मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/मेरठ
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेमोरियल सभागार में निषाद पार्टी द्वारा एक भव्य मंडल स्तरीय जनसभा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जातिगत जनगणना की माँग और अनुसूचित जातियों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता निषाद पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी एवं पूर्व अध्यक्ष, जिला पंचायत गौतम बुद्ध नगर गुर्जर वीरेंद्र डाढा ने की। मेरठ मंडल के सभी जनपदों से बड़ी संख्या में निषाद पार्टी के पदाधिकारी, साक्षर शान युवा, प्रभु जन समुदाय एवं पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने कहा:
"जातिगत जनगणना हर समाज को उसकी वास्तविक ताकत का एहसास कराएगी। यह सामाजिक न्याय और भागीदारी की दिशा में एक निर्णायक कदम है। निषाद पार्टी उन समाजों की आवाज़ है जिन्हें 1947 में आज़ादी तो मिली, लेकिन अधिकार 1952 में मिले। हम उन जातियों के हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, जिन्हें अब तक अधिकारों से वंचित रखा गया है।"
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए निषाद पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी एवं पूर्व अध्यक्ष, जिला पंचायत गौतम बुद्ध नगर गुर्जर वीरेंद्र डाढा ने कहा:
"आज का कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत है। अब समय आ गया है कि समाज का हर जागरूक नागरिक, विशेषकर युवा, अपने हक और अधिकारों को लेकर सजग हो। जातिगत जनगणना ही वह माध्यम है जिससे हमें हमारी सही पहचान और भागीदारी सुनिश्चित होगी। निषाद पार्टी सभी वंचित और उपेक्षित वर्गों के अधिकारों की लड़ाई मजबूती से लड़ रही है।"
सभा में मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, बुलंदशहर, बागपत समेत अन्य जनपदों से आए निषाद पार्टी के जिला अध्यक्षों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने सामाजिक न्याय, संवैधानिक अधिकार, और संगठन की मजबूती पर जोर दिया।
यह आयोजन न सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता को दर्शाता है, बल्कि सामाजिक चेतना और जागरूकता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।