Vision Live/ Greater Noida
भारतीय परम्परा में देवताओं के पूजन के पहले पितरों की पूजा का विधान है। मान्यता है कि मनुष्यों को देवताओं की कृपा पितरों के माध्यम से ही प्राप्त होती है। पितरों की प्रसन्नता से संतान और देवताओं की पूजा से संपत्ति प्राप्त होती है। संतान और संपत्ति के बिना व्यक्ति का जीवन अपूर्ण होता है। भारतीय धरोहर विचार मंडल, ग्रेटर नोएडा की ओर से डेल्टा 1 के कम्युनिटी सेंटर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन आचार्य पवन नंदन महाराज ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म के पश्चात नन्द बाबा ने पितरों और देवताओं का पूजन किया।
आचार्य जी ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने पूतना वध, तृणावर्त वध, कलिया मर्दन , गौ चारण, माखन चोरी, गोवर्धन लीला आदि प्रसंग सुनाए। आचार्य पवन जी ने कहा कि प्रभु इन लीलाओं के माध्यम से हमें प्रकृति प्रेम, गौ पालन , पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं। आचार्य जी द्वारा गाए भजन "छटा तेरी तीन लोक से नारी है गोवर्धन महाराज" पर श्रद्धालु भक्ति भाव से नाचने लगें।
ग्रेटर नोएडा में दिनांक 17 से 23 मार्च तक प्राचीन भारत की ज्ञान सम्पदा के संरक्षण, संवर्धन और निःशुल्क आयुर्वैदिक चिकित्सा को समर्पित भागवत कथा का आयोजन डेल्टा वन, ग्रेटर नोएडा के कम्यूनिटी सेंटर में किया जा रहा है।