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माइट्रल स्टेनोसिस से पीड़ित 26 वर्षीय मरीज का जीवन बचाया



मेट्रो हॉस्पिटल नोएडा में की गई वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई सफल 

मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/  नोएडा 
 मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट नोएडा के डॉक्टरों ने सीने के गंभीर दर्द से पीड़ित एक 26 वर्षीय मरीज का जीवन आसान बनाया है।  ये मरीज दर्द से इतना पीड़ित था कि रोजमर्रा के काम कर पाने में भी सक्षम नहीं था। इस मरीज की मिनिमली इनवेसिव माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई , जिसमें हार्ट के माइट्रल वाल्व लगाए गए। सर्जरी के बाद मरीज को दर्द से राहत मिली। पीड़ित व्यक्ति को कई हफ्तों से सीने में गंभीर दर्द की शिकायत हो रही थी जिसके चलते उसका सांस उखड़ रहा था और रूटीन की गतिविधियों में भी उसे समस्या आ रही थी। अलग-अलग डॉक्टरों को दिखाने के बावजूद भी मरीज को राहत नहीं मिली जिसके बाद वो नोएडा के मेट्रो हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट पहुंचे। मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट नोएडा में कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जन डॉक्टर जीवन पिल्लई ने इस केस के बारे में बताया कि ‘’मरीज जब हमारे पास आया तो उसे सीने में तेज दर्द की शिकायत थी. पहले मरीज को लगा कि एसिडिटी की वजह से ऐसा हो रहा है लेकिन किसी भी शारीरिक गतिविधि को करने पर सांस फूलने की जब शिकायत हुई तो मरीज ने डॉक्टर का रुख किया। अस्पताल में पूरी तरह से जांच करने पर, यह पाया गया कि मरीज माइट्रल वाल्व स्टेनोसिस से पीड़ित था, जिसके कारण हार्ट के ऊपरी और निचले बाएं कक्ष में कठोरता के कारण अनुचित रक्त प्रवाह होता है और वाल्व सिकुड़ जाता है. हार्ट की बीमारी होने के कारण, तुरंत इलाज की आवश्यकता थी।  हार्ट स्पेशलिस्ट की हमारी टीम ने मिनिमली इनवेसिव माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी की.। इस सर्जरी में एक छोटा कट लगाया जाता है या फिर 4-6 सेमी के 
छोटे-छोटे कट लगाकर सर्जिकल टूल अंदर डाले जाते हैं, इन उपकरणों के साथ कैमरा भी होता है ताकि बॉडी के अंदर की रियल टाइम तस्वीरें स्क्रीन पर देखी जा सकें। इस सर्जरी में चीर-काट बहुत ही कम थी, लिहाजा ऑपरेशन में 2-4 घंटे तक वक्त लगता है और मरीज कुछ ही दिनों के अंदर या हफ्ते के अंदर रिकवरी कर लेता है।
डॉक्टर जीवन पिल्लई ने बताया कि सर्जरी के बाद मरीज ने रिकवरी शुरू कर दी और सर्जरी के दिन ही शरीर से ट्यूब निकाल दी गई। इस सर्जरी में खून की जरूरत भी बहुत कम पड़ी. क्योंकि यह मिनिमली इनवेसिव सर्जरी थी, लिहाजा सर्जरी के बाद मरीज को मामूली दर्द हुआ। मरीज सर्जरी के दिन ही सामान्य होने लगा और अगले दिन अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।