अति आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा अंतरराष्ट्रीय एअरपोर्ट के द्वितीय चरण से प्रभावित किसानों का विस्थापन स्थल
"फ़िल्म सिटी के सामने फलैदा कट और जेवर के समीप मॉडलपुर पर होगा विस्थापन स्थल
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी" /ग्रेटर नोएडा
जेवर विधानसभा, आज दुनिया के अति विकासशील क्षेत्रों में शुमार हैं, और इसका श्रेय जाता है ,यहाँ के किसानों को, जिन्होंने आगे बढ़कर इस क्षेत्र के विकास और अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए, जेवर एअरपोर्ट के लिए अपनी जमीनें देकर, उत्तर प्रदेश को विकास के पथ पर आगे ले जाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। यह बात जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने पत्रकारों के साथ खास बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि अगर हम सन् 2010 की बात करें, तो मुझे अच्छी तरह याद है कि तत्कालीन सरकारों की नीतियों की वजह से, इस क्षेत्र के भोले भाले किसानों को उनकी जमीनें, कौड़ियों के भाव लेकर लूटा जाता था, और इसीलिए भट्टा पारसौल जैसे रक्तरंजित आंदोलन इस क्षेत्र में हुए। सन् 2017 में प्रदेश की सरकार बदली ओर योगी आदित्यनाथ के रूप में इस प्रदेश को एक ऐसे मुख्यमंत्री मिले, जिनके परिश्रम और विजन ने , इस प्रदेश के विकास की दिशा को ही बदल दिया। यह, वही क्षेत्र है, जहाँ दो इंच जमीन के लिए गोलियां चलती थी, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री के विजन के चलते किसानों के साथ बैठकर सकारात्मक वार्ताओं का दौर चला, ओर वर्षों से लंबित अतिमहत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का वह सपना पूरा हुआ, जिसका ख्वाब हम दशकों से देख रहे थे। जब प्रथम चरण में एअरपोर्ट के लिए जमीन लिए जाने की बात थी तो, स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आगे आकर किसानों के साथ बैठकर वार्ता की ,और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए, इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया। आजादी के बाद से विकास का सपना देख रहे जेवर क्षेत्र के लोगों ने उस दिन अपने आपको गौरवान्वित महसूस किया, जिस दिन दिसंबर 2021 में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने जेवर कि सरज़मीं पर कदम रख , बनने वाले नोएडा अंतरराष्ट्रीय एअरपोर्ट की नींव रखी। निश्चित ही वह दिन जेवर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा, जिस दिन मोदी जी का आगमन एक ऐसे प्रोजेक्ट को लेकर जेवर क्षेत्र में हुआ, जो पूरे उत्तर भारत के नौजवानों और यहाँ के लोगों के लिए रोजगार और खुशहाली लेकर आने वाला है। उन्होंने सवाल के जवाब में कहा कि अब बारी आयी, एअरपोर्ट के द्वितीय चरण के लिए भूमि की सहमति लिए जाने की। स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जेवर क्षेत्र के प्रभावित किसानों से लखनऊ स्थित अपने आवास पर बुलाकर सकारात्मक चर्चा की, और उनकी भावनाओं के अनुरूप सम्मानजनक मुआवजा बढ़ोतरी कर, एक सन्देश दिया कि- “अब प्रदेश के किसानों पर लाठियां नहीं, वरन, उनसे वार्ता के आधार पर विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने अपने उद्बोधन में स्पष्ट कहा था कि - विकास का कोई विकल्प नहीं होता और उस विकास को आगे बढ़ाने वाले किसानों से वार्ता के बाद ही रास्ते निकाले जाने चाहिए। 12 अक्टूबर सन् 2022 को मुख्यमंत्री के साथ किसानों से हुई बैठक में अनेकों लंबित समस्याओं के समाधान के रास्ते निकले और एक बेहतरीन विस्थापन, प्रभावित किसानों का हो सके, उसके लिए भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि- किसानों की भावनाओं के अनुरूप उनकी सभी मांगों पर विचार करते हुए पूरा किया जाना चाहिए। आज उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए नोएडा अंतरराष्ट्रीय एअरपोर्ट के द्वितीय चरण के किसानों के लिए हम एक विश्वस्तरीय विस्थापन स्थल की व्यवस्था करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसानों से विभिन्न स्तर की हुई वार्ताओं ओर उनके भविष्य की आवश्यकताओं एवं जीवनयापन के साधनों को देखते हुए, द्वितीय चरण के किसानों को दो जगह विस्थापित किया जाएगा। एक स्थान प्रस्तावित फ़िल्म सिटी और मेडिकल डिवाइस पार्क के सामने होगा, यमुना एक्सप्रेस वे से सटा हुआ तथा मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ होगा। इस विस्थापन स्थल के समीप हरियाणा से जेवर एअरपोर्ट को जोड़ने वाला मार्ग तथा एक तरफ यमुना एक्सप्रेस वे, निकट ही ईस्टर्न पेरिफेरल पर चढ़ने का स्थान, भविष्य में हाई स्पीड ट्रेन एवं प्रस्तावित पॉड टैक्सी भी समीप से गुजरेगी। अपरैल पार्क जैसी वस्त्र उद्योग से संबंधित इकाइयों, यहाँ की स्थानीय महिलाओं के 70 फीसदी रोजगार का माध्यम बनेगी। फ़िल्म सिटी के सामने स्थित फलेगा कट के पास इस विस्थापन स्थल को विकसित किया जाएगा, जो तकरीबन 120 हेक्टेयर में विकसित होगा। यहाँ विस्थापित होने वाले किसानों की सुविधाओं के लिए खेल का मैदान, सामुदायिक केंद्र, स्वास्थ्य सेवाए ,शिक्षण संस्थाएँ ओर कौशल विकास केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। भौगोलिक दृष्टि से अगर हम इस स्थान की बात करें, तो मेरी नजर में मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ, यह स्थान दुनिया का एक बेहतरीन स्थान विकसित होगा, जहाँ बसने वाले किसानों को सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने कहा कि दूसरा विस्थापन स्थल जेवर के समीप माडलपुर पर स्थित होगा, जिसके लिए तकरीबन 60 हेक्टेयर भूमि विकसित कराई जाएगी। यह स्थान भी सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ एअरपोर्ट और जेवर कस्बे के नजदीक होने के कारण मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ होगा। किसान और उनके बच्चों से संबंधित अति आधुनिक सभी मूलभूत सुविधाएं यहाँ उपलब्ध कराई जाएंगी | जबकि द्वितीय चरण में लगभग 18,500 परिवार प्रभावित है, जिसमें से ग्राम रन्हेरा, कुरैब और नगला हुकम सिंह के 13,320 परिवारों को उपरोक्त स्थलों पर विस्थापित किया जाना है। नगला हुकमसिंह के 1600 रन्हेरा के 6120 तथा कुरेब के 5600 परिवार विस्थापित होंगे।