गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में वेसाक दिवस (बुद्ध जयंती) का भव्य आध्यात्मिक आयोजन
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी" / ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा स्थित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (GBU) में भगवान बुद्ध की जन्म, बोधि प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की स्मृति में समर्पित वेसाक दिवस (बुद्ध जयंती) श्रद्धा, शांति और आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के विदेशी बौद्ध भिक्षु छात्रों द्वारा दिनांक 3 मई 2025 को सम्पन्न किया गया, क्योंकि उनकी सेमेस्टर परीक्षाएं समीप थीं।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषता रही भगवान बुद्ध की शोभायात्रा, जिसमें पूज्य भिक्षु, भिक्षुणियाँ और अंतरराष्ट्रीय छात्रगण सम्मिलित हुए। नवजात बुद्ध की प्रतिमा को श्रद्धापूर्वक पूरे विश्वविद्यालय परिसर में परिक्रमा कराई गई। शोभायात्रा के दौरान मंत्रोच्चार और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि से वातावरण गूंज उठा और चारों ओर भक्ति व आस्था का दिव्य स्वरूप दृष्टिगोचर हुआ।
इस अवसर पर भगवान बुद्ध के जन्म के समय उच्चारित अमर वचन – "स्वर्ग के ऊपर और पृथ्वी के नीचे केवल मैं ही परम सम्माननीय हूं" – की पुनरावृत्ति की गई, जो आत्मबोध और प्रज्ञा का शाश्वत संदेश है और आज भी समस्त मानवता को मार्गदर्शन देता है।
समारोह का समापन बुद्ध स्नान संस्कार के साथ हुआ, जो शुद्धिकरण, नवीकरण और आंतरिक शांति का प्रतीक है। विभिन्न देशों से आए भिक्षु-भिक्षुणियों और श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर करुणा, अहिंसा और मैत्री के संदेश को आत्मसात किया।
वियतनाम, म्यांमार, लाओस और भारत से आए बौद्ध छात्र-छात्राओं द्वारा मिलकर वेसाक 2569 बी.ई. – 2025 सी.ई. का आयोजन किया गया। यह समारोह न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि यह सांस्कृतिक संवाद, ध्यान, और बौद्ध परंपराओं के आदान-प्रदान का सुंदर उदाहरण भी रहा।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने समारोह में विशेष रूप से भाग लिया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा किए गए सजावट, अनुशासन, और समन्वय की सराहना करते हुए कहा, “बुद्ध पूर्णिमा का संदेश सभी के जीवन में शांति, सजगता और करुणा का प्रकाश फैलाए। सभी को त्रिरत्नों का आशीर्वाद प्राप्त हो और सब प्राणी सुखी, शांत तथा दुःखों से मुक्त रहें।”
समापन अवसर पर आयोजकों की ओर से त्राण ड्यू कान्ह ने सभी श्रद्धेय भिक्षुओं, अध्यापकों, छात्रों और अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, “यह आयोजन आप सबके सहयोग और श्रद्धा से ही संभव हो सका है। यदि आयोजन में कोई त्रुटि रह गई हो तो हम करुणापूर्वक क्षमा प्रार्थी हैं।”
नगुयेन वान कुओक ने भी सभी प्रतिभागियों को श्रद्धापूर्वक पुण्य दान स्वीकार करने का आग्रह किया।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय भगवान बुद्ध के शाश्वत मूल्यों – करुणा, मैत्री और ध्यान – के प्रचार-प्रसार और वैश्विक सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्यरत है। यह आयोजन उसी प्रतिबद्धता का प्रतीक रहा, जिसमें आस्था, संस्कृति और समरसता का अनुपम संगम देखने को मिला।