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ग्रेटर नोएडा को मिला कीर्तिमान-- इंटरनेशनल स्पोर्ट चैंपयनशिप-2022 में ग्रेटर नोएडा के मनीष माथुर ने गोल्ड मेडल जीत कर भारत का नाम रोशन किया

 

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ग्रेटर नोएडा को मिला कीर्तिमान-- इंटरनेशनल स्पोर्ट चैंपयनशिप-2022 में ग्रेटर नोएडा के मनीष माथुर ने गोल्ड मेडल जीत कर भारत का नाम रोशन किया

इंटरनेशनल स्पोर्ट चैंपयशिप-2022 नेपाल में 8 अक्टूबर-2022 से लेकर 12 अक्टूबर-2022 तक संपन्न हुई और जिसमें कई देशों के दर्जनों खिलाडियों ने भाग लिया। ग्रेटर नोएडा शहर की आदर्श विहार सोसायटी में रहने वाले मनीष माथुर ने रेस में गोल्ड मेडल झटक कर भारत को पहली पंक्ति में ला खडा किया


 

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मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा

इंटरनेशनल स्पोर्ट चैंपयनशिप-2022 में ग्रेटर नोएडा के मनीष माथुर ने गोल्ड मेडल जीत कर उत्तर प्रदेश ही नही बल्कि भारत का भी नाम भी दुनिया भर में रोशन कर दिखाया है। यह इंटरनेशनल स्पोर्ट चैंपयशिप-2022 नेपाल में 8 अक्टूबर-2022 से लेकर 12 अक्टूबर-2022 तक संपन्न हुई और जिसमें कई देशों के दर्जनों खिलाडियों ने भाग लिया। ग्रेटर नोएडा शहर की आदर्श विहार सोसायटी में रहने वाले मनीष माथुर ने रेसलिंग में गोल्ड मेडल झटक कर भारत को पहली पंक्ति में ला खडा किया है। मनीष माथुर कक्षा 12 का छात्र है और वह जलपुरा के अयान नेशनल पब्लिक स्कूल में पढाई कर रहा है। रेसलर विनर मनीष माथुर गौतमबुद्धनगर के डीएम के सुहास एलवाई को आईकॉन मानते हुए कहता है कि जिस प्रकार गौतमबुद्धनगर के डीएम सर सुहास एलवाई ने पैरा औलपिंक में कांस्य पदक कर जीत कर भारत का नाम रोशन किया है उसी प्रकार वह भी भविष्य में औलंपिक बनकर भारत का नाम दुनिया में रोशन करना चाहता हैं। उन्होंने बताया कि इसका श्रेय वह अपने माता पिता और चाचा समेत पूरे परिवार को देना चाहते हैं क्योंकि विपरीत परिस्थिति में भी परिवार के लोग उसके साथ चट्टान की तरह खडे रहे हैं। पढाई के साथ साथ खेल के क्षेत्र में आगे बढनी की तमन्ना मनीष माथुर के मन मेंं है।


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रेसलर मनीष माथुर के चाचा जमुनादास ने ’’विजन लाइव’’ को बताया कि भतीजे की इस कामयाबी पर पूरे परिवार को फख्र हैं। उन्होंने बताया कि जालौन, उत्तर प्रदेश से आकर उनका परिवार यहां ग्रेटर नोएडा में रोजी रोटी की तलाश में रह रहा रहा है। वह स्वंय एक सिक्योरिटी गार्ड हैं जब कि मनीष माथुर के पिता उमेशचंद्र माथुर यानी उनके बडे भाई उमेशचंद्र माथुर एनआरआई सिटी में कपडों पर प्रेस किए जाने का ठिया लगाते हैं और भाभी यानी मनीष की मां रानी देवी माथुर घरों में खानी बनाती है। इस तरह किसी प्रकार से परिवार का गुजरा होता पता हैं। मनीष माथुर बहनों में इकलौता भाई है। उन्हांंने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति बेशक ठीक नही है मगर मनीष माथुर ने जिस प्रकार पूरे परिवार और क्षेत्र का नाम गोल्ड मेडल 100 मीटर की दौड में जीत कर रोशन किया है, बेहद खुश हैं और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मनीष की कामयाबी के लिए पैसे की कमी नही आने देंगे चाहे इसके लिए कर्ज लेकर ही क्यों व्यवस्था करनी पडे। मनीष माथुर की बहन शिल्पी ने बताया कि उन्हें बडे भाई मनीष माथुर की इस कायमाबी पर बहुत खुशी हो रही हैं, भगवान से प्रार्थना है कि इसी तरह भाई अपने मुकाम को पाने में कामयाबी हो। इस मौके पर गोल्ड मेडलिस्ट मनीष माथुर को गौतमबुद्धनगर की एडीएम सुश्री वंदना श्रीवास्तव और डीआईओएस डा0 धर्मवीर सिंह ने भी बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।