोई भी चालाकी की और आश्वासन के बाद मांगों को पूरा नही किया तो त्यौहारों के बाद पुनः आंदोलन होगा।