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दीपावली पर बिसरख धाम में गुरु-भक्ति का अद्वितीय प्रतीक


दीपावली पर बिसरख धाम में गुरु-भक्ति का अद्वितीय प्रतीक — महामंडलेश्वर स्वामी राजेशानंद योगेश्वर गिरि जी महाराज करेंगे अपने गुरुदेव आचार्य अशोकानंद जी महाराज को रजत सिंहासन अर्पित

   मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/ बिसरख धाम, (ग्रेटर नोएडा)

 इस वर्ष दीपावली पर्व बिसरख धाम में एक विशेष आध्यात्मिक महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
श्री मोहन दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट बिसरख धाम में सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को गुरु-शिष्य परंपरा का एक अनुपम उदाहरण देखने को मिलेगा, जब महामंडलेश्वर स्वामी राजेशानंद योगेश्वर गिरि जी महाराज अपने पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर आचार्य अशोकानंद जी महाराज को रजत (चाँदी का) सिंहासन भेंट करेंगे।

यह पवित्र आयोजन दीपावली के शुभ दिन पर आयोजित किया जा रहा है, जो प्रकाश, ज्ञान और गुरु-भक्ति के संगम का प्रतीक होगा।
गुरु चरणों में यह रजत सिंहासन अर्पण न केवल श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि सनातन संस्कृति में निहित गुरु-शिष्य परंपरा की दिव्यता को भी उजागर करता है।

आचार्य अशोकानंद जी महाराज, जो कि
👉 संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष – श्री मोहन दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट, बिसरख धाम (रावण जन्मस्थली),
👉 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – हिन्दू रक्षा सेना (भारत),
👉 आजीवन संरक्षक – दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार
हैं, ने इस अवसर पर अपने परम शिष्य के प्रति आशीर्वाद स्वरूप कहा:

“गुरु-भक्ति ही वह सेतु है जो आत्मा को ईश्वर से जोड़ता है। मेरे परम शिष्य स्वामी राजेशानंद योगेश्वर गिरि जी का यह समर्पण सनातन धर्म की मूल भावना का सजीव उदाहरण है। ईश्वर करें कि उनके जीवन की आभा सूर्य की तरह सम्पूर्ण संसार को प्रकाशित करे।”

दीपावली के पावन दिन बिसरख धाम में विशेष पूजा-अर्चना, दीप प्रज्ज्वलन और आरती का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्री मोहन योग परिवार और भक्तगण सपरिवार सम्मिलित होंगे। इस दौरान माता श्री लक्ष्मी जी तथा भगवान विषेश्वर महादेव की आराधना कर समस्त देश-विश्व की शांति, समृद्धि और सुख-कल्याण की कामना की जाएगी।

महामंडलेश्वर आचार्य अशोकानंद जी महाराज ने अपने शुभ संदेश में सभी श्रद्धालुओं को धनतेरस और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा:

“माता लक्ष्मी का सच्चे मन से स्मरण करें, उनके आशीर्वाद से जीवन के कष्ट दूर होंगे और मनोकामनाएँ पूर्ण होंगी।”

पूरे परिसर में दीपों की पंक्तियाँ, भजन-संकीर्तन और “हर हर महादेव” तथा “जय बाबा मोहन राम” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय होगा।
यह अवसर न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि गुरु-शिष्य परंपरा, आस्था और भारतीय संस्कृति के जीवंत मूल्यों का उत्सव भी होगा।


🕉️ “गुरु वह दीप हैं जो आत्मा के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं।”
🚩 हर हर महादेव | जय विषेश्वर महादेव | जय बाबा मोहन राम | जय गुरुदेव अशोकानंद जी महाराज