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डीसीपी जोन-2 और एडीसीपी जोन-1 द्वारा माफी मांगे जाने के साथ वकीलों का आंदोलन खत्म

 




 अधिवक्ता के साथ पुलिस की अभ्रदता से गुस्साए हुए वकीलों ने सूरजपुर जिला न्यायालय में दूसरे दिन भी धरना दिया

 



विजन लाइव/ग्रेटर नोएडा

गौतमबुद्धनगर में वकील के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यहार किए जाने का मामला दूसरे दिन भी सुलगता हुआ दिखाई दिया। वकील नारेबाजी करते हुए जिला न्यायालय के बरामदे पर धरने पर बैठ गए। वकीलों की मांग थी कि अधिवक्ता साथी के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया है। जब पुलिस अफसर लिखित में माफी नही मांगेगे तब तक यह धरना चलता ही रहेगा। वकीलों का यह धरना प्रदर्शन गुरूवार से चल रहा है। गुरूवार सुबह से जिला न्यायालय सूरजपुर में गुस्साए हुए वकीलों ने पुलिस को बाहर कर ताला बंदी कर दी थी और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारी वकील पुलिस कमिश्नर को मौके पर बुलाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारी वकीलों ने कहा कि जब से गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू की गई है पुलिस की तानाशाही बढती जा रही है और वहीं दूसरी ओर बगैर रिश्वत के कोई काम नही होता है। थानों जब से 151 और 107/116 जैसे मामलों के मुलजिम पेशी के लिए आते हैं तो पुलिस सांठगांठ में ज्यादा लगी रहती है। 107/116 जैसी धारा में बेलबांड भरे जाने का प्रावधान है, जमानती पेश किए जाने की जरूरत नही होती है। पुलिस जिससे सांठगांठ कर लेती है बेलबांड के बाद छोड दिया जाता है और ऐसा नही होता है वहां जमानती पेश किए जाने की मांग की जाती है। पुलिस की इस लापरवाही और करप्शन की वजह से वकील परेशान है और जब वकील तथ्य प्रस्तुत करते हैं तो उनकी बातों को अनसुना कर दिया जाता है। प्रदर्शनकारी वकीलों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि एसीपी पेशी से जब वकील अनिल भाटी ने तर्क रखने चाहे तो न केवल उनकी बातों को अनसुना कर दिया बल्कि उनके साथ अभद्रता की और धक्क देकर ऑफिस से बाहर निकलवा दिया गया। पीडित वकील अनिल भाटी ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश गौतमबुद्धनगर को लिखे पत्र में अवगत कराया कि नोएडा सेक्टर-6 में दिनांक 18 नवंबर-2020 को कार्यापालक मजिस्ट्रेट/ एस.सी.पी न्यायालय में मुलजिम को जेल भेजे जाने का जमानता प्रार्थना पत्र सुनवाई किए जाने के लिए कहा तो वे भडक गए और धमकाते हुए बाहर कर दिया। पुलिस ने उन्हें बाहर कर दिए जाने के बाद जमानत प्रार्थना पत्र तक फाड दिए। पत्र में पीडित ने घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग की गई। जिला न्यायालय परिसर में गुरूवार को वकीलों के बढते हुए गुस्से को देखते हुए एडीशनल डीसीपी रणविजय मौके पर पहुंचे थे। गुस्साए हुए वकीलों ने पहले तो उन्हें भी खूब खरी खोटी सुनाई और फिर इस बात पर अड गए कि पुलिस कमिश्नर स्वंय मौके पर आएं और घटना में शामिल दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दें। आखिर जब बात नही बनी तो एडीशनल डीसीपी रणविजय बैरंग लौट गए। दूसरे दिन आज शुक्रवार को दोपहर बाद फिर एडीशनल डीसीपी जोन-1 रणविजय और डीसीपी जोन-2 हरिश्चंद्र भी मौके पर पहुंचे और वकीलों की मांग के अनुरूप माफीनामा प्रस्तुत किया।  बार अध्यक्ष संजीव वर्मा एडवोकेट ने बताया कि पुलिस की ओर से मौके पर आए एडीशनल डीसीपी जोन-1 रणविजय और डीसीपी जोन-2 हरिश्चंद्र ने लिखित में माफी मांग ली और अधिवक्ताओं को भरोसा दिलाया कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नही होने दी जाएगी और अधिवक्तागणों को पुलिस द्वारा पूरा सम्मान दिया जाएगा।