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बहला-फुसलाकर शादी के लिए विवश करने और बलात्कार करने के मामले में अभियुक्तों को 10-10 साल की सजा


अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश (एस०सी०/एस०टी० एक्ट) गौतमबुद्धनगर ज्योत्सना सिंह ने सुनाई सजा

मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी" / ग्रेटर  नोएडा
गौतमबुद्धनगर की जिला अदालत में एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर शादी के लिए विवश करने और बलात्कार करने के मामले में अभियुक्तों को 10-10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है ,इसके साथ ही जुर्माने से भी दंडित किया गया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गौतमबुद्धनगर श्याम सिंह चौधरी ने बताया कि सूरजपुर में एक नाबालिग आलू लेने के लिए गई थी। जब नाबालिग वापस घर नहीं लौटी तो उसे तलाश किया गया।  इसी बीच नाबालिग के पिता को  पड़ोसी बताया कि उनकी लड़की को सोनू पुत्र यतेन्द्र जो सुरजपुर का रहने वाला है व राहुल पुत्र शैलेन्द्र जो कमसान एटा का रहने वाला है, जो उसके पड़ोस में किराये पर रहता है व इनके दो साथी दीपक व इन्द्रपाल चारों दोपहर को पीडिता को एक मारूति वैन में बैठाकर ले गये है, उसने सोचा कि राहुल पड़ोसी कहीं जा रहे होगे। उसने उन्हें नहीं रोका। ये चारों उसकी लड़की को बहला फुसलाकर गलत काम की नियत से भगा ले गये। उसने इन्हें बहुत तलाश किया परन्तु अब तक कोई पता नहीं चला है। पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों को धर दबोचा और नाबालिग को बरामद कर लिया। उन्होंने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश (एस०सी०/एस०टी० एक्ट) गौतमबुद्धनगर ज्योत्सना सिंह ने इन अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए (1) प्रत्येक अभियुक्त को धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में 7-7 वर्ष का साधारण कारावास एवं 2000-2000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड अदा ना किये जाने की दशा में अर्थदण्ड की एवज में 15-15 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
(2) प्रत्येक अभियुक्त को धारा-366 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में 7 वर्ष का साधारण कारावास एवं 1000-1000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड अदा ना किये जाने की दशा में अर्थदण्ड की एवज में 1-1 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
(3) प्रत्येक अभियुक्त को धारा 376 भारतीय दण्ड संहिता में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 /- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड अदा ना किये जाने की दशा में अर्थदण्ड की एवज में 15-15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।।अभियुक्तगण की सभी सजाए साथ-साथ चलेगी, पूर्व में कारावास में व्यतीत की अवधि, इस दण्ड में धारा-428 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अधीन समायोजित की जायेगी।