विजन लाइव/ग्रेटर
नोएडा
महिला शक्ति सामाजिक
समिति ने
10 साल से
बंधक बनी
झारखंड की
एक लड़की
को पुलिस
की मद्द
से छुडाया
है। पुलिस
ने लडकी
के परिजनों
की तलाश
कर परिवारवालों
के सुपुर्द
कर दिया
है। यह
मामला ग्रेटर
नोएडा स्थित
एल्डिको ग्रीन
मेडोज सोसाइटी
का है।
महिला शक्ति
सामाजिक समिति
की अध्यक्ष
साधना सिन्हा
को पिछली
16 तारीख को
किसी अज्ञात
व्यक्ति ने
फोन कर
जानकारी दी
कि ग्रेटर
नोएडा स्थित
एल्डिको ग्रीन
मेडोज सोसाइटी
में 10 साल
से बंधक
बनी लडकी
जो घरेलू
काम के
लिए रखी
हुई है
घर जाना
चाहती है
मगर उक्त
मालिक उसे
घर नही
जाने दे
रहे हैं
और न
ही पैसे
देते हैं।
अतः अध्यक्ष
साधना सिन्हा
ने अपनी
टीम के
साथ इस
पूरे मामले
की तहकीकात
की और
इसकी सत्यता
के आधार
पर डीसीपी
महिला सुरक्षा
वृंदा शुक्ला
को इसकी
जानकारी दी।
डीसीपी ने
तत्काल ही
स्थानीय थाना
को आदेशित
करते हुए
लड़की को
उक्त परिवार
के चंगुल
से मुक्त
कराने के
लिए कहा।
पुलिस ने
बंधक बनी
लडकी को
मुक्त कराया
फिर इसे
नारी निकेतन
मेरठ मे
सुरझित रखा
गया। इसी
दौरान समिति
ने पुलिस
की मद्द
से पीडिता
रानी के
बताए अनुसार
इसके परिवार
की खोज
करवाई और
इसमें जल्द
ही सफलता
मिली। महिला
शक्ति सामाजिक
अध्यक्ष साधना
सिन्हा ने
बताया कि
पीडित लडकी
के भाई
को झारखंड
पुलिस के
साथ यहां
लाया गया
और उसने
अपनी बहन
की पहचान
की। यही
नहीं बंधक
बना कर
रखने वाले
परिवार से
लड़की को
पूरी धनराशि
यानी उसका
वेतन एवं
मुआवजा के
रूप में
करीब 4.50000 रूपयेे बैंक में अकाउंट
खुलवा कर
तत्काल दिलवाया
एवं लड़की
को एक
स्मार्टफोन भी दिलवाया गया, ताकि
वह जहां
भी जाए
हमारी संपर्क
में रह
सके अथवा
अपनी परेशानी
,अगर कोई
हो हमें
या पुलिस
को बता
सके। इस
मौके पर
दोनो भाई
बहन मिल
कर बह ुत खुशी हुए।
साथ ही
महिला शक्ति
सामाजिक समिति
की पूरी
टीम भी
एक पीड़ित
लड़की को
उसके परिवार
से मिलवा
कर खुश
है। वहीं
महिला शक्ति
सामाजिक समिति
की अध्यक्ष
ने गौतमबुद्धनगर
के पुलिस
आयुक्त और
जिलाधिकारी से मांग की है
कि गौतमबुद्धनगर
में भी
नारी निकेतन
स्थापना की
जानी चाहिए।
उन्होंने कहा
कि महिला
शक्ति सामाजिक
समिति पुलिस
आयुक्त और
जिलाधिकारी से पत्र के माध्यम
से यह
मुद्दा उठाएगी
कि यहां
पर पुलिस
कमिश्नरी बन
गई है
और ऐसे
में यहां
महिलाओं की
समस्याओं के
लिए अलग
से डीसीपी
महिला सुरक्षा
जैसा पद
सृजित किया
गया है
मगर नारी
निकेतन जैसी
संस्था के
लिए मेरठ
का मुंहू
ताकना पडता
है। उन्होंने
बताया कि
जब यहां
पुलिस कमिश्नरी
बन गई
है तो
यहां एक
नारी निकेतन
या किसी
भी तरह
की पीड़ित
महिला लड़की
बालिग नाबालिग
किसी को
भी रखे
जाने के
लिए एक नारी निकेतन की
अत्यंत आवश्यकता
है और
इसे अति
आवश्यक समझते
हुए तुरंत
इसका प्रावधान
गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा
में किया
जाए।