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शारदा विश्वविद्यालय में 9वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न


4108 छात्रों को मिली डिग्रियां, तीन विशिष्ट अतिथियों को दी गई मानद उपाधि

      Vision Live / ग्रेटर नोएडा
ज्ञान, नवाचार और उत्कृष्टता के प्रतीक शारदा विश्वविद्यालय के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया। शनिवार को ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में 9वां दीक्षांत समारोह भव्य रूप से आयोजित किया गया, जिसमें कुल 4108 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं।

इसमें 2703 अंडरग्रेजुएट, 1261 पोस्टग्रेजुएट, और 144 पीएचडी विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं। साथ ही उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए

  • 6 छात्रों को चांसलर स्वर्ण पदक,
  • 40 छात्रों को वाइस चांसलर स्वर्ण पदक (पीजी),
  • 52 छात्रों को वाइस चांसलर स्वर्ण पदक (यूजी),
  • 42 छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट (पीजी) और
  • 92 छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट (यूजी) से सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि रहे प्रो. अजय कुमार सूद, डॉ. शिव के सरीन और प्रो. आशुतोष शर्मा

समारोह के मुख्य अतिथि थे प्रो. अजय कुमार सूद, प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर, भारत सरकार। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. शिव के सरीन, डायरेक्टर, ILBS और प्रो. आशुतोष शर्मा, अध्यक्ष, INSA उपस्थित रहे।

विश्वविद्यालय के चांसलर पी.के. गुप्ता और प्रो. चांसलर वाई.के. गुप्ता ने सभी अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर और प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। साथ ही तीनों गणमान्य अतिथियों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए शारदा विश्वविद्यालय की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।


विकसित भारत के सपनों को साकार करने पर बल

अपने प्रेरक संबोधन में प्रो. अजय कुमार सूद ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि “भारत का भविष्य युवाओं के नवाचार और वैज्ञानिक सोच पर टिका है। विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब शिक्षा, अनुसंधान और तकनीक मिलकर सामाजिक विकास का आधार बनें।”
उन्होंने कहा कि विज्ञान और नवाचार को जन-जन तक पहुंचाना आज की आवश्यकता है, ताकि शोध केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित न रह जाए, बल्कि समाज के हर वर्ग को उसका लाभ मिले।


स्वास्थ्य और जीवनशैली पर ध्यान दें: डॉ. शिव के सरीन

डॉ. शिव के सरीन ने अपने संबोधन में फैटी लिवर और जीवनशैली संबंधी रोगों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कई गंभीर बीमारियों की जड़ असंतुलित खानपान और वजन वृद्धि में है। उन्होंने छात्रों और युवाओं से अपील की कि वे अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और सक्रिय जीवनशैली अपनाएं।


“शिक्षा का उद्देश्य डिग्री नहीं, समग्र विकास है” — चांसलर पी.के. गुप्ता

अपने प्रेरणादायी संबोधन में चांसलर पी.के. गुप्ता ने कहा,

“तकनीकी बदलाव के इस दौर में शिक्षा भी निरंतर रूप से विकसित हो रही है। अब छात्रों को केवल अपने विषय तक सीमित न रहकर अन्य क्षेत्रों की जानकारी भी रखनी चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री हासिल करना नहीं, बल्कि व्यक्ति का समग्र विकास करना है।”

उन्होंने आगे कहा कि शारदा ग्रुप शिक्षा को एक मिशन के रूप में देखता है — “हम केवल डिग्री नहीं, ज्ञान और मूल्य देने में विश्वास रखते हैं। जब शिक्षक अपने विद्यार्थियों को अपने से बेहतर बनाना चाहते हैं, तभी शिक्षा का असली उद्देश्य पूरा होता है।”


उत्साह और परंपरा से भरा समारोह

दीक्षांत समारोह में छात्रों के बीच उत्साह का माहौल देखने लायक था। छात्र पारंपरिक कुर्ता-पायजामा और छात्राएं सलवार सूट व साड़ी में सजे-धजे नजर आएं। कई विदेशी छात्राओं ने भी भारतीय परिधान साड़ी में डिग्री ग्रहण कर भारत की संस्कृति के प्रति सम्मान प्रदर्शित किया।

कार्यक्रम में प्रो चांसलर वाई.के. गुप्ता, डॉ. गीतिका खन्ना (प्रिंसिपल, वीएमएमसी एवं सफदरजंग अस्पताल), डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. फ़ारुख़ फ़राज़, वाइस चांसलर डॉ. सिबाराम खारा, प्रो वाइस चांसलर डॉ. परमानंद, डीन एकेडमिक डॉ. आर.सी. सिंह, रजिस्ट्रार विवेक कुमार गुप्ता, डॉ. अजीत कुमार (डायरेक्टर पीआर) सहित सभी संकायाध्यक्ष, डीन और फैकल्टी सदस्य मौजूद रहे।


समापन

भव्य समारोह के साथ शारदा विश्वविद्यालय ने एक बार फिर यह साबित किया कि वह न केवल डिग्री प्रदान करने वाला संस्थान है, बल्कि विद्यार्थियों के बौद्धिक, सामाजिक और नैतिक विकास के लिए समर्पित शिक्षण केंद्र है।