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भाजपा को हराना नामुमकिन नहीं है, बशर्ते कांग्रेस पार्टी को 10 कदम आगे चलना पड़ेगा

 

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विधायक और सांसद के गोद लिए गांव पिछले 8 सालों में घुटनों पर भी नहीं चल सके हैं

चौधरी शौकत अली चेची

क्या 121 देशों का ग्लोबल हंगर इंडेक्स सर्वे द्वारा  भारत 107 वे स्थान पर नही पहुंच गया है? भारत देश कब विश्व गुरु बनेगा, कब 5 ट्रिलियन डॉलर का देश होगा यह सवाल लगातार मन को कचोट रहे हैं। भूख, बेरोजगारी से जनता त्राहि त्राहि कर रही है, वहीं प्रधानसेवक महोदय ने 8500 करोड़ का विमान खरीद लिया, नया संसद भवन बना दिया यह सब ही विकास का मॉडल है। सच तो यह भी है कि नोटबंदी, जीएसटी, लॉकडाउन ने देश के सिस्टम को ही ध्वस्त कर दिया। सारे आरोप अंध भक्तों गोदी मीडिया द्वारा विपक्षी पार्टियों पर लगाए जा रहे हैं। टीवी डिबेट में सत्ता पक्ष, विपक्ष तथा कुछ चाटुकार बुद्धिजीवी चौबीसों घंटे एक दूसरों पर शब्द बाणों से पटखनी देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। योजनाएं, घोषणाएं, वादे भाषणों तथा कागजों तक ही सीमित रह गए हैं।


  विधायक और सांसद के गोद लिए गांव पिछले 8 सालों में घुटनों पर भी नहीं चल सके हैं। विज्ञापनों तथा बड़ी बड़ी रैली बड़ी.बड़ी सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है।  यह पैसा कहां से आता है और किसका है? मनरेगा, शौचालय, फ्री राशन, उज्जवला योजना, किसान सम्मान निधि आदि में भी घोटालों की बू रही है। मगर चाटुकार और गोदी मीडिया सिर्फ सरकार का गुणगान मंें लगे हैं।  80 करोड़ जनता गरीब हो गई, नौकरी के पेपर लीक, नौजवान युवा बेरोजगार ही होता जा रहा है। कितनी ही कंपनियां बंद हो गई थोड़ी बहुत नौकरी है तो पहले के मुकाबले आधी सैलरी में काम चलाया जा रहा है। आरक्षण लगभग समाप्ति की तरफ है। बैंकिंग सेक्टर में अनाप.शनाप कानून बनाकर बचत खाते में ब्याज नहीं मिलता, जनता लोन लेने से वंचित है। ट्रांजैक्शन करने पर चार्ज दुगना हो गया। सत्ता की चापलूसी करने वाले लोग बैंकों से अरबों का लोन लेकर फरार हो गए। काला धन वापस आया नहीं, चंद उद्योगपति मालामाल हैं। बैंकिंग सेक्टर कंगाल है, जनता के लिए हजारों सवाल है? हर वर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा, 75 हजार पर अटक गया है। भारत कृषि प्रधान देश कहा गया है, किसानों की आय दुगनी करनी थी मगर आधी रह गई है। आवारा पशु, बे मौसम बरसात, सूखा कीट पतंगा, माल की कीमत नहीं मिलना, किसान और पशु एक दूसरे के घनिष्ठ सहयोगी हैं पशुओं से किसान अच्छा लाभ लेता था लेकिन किसानों और पशुओं को एक दूसरे का दुश्मन बना कर खड़ा कर दिया। इन सभी परेशानियों से अन्नदाता  दलदल में घुसता ही जा रहा है, जिस दर्द को लेकर किसान जागता है, उसी दर्द को लेकर सोता है। यह सिलसिला कब तक चलता रहेगा देखना समझना बाकी है? लेकिन धर्म की चासनी में लपेट कर बुद्धिहीन अंधभक्त अपनी बर्बादी पर खुशी होकर तालियां बजा रहे हैं। भारत देश पर कर्ज लगभग 3 गुना हो गया। लगभग 46 प्रतिशत जनता ने नौकरी की आस ही छोड़ दी। अगर यही हाल रहा तो 2024 तक डॉलर 100 का आंकड़ा पार कर जाएगा। सत्ता में बैठे लोग लहसुन प्याज नहीं खाते और डॉलर को मजबूत बताकर जग हंसाई करा रहे हैं। सच्चाई  कड़वी होती है, अच्छे लोगों की कोई कदर नहीं, बुरे लोगों को सब्र नही।ं देश आजादी के बाद अब तक मुस्लिम कम्युनिटी जहां खड़ी थी आज भी वही खड़ी नजर रही है, लेकिन ज्यादातर मुस्लिम कम्युनिटी के लोग अपना कार्य करते हैं या मजदूरी करते हैं और गरीबी के कारण  सरकारी योजनाओं का लाभ सबसे ज्यादा मुस्लिमों को ही मिलता हैं, जिसके सैकड़ों उदाहरण सरकारी आंकड़ों में मौजूद हैं। सवाल यह भी है मुस्लिमों को टारगेट पर रखने वाले या घृणा  की दृष्टि से देखने वालों को समझना जरूरी है कि लगभग 80 प्रतिशत आयात और निर्यात भारत का मुस्लिम कंट्रीयों से ही होता चला रहा है। सबसे ज्यादा बर्बादी के कगार पर देश का गैर मुस्लिम ही खड़ा नजर रहा है, जैसे कि बिजनेस में घाटा, बेरोजगारी व्यापार में घाटा, कंपनियां बंद, नौकरी के बराबर, इनकम घट गई, महंगाई बढ़ गई। फर्जी मुकदमे, घूसखोरी, अधिकार से वंचित इन सब का दंश गैर मुस्लिम ही संख्या के हिसाब से ज्यादा झेल रहा है। लेकिन बत्तख से ऑक्सीजन, नाली से गैस, रडार का बादलों में छुप जाना, कोरोना में ताली, थाली बजाना, खूब पैसा खर्च कर डिग्रियां हासिल कर फिर  बेचो पकौड़ा, आलू से सोना बनाना आदि झूठ  गुमराह नफरत वादी पोटली को अपने सर पर रख कर चलने वालों को समझ जाने कब आएगी? लगभग 60 प्रतिशत सरकारी संस्थाओं के नाम बदले और उनका निजीकरण भी किया गया। अरबों रुपए सरकारी संस्थाओं के नाम बदलने में खर्च कर दिए।
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नौकरियों में छंटनी कर दी गई, जीएसटी टैक्स, वैट देकर जनता सरकारी खजाने