विजन लाइव/ ग्रेटर नोएडा
कैबिनेट की बैठक में, सन 2016 के उस शासनादेश के प्रभाव को समाप्त किया गया, जो उत्तर प्रदेश के किसानों को किए गए शोर भूमि के पट्टे पर, संक्रमणीय भूमिधर अधिकार से रोकता था। कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों के हित में बड़ा फैसला कर, यह सिद्ध कर दिया कि प्रदेश का किसान और उनके हक ,योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में सुरक्षित हैं। समस्या उस वक्त उत्पन्न हुई जब नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के अधिग्रहण के समय तकरीबन 28 हेक्टयर भूमि शोर श्रेणी की इसके अंतर्गत आ गई ,जिसमें शासन द्वारा किसानों को मुआवजा देने पर रोक लगाई गई थी। इस समस्या को लेकर जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में दिनांक 12 अक्टूबर सं 2022 को जेवर के किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री से उनके कालिदास स्थित आवास पर मिला ।उस समय जेवर विधायक ने पुरजोर तरीके से प्रदेश के उन किसानों का पक्ष रखा जो शोर भूमि पर, भूमिधरी अधिकार पाने से वंचित हो गए थे। काफी समय बीत जाने के पश्चात भी जब कोई डिसीजन शासन स्तर से नहीं हुआ, तब जेवर विधायक ने सांसद व विधायकों की मुख्मयंत्री के साथ हुई एक बैठक में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। कैबिनेट का डिसीजन होने के बाद तत्कालीन प्रमुख सचिव, सुरेश चंद्र के उस आदेश को शून्य कर दिया गया है ,जो किसानों को शोर भूमि पर उनके अधिकार को प्राप्त करने से रोकता था। यहां यह भी बताना समीचीन होगा कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रगति पर है, लेकिन शोर भूमि का मुआवजा न मिलने के कारण कुछ जमीन पर अभी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को कब्जा नहीं मिल पाया था ,क्योंकि किसान अपने मुआवजे की मांग निरंतर कर रहे थे। कैबिनेट डिसीजन से नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण में आ रही अंतिम बाधा भी दूर हो गई, और अब इसके निर्माण में तेजी आ जाएगी । कैबिनेट के इस निर्णय से जेवर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों को भूमिधरी अधिकार प्राप्त हो जाएंगे ।इस संबंध में लिखे गए पत्रों की छाया प्रति मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश और लखनऊ से जारी प्रेस नोट की छाया प्रति सुलभ संदर्भ हेतु संलग्न की जा रही है।