हाईकोर्ट के ताजा
फैसले के
अनुसार यमुना
विकास प्राधिकरण
से संबंधित
गांवों में
64.07 प्रतिशत मुआवजे समेत संबंधित मुद्दे
अब खटाई
में नजर
आने शुरू
विजन लाइव/दनकौर
गौतमबुद्धनगर में किसानों
की लडाई
को लेकर
अलग अलग
हुए भारतीय
किसान यूनियन
के चारों गुट फिर
एक मंच
पर आ
गए हैं।
एक मंच
साझा करते
हुए इन
चारों गुटों
ने ऐलान
किया कि
अब किसानों
के मुद्दे
पर नोएडा,
ग्रेटर नोएडा
और यमुना
विकास प्राधिकरणों
से मजबूती
से लडाई
जाएगी, साथ
ही 64..07, विकसित भूखंड और आबादी
के मुद्दे
पर आर
पार का
आंदोलन होगा।
भारतीय किसान
यूनियन हमेशा
से ही
किसानों के
खाद, बीज,
फसलों के
मूल्य आदि
मुद्दों को
लेकर स्व0
चौधरी महेंद्र
सिंह टिकैत
के बताए
रास्ते पर
चल कर
लडाई लडता
रही है।
करीब एक
दशक पूर्व
भारतीय किसान
यूनियन का
गौतमबुद्धनगर जिले में उस समय वर्चस्व
कायम हुआ
था जब
यमुना औद्योगिक
विकास प्राधिकरण
ने अपनी
कार्ययोजना को विस्तार देना शुरू
किया था।
भारतीय किसान
यूनियन के
संघर्ष की
वजह से
ही यमुना
एक्सप्रेस-वे के निमार्ण के
समय किसानों
को उचित
मुआवजा मिला
था। किंतु
इसके बाद
भारतीय किसान
यूनियन का
बिखराव होना
शुरू हो
गया। भारतीय
किसान यूनियन,
टिकैत, अंबावता,
भानु और
लोक शक्ति
गुटों के
बीच बंटनी
शुरू हो
गई। भारतीय
किसान यूनियन
के इन
गुटांं से
बिखराव यही
नही रूका
किसान एकता
संघ जैसे
संगठन भी
आसित्व में
आए। इस
तरह से
भारतीय किसान
यूनियन की
शक्ति एक
तरह क्षीण
होती ही
चली गई
और जिस
तरह से
किसानों के
मुद्दों पर
तेजी आनी
थी, वह
नही आई
पाई। यही
कारण रहा
कि खास
कर यमुना
विकास प्राधिकरण
क्षेत्र के
गांवों में
आबादी, 64.07 प्रतिशत मुआवजे और विकसित
भूखंड के
मुद्दे जिस
तरह से
हल होने
थे, नही
हो पाए।
हाईकोर्ट के
ताजा फैसले
के अनुसार
अब यमुना
विकास प्राधिकरण
से संबंधित
गांवों में
64.07 प्रतिशत मुआवजे समेत संबंधित मुद्दे
अब खटाई
में पडते
नजर आने
शुरू हो
गए हैं।
यही कारण
है कि
किसान शक्ति
को एक
नई तेज
धार देने
के लिए
एक बार
फिर भारतीय
किसान यूनियन
के सभी
चारों गुट
एक मंच
पर आ
गए हैं।
शुक्रवार को
एक मंच
साझा करते
हुए इन
गुटों ने
ऐलान किया
कि पूरी
मजबूती से
लडाई लडते
किसानों को
उनका वाजिब
हक दिलाया
जाएगा। सिकंद्राबाद
रोड स्थित
दनकौर में
भारतीय किसान
यूनियन अराजनैतिक
के जिला
कैंप कार्यालय
श्री ि़त्ररूपति बालाजी ईंट
उद्योग के
सभागार में
आयोजित पत्रकार
वार्ता के
दौरान भारतीय
किसान यूनियन
के चारों
गुटों के
पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकत्रित हुए।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए
इन पदाधिकारियों
की ओर
से बताया
गया कि
भारतीय किसान
यूनियन की
यह सारी
टीमें एक
साथ हर
एक मुद्दे
पर संघर्ष
करेंगी और
चाहे मुद्दा
64.07 प्रतिशत का या फिर आबादी
का अथवा
विकसित भूखंड
का हो
आर पार
की लडाई
लडते हुए
किसानों का
उनका हक
दिलाया जाएगा।
सवाल के
जवाब में
संयुक्त संघर्ष
समिति की
ओर से
कहा गया
कि किसानों
के लंबे
संघर्ष के
बाद 64.07 प्रतिशत,10 प्रतिशत विकसित भूखंड
तथा आबादी
निस्तारण की
मांग को
यूपी सरकार
ने स्वीकार
किया था
और इसका
लाभ यहां
के 70 प्रतिशत
किसानों को
मिल गया,
जब कि
30 प्रतिशत किसान इस लाभ से
वंचित रह
गए। अब
हाल ही
में यमुना
विकास प्राधिकरण
और यूपी
सरकार की
कमजोर पैरवी
के कारण
हाईकोर्ट इलाहाबाद
ने शासन
के आदेश
को ही
निरस्त कर
दिया है,
जिससे क्षेत्र
किसानों में
भारी रोष
है। पत्रकार
वार्ता के
इस मौके
पर इन
चारो गुटों
से चौ0
महेंद्र चौरोली,
राजीव मलिक,
चौ0 जग्गी
पहलवान, मास्टर
महकार नागर,
अजब सिं
कसाना, पवन
खटाना, उधम
सिंह नागर,
कृष्ण भाटी,
चौ0 लज्जाराम,
अनित कसाना,
रजनीकांत अग्रवाल,
संदीप जैन,
प्रताप नागर
आदि पदाधिकारी
और कार्यकर्तागण
उपस्थित रहे।