गौतमबुद्धनगर बार एसोसिएशन ने एकजुट होकर उच्च न्यायालय के नोटिस का किया विरोध, अधिवक्ताओं के हितों पर केंद्रित रही चर्चा
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/ग्रेटर नोएडा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट बेंच संघर्ष समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आज सम्पन्न हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न बार एसोसिएशनों को जारी उच्च न्यायालय के नोटिस का प्रखर विरोध दर्ज किया गया। समिति ने इस आदेश को अधिवक्ता हितों के प्रतिकूल बताते हुए इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने और प्रभावी पैरवी करने का निर्णय लिया।
बैठक में वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यदि नोटिस के चलते किसी बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, तो ऐसी स्थिति में बिना चुनाव के वर्तमान कार्यकारिणी को शेष कार्यकाल तक कार्य जारी रखने दिया जाएगा। अधिवक्ता हितों की रक्षा और न्यायिक प्रक्रिया की सुगमता को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया।
👥 बैठक में शामिल हुए बार एसोसिएशन के प्रमुख पदाधिकारी
इस अवसर पर गौतमबुद्धनगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमेन्द्र भाटी के नेतृत्व में कई प्रमुख अधिवक्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में सचिव अजीत नागर, नीरज भाटी, मोनू नागर, मोहित भाटी, के.के. भाटी, ओंकार नागर, प्रिंस भाटी, नितिन कपासिया और सचिन भाटी ने भाग लिया।
बैठक का केंद्रबिंदु अधिवक्ताओं और वादीगण के हितों की सुरक्षा रहा। वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि हाई कोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर चल रहा यह संघर्ष केवल अधिवक्ताओं का नहीं, बल्कि न्याय के त्वरित और सुलभ वितरण से जुड़े हर नागरिक का आंदोलन है।
🔍 न्यायिक व्यवस्था में संतुलन और अधिवक्ता हितों की रक्षा पर विशेष जोर
संघर्ष समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायालय की प्रक्रिया में बार एसोसिएशनों की भूमिका केवल औपचारिक नहीं, बल्कि न्यायिक संरचना के प्रभावशाली स्तंभ के रूप में है। इसीलिए, किसी भी निर्णय से पूर्व बार संगठनों की संवैधानिक और व्यावहारिक भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
📢 जल्द होगी आगामी रणनीति पर विस्तृत घोषणा
बैठक में यह भी तय हुआ कि आने वाले समय में इस मुद्दे पर प्रदेश भर के बार संगठनों को साथ लेकर एक साझा रणनीति तैयार की जाएगी और आवश्यकतानुसार आंदोलनात्मक रुख भी अपनाया जाएगा।