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भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत की 85 वीं जयंती पर किसान जागृति दिवस कार्यक्रम संपन्न

 



 महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत के बताए हुए रास्तों पर चलते हुए किसानों के हकांं की आवाज को बुलंद करते रहना जरूरीः जेवर विधायक

 



विजन लाइव/ग्रेटर नोएडा

किसानों के मसीहा व भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत की 85 वीं जयंती पर आयोजित किसान जागृति दिवस कार्यक्रम तिरूपति बालाजी ईंट उद्योग लाला वेद्रपकाश अग्रवाल का भट्टा मुहफाड सिकंद्राबाद रोड दनकौर जिला कार्यालय प्रांगण में संपन्न हुआ। किसान जागृति दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय सचिव बाबा लज्जा राम प्रधान ने की और संचालन प्रदेश प्रवक्ता एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष पवन खटाना ने किया। प्रातः हवन पूजन कर एनसीआर अध्यक्ष सुभाष चौधरी, जिला अध्यक्ष अनित कसाना एवं नोएडा महानगर अध्यक्ष परविंदर अवाना, जिला कोषाध्यक्ष रजनीकांत अग्रवाल, मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान एवं दनकौर नगर अध्यक्ष संदीप जैन ने आहूति दी। किसान जागृति दिवस कार्यक्रम में जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह, यमुना विकास प्राधिकरण के एसीईओ रविंद्र कुमार सिंह, प्रबंधक अशोक कुमार सक्सेना, प्रबंधक अजय कुमार, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी सचिन कुमार, डीसीपी जोन-3 राजेश कुमार सिंह, एडिशनल डीसीपी जोन-1 रणविजय सिंह, एसीपी विमल कुमार, दनकौर थाना इंचार्ज अनिल कुमार पांडे, चौकी इंचार्ज दिनेश सिंह आदि अतिथिगणों ने भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र  सिंह ने कहा कि किसानों के मसीहा चौ0 महेंद्र सिंह टिकैत ने हक और हकुकों की आवाज को बुलंद कराना सिखाया। महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत के बताए हुए रास्तों पर चलते हुए किसानों के हकांं  की आवाज को बुलंद करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों के हकों के लिए सरकार तक उनकी आवाज पहुंचाने कार्य कर लाभ दिलाया। हालांकि किसानों की अंतर्मन की आवाज को देखते हुए 4 गुना मुआवजे की बात सरकार तक पहुचांने का काम कर रहे थे। मगर इसी बीच पता चला कि एयरपोर्ट कहीं दूसरी जगह जा सकता है तो उन्होंने किसानों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलवाया था। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हकों को ध्याने में रख कर विकास का लक्ष्य छूने का काम कर रही है। फिल्म सिटी भी जो उत्तर प्रदेश के कई दूसरे क्षेत्रों में जा रही थी,इस यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र मेंं स्वीकृत हो चुकी है यह खुशी की बात है। साथ ही अब यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने अब किसानों के हितों को देख कर आवासीय भूखंडों में आरक्षण की तर्ज पर व्यवसायिक और वाणिज्यक भूखंडों में किसानों को आरक्षण देने का फैसला किया है इससे किसानों की दिशा और दशा दोनों ही सुधरेगी। उन्होंने कहा कि 64.7 प्रतिशत आबादी आदि समस्याओं को सरकार के द्वारा जल्द ही निस्तारित कराया जाएगा। यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के एसीईओ रविंद्र कुमार सिंह ने कहा कि यमुना विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले सभी किसानों को कमर्शियल योजनाओं में भी आरक्षण दिया जाएगा तथा यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले किसानों के बच्चों को रोजगार के लिए लगने वाली हर इंडस्ट्रीज में 25 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि किसानों को बच्चों की शिक्षा पर ज्यादा देने की जरूरत है। एक और यहां पर एक से बढ कर शैक्षिक संस्थान मगर यहां पर पढने वाले स्थानीय छात्रों की संख्या नागण्य ही है। इन शैक्षिक संस्थानों में दूसरे क्षेत्रों के बच्चे शिक्षा ग्रहण आते हैं। यदि के बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा तो यह तय है कि यहां से हर स्तर पर प्रतिभाएं निकल कर बडे स्तर पर जाएंगी। संचालन कर रहे पवन खटाना ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक और हमारे बीच के अधिकारी क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचा कर उनका निस्तारण कराना सुनिश्चित करें किसानों को उनकी जमीन का 64 0.7 प्रतिशत मुआवजा एवं उनके घरों की छत जो उनकी आबादी जहां पर है जैसी है के आधार पर छोड़ी जाए। एनसीआर अध्यक्ष सुभाष चौधरी ने कहा कि समस्याओं को सरकार एवं सरकार के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि समय रहते हुए निस्तारित करें अन्यथा भारतीय किसान यूनियन क्षेत्र में एक बड़ा आंदोलन करके टिकैत साहब के आदर्शोर्ं पर चलकर किसानों को उनका हक दिलाएंगी। जिला अध्यक्ष अनित कसाना ने कहा कि कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी संगठन को मजबूत करें और आंदोलन के लिए हर समय तैयार रहें। जैसे ही कोविड.19 महामारी से देश में कुछ छूट मिलेगी तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर लज्जाराम प्रधान, पवन खटाना, सुभाष चौधरी, अनित कसाना, सुनील प्रधान, फिरे राम तौंगड,शमशाद सैफी, परविंदर अवाना, सुरेंद्र नागर, सरदार मनजीत सिंह, हरेंद्र भाटी, राजे प्रधान, रजनीकांत अग्रवाल,संदीप जैन, अनिल खटाना, संदीप खटाना, गजेंद्र चौधरी, रविंदर भगत जी, विपिन नंबरदार, योगी नंबरदार, इंदरजीत कसाना, बेली भाटी, अमित डेढ़ा, भरत सिंह, विपिन तंवर, महेश खटाना, ओमी, अनिल, विनोद प्रधान, धीरेंद्र नंबरदार, प्रमोद सफीपुर, जगत प्रधान, पंकज नागर, धर्मपाल स्वामी, देवी राम, सुभाष, भिकारी प्रधान, चाहत मास्टर जी, चंद्रपाल बाबूजी, सुरजन सिंह, रमेश पंडित,संजय रामपुर,विकास नीमका, महेश चौराली,लाला चौधरी,जगपाल नेता, सचिन नागर, जयप्रकाश आर्य,अशोक भाटी आदि कार्यकर्तागण मौजूद रहे।

