जेवर विधायक इस
मुश्किल घडी
कर रहे
है, हर
अपने और
पराए की
मद्द
विजन लाइव/ग्रेटर
नोएडा
खेत के मालिक
ने मजदूरी
नहीं दी,
04 सौ किमी0
और 04 कष्टकारी
दिन। यह
हालात रहे
उत्तराखंड के जनपद उधमपुर के
रहने वाले
उन मजदूरों
के जो
पेट की
आग शांत
करने के
लिए राजस्थान
के हनुमानगढ़
में फसल
की कटाई
करने गए
थे, लेकिन
लॉकडाउन के
बाद राजस्थान
में जो
हालात उनके
साथ बीते
वह किसी
दुःस्वप्न से कम नहीं हैं।
उन्होंने बताया
कि खेत
के मालिक
ने हमसे
फसल की
कटाई करा
ली और
केवल आधी
मजदूरी ही
दी। वहां
की सरकार
ने हमारी
कोई मदद
नहीं की।
जब हमारी
नौबत मरने
की कगार
पर आई
तो 4 दिन
पहले हम
लोग छुपते
छुपाते हरियाणा
में आ
पहुंचे, जहां
की पुलिस
ने हमें
उत्तर प्रदेश
की सीमा
में धकेल
दिया, लेकिन
हम किसी
तरह खेतों
और पगडंडियों
को पार
करते हुए
जेवर विधानसभा
के खेड़ा
मोहम्मदाबाद गांव में पहुंचे। जहां
ग्रामवासियों के जत्थे ने हमें
रोक लिया
और हमारे
रुकने की
व्यवस्था करते
हुए कहा
कि जेवर
के विधायक
धीरेन्द्र सिंह का यह निर्देश
है कि
कोई भी
प्रवासी मेरे
विधानसभा क्षेत्र
से भूखा
न जाए।
गांव के
निवासी श्री
हीरा भाटी
व अन्य
लोगों ने
उन सभी
मजदूरों को
स्नान आदि
कराकरए उनकी
पूरी सेवा
की और
अपने क्षेत्र
के विधायक
धीरेंद्र सिंह
को अवगत
कराया। सूचना
मिलते ही
जेवर विधायक
ने जेवर
स्थित प्रज्ञान
पब्ल्कि स्कूल
के प्रबंधक
से गाड़ी
मांग कर,
उस गाड़ी
का पास
जिला प्रशासन
से जारी
करवाया और
उत्तराखंड के रहने वाले उन
सभी 8 लोग,
जिनमें 3 महिलाएं
थी, को
ससम्मान उत्तराखंड
के लिए
रवाना किया। इसी प्रकार राजेंद्र
कुमार जो
कि नोएडा
में रहते
हैं और
खाना बनाने
का काम
करते हैं,
उन्होंने भी
रात्रि को
जेवर विधायक
से व्हाट्सएप
के माध्यम
से संपर्क
किया। जेवर
विधायक ने
अपनी गाड़ी
भेज कर,
उन्हें उत्तराखंड
के अन्य
लोगों के
साथ ससम्मान
बागेश्वर के
लिए विदा
किया। गौरतलब
है कि
जिस प्रकार
पिछले दिनों
सड़कों पर
प्रवासी मजदूरों
के साथ
हो रही
दुर्घटना और
हृदय विदारक
चित्र सामने
आ रहे
थे उसी
को देखते
हुए जेवर
के विधायक
ने एक
व्हाट्सएप नंबर जारी कर, प्रवासी
श्रमिकों के
लिए सूचनाएं
संकलित करनी
आरंभ कर
दी थी।
उसी कड़ी
में उत्तराखंड
के लिए
प्राइवेट गाड़ी
के माध्यम
से 09 लोगों
को रवाना
किया गया।
जेवर विधायक
धीरेंद्र सिंह
ने बताया
कि इसी
प्रकार कुछ
लोगों ने
रात्रि में
मेरे दिए
गये व्हाट्सएप
नंबर पर
संपर्क किया
और उन्होंने
बताया कि
पिछले 1 महीने
से कुरियर
कंपनी द्वारा
तनख्वाह ने
दिए जाने
के कारण
उनकी हालत
बेहद गंभीर
है और
अब वह
अपने घर
जाना चाहते
हैं। जेवर
के विधायक
ने उनकी
व्यवस्था करते
हुए बिहार
जानी वाली
ट्रेन में,
जो दादरी
से 3ः00
बजे प्रस्थान
कर गई।
उन्होंने बताया
कि दूरभाष
के माध्यम
से इन
लोगों ने
वार्ता की
तो उनकी
आंखे भर
आयी और
उनके द्वारा
भेजे गए
चित्र में
उनकी आंखों
की नमी
पूरे समाज
के लिए
संदेश छोड़
रही थी।
यही वह
वक्त है,
जहां हमें
अपनी पूरी
क्षमता का
उपयोग उन
जरूरतमंदों की मदद के लिए
आगे आना
चाहिएए जिन्हें
आज हमारी
जरूरत है।
इसी प्रकार
दिनांक 18 मई 2020 को 67 लोगों को
बिहार व
झारखंड जाने
वाली ट्रैन
में बैठाकर,
उन्हें उनके
गांव पहुंचाया
गया था।
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