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भट्टा पारसौल में किसानों का फूटा गुस्सा


भट्टा पारसौल में किसानों का फूटा गुस्सा — जेवर विधायक को तलब कर जताई नाराजगी, समस्याओं के शीघ्र समाधान की उठी मांग

मौहम्मद इल्यास- :दनकौरी"/भट्टा पारसौल 
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) की वादाखिलाफी से आक्रोशित किसानों का गुस्सा आज भट्टा पारसौल में आयोजित एक पंचायत में फूट पड़ा। क्षेत्र के अनेक गांवों से आए किसानों ने पंचायत में हिस्सा लेते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया और समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग करते हुए जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह को मौके पर बुलाया।

किसानों ने स्पष्ट कहा कि “प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के आठ वर्षों के बाद भी हमारी बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। प्राधिकरण द्वारा बार-बार झूठे वायदे कर हमारे धैर्य की परीक्षा ली जा रही है।”

विधायक धीरेंद्र सिंह ने दिया भरोसा — "आपकी समस्याएं मेरी जिम्मेदारी हैं"
पंचायत में पहुंचकर विधायक धीरेंद्र सिंह ने किसानों की समस्याएं ध्यानपूर्वक सुनीं और उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा,
“आपकी समस्याएं मेरी अपनी समस्याएं हैं। मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा, जब तक आपकी बात को हल न करवा दूं।”

विधायक ने मौके पर मौजूद यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिया कि “आगामी 15 दिनों में किसानों की प्रमुख समस्याओं पर स्पष्ट स्थिति रखें और समाधान की ठोस प्रक्रिया शुरू करें, अन्यथा विकास कार्यों में बाधा के लिए प्राधिकरण स्वयं जिम्मेदार होगा।”

उन्होंने कहा कि “प्राधिकरण को ऐसी परिस्थितियाँ नहीं उत्पन्न करनी चाहिए, जिससे किसान विकास कार्यों में सहयोग देने से पीछे हट जाएं।”

चार प्रमुख मांगों का ज्ञापन सौंपा
किसानों ने विधायक को एक मांगपत्र भी सौंपा, जिसमें चार प्रमुख बिंदुओं को उठाया गया है —

  1. वर्ष 2009 में अधिग्रहित भूमि से संबंधित समस्याएं
  2. 07 प्रतिशत आबादी के भूखंडों का आवंटन
  3. 64.70 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकार का भुगतान
  4. बैकलीज और पुरानी आबादियों का नियमन

अनूप सिंह ने दी चेतावनी — “भट्टा पारसौल एक बार फिर आंदोलन के लिए तैयार”
पंचायत में किसान अनूप सिंह ने प्राधिकरण को चेतावनी देते हुए कहा,
“हम वही भट्टा पारसौल के किसान हैं, जिन्होंने जनपद में भूमि अधिग्रहण पर पहले भी ब्रेक लगाया था। यदि 15 दिनों में समाधान नहीं हुआ, तो एक बार फिर आंदोलन की चिंगारी सुलग उठेगी।”

अमरपाल सिंह ने लगाए गंभीर आरोप
करौली बांगर के किसान अमरपाल सिंह ने कहा,
“हमने नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और अन्य परियोजनाओं के लिए अपनी जमीनें देकर विकास को बल दिया, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों ने हमें धोखे में रखा। अब हम और ठगे नहीं जाएंगे।”

प्रशासनिक तंत्र को चेतावनी
भट्टा पारसौल में किसानों की यह पंचायत न केवल प्रशासनिक तंत्र को चेतावनी है, बल्कि सरकार और प्राधिकरण के लिए गंभीर मंथन का विषय है। यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो यह असंतोष बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।