भाकियू राष्ट्रीय सचिव महेंद्र सिंह चौरोली नही आए

 


भरतीय किसान यूनियन के संस्थापक चौ0 महेंद्र सिंह टिकैत की 85 जयंती समारोह किसान जगृति दिवस बडी धूमधाम से संपन्न हुआ। मगर इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय सचिव महेंद्र सिंह चौरोली इस कार्यक्रम में शामिल नही हुए। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के गौतमबुद्धनगर जिलाध्यक्ष अनित कसाना का कहना था कि भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय सचिव महेंद्र सिंह चौरोली बुलंदशहर में किसान जागृति दिवस में शामिल होने के लिए गए हैं। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय सचिव महेंद्र सिंह चौरोली की कुछ नराजगी है और वह जेवर से सीधे बुलंदशहर कार्यक्रम में चले गए हैं। बाबा महेंद्र सिंह टिकैत की यह 85 वीं जयंती प्रत्येक जिले में मनाई जा रही है। सूत्रों की मानें तो करीब डेढ दशक पूर्व चौ0 महेंद्र सिंह टिकैत की नेतृत्व वाली भारतीय किसान यूनियन का वर्चस्व गौतमबुद्धनगर जिले में कायम हुआ था। दनकौर और जेवर क्षेत्र से ही यह भारतीय किसान यूनियन किसानों की आवाज को बुलंद कर लोकप्रियता के मुकाम पर पहुंची थी। जिले में देहात मोर्चा के बाद यदि कोई संगठन इतनी तेजी से लोगों के बीच पैंठ बना पाया तो यह भारतीय किसान यूनियन ही थी। किंतु इसके बाद ख्ांड विखंडित होकर यह भारतीय किसान यूनियन बिखर गई। भारतीय किसान यूनियन टिकैत अराजनैतिक, भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति, भारतीय किसान यूनियन चौ अंबावता, भारतीय किसान यूनियन भानू, भारतीय किसान यूनियन महेश बादौली, भारतीय किसान बलराज भाटी और किसान एकता संघ जैसे संगठन आसित्व में आए हैं। भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय सचिव महेंद्र सिंह चौरोली की नाराजगी की बात सही मानी जाए तो ऐसा भी हो सकता है कि फिर भारतीय किसान यूनियन के नाम से एक नया संगठन आसित्व में आ जाए?