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नवरात्रि और दशहरा: शक्ति, सत्य और संस्कृति का प्रतीक


परंपरा, आस्था और सामाजिक समरसता का संदेश देने वाले पर्व

चौधरी शौकत अली चेची


भारत ही नहीं, पूरे विश्व में त्यौहारों को विशेष महत्व दिया गया है। हमारे यहां सदियों से औलिया, पैगंबर, देवी–देवता, अवतार और महापुरुषों के नाम पर पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है। यदि सभी ग्रंथों और धर्मों की गहराई में जाया जाए तो यह स्पष्ट होता है कि उनका मूल संदेश एक ही है – सहनशीलता, इंसानियत और भाईचारा।

त्योहारों का मुख्य संदेश

त्योहार हमें आपसी सौहार्द, अमन-चैन, मान-मर्यादा, सच्चाई और तरक्की का मार्ग दिखाते हैं। परंपराओं की खुशबू और रोशनी हमें जोड़ती है, लेकिन अफसोस की निजी स्वार्थ और नफरत अक्सर समाज को तोड़ने का काम करते हैं।

नवरात्रि की कथा और महत्व

नवरात्रि का पर्व शक्ति की साधना का प्रतीक है। पुराणों के अनुसार असुरों के अत्याचारों से रक्षा हेतु देवी दुर्गा का आविर्भाव हुआ। उन्होंने नौ स्वरूपों में प्रकट होकर नौ दिनों तक असुरों का नाश किया। यही कारण है कि नवरात्रि के नौ दिन मां के नौ स्वरूपों की पूजा विधिविधान से की जाती है।

ऋषि-मुनियों ने रात को दिन से अधिक महत्वपूर्ण माना, इसलिए नवरात्रि, दीपावली, शिवरात्रि जैसे उत्सव प्रायः रात में ही मनाए जाते हैं।

शारदीय नवरात्रि 2025

ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर (सोमवार) से प्रारंभ होकर 2 अक्टूबर (गुरुवार) को विजयदशमी के साथ समाप्त होगी।

  • घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: प्रातः 6:09 से 8:06 बजे तक, अथवा अभिजीत मुहूर्त 11:49 से 12:38 बजे तक।
  • अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन का विशेष महत्व है, जिसमें 2 से 10 वर्ष की कन्याओं और एक बटुक का पूजन किया जाता है।

दशहरा: असत्य पर सत्य की विजय

नवरात्रि के समापन पर दशहरा मनाया जाता है। इसे विजयदशमी भी कहते हैं।

  • इसी दिन श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म की विजय की थी।
  • देवी दुर्गा ने महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी।
  • इस दिन रावण दहन, शस्त्र पूजा और मेलों का आयोजन परंपरागत रूप से होता है।

इस वर्ष दशहरा 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के साथ मनाया जाएगा। इस प्रकार यह दिन सत्य, त्याग और शौर्य – तीनों का प्रतीक बनेगा।

शुभकामनाएं

नवरात्रि और दशहरा के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को हृदय की गहराइयों से हार्दिक शुभकामनाएं और मंगलकामनाएं।


कानूनी अस्वीकरण (Disclaimer)

यह लेख लेखक के निजी विचारों और अध्ययन पर आधारित है। इसमें उल्लिखित धार्मिक मान्यताएं, ज्योतिषीय तिथियां एवं ऐतिहासिक प्रसंग पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित हैं। Vision Live या इससे संबंधित कोई भी संस्था इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगी। पाठकों से निवेदन है कि धार्मिक अनुष्ठानों और पूजन विधियों के लिए अपने पंडित, ज्योतिषाचार्य या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।


 लेखक:-चौधरी शौकत अली चेची ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – किसान एकता (संघ)/ पिछड़ा वर्ग सचिव (उ.प्र. – सपा) हैं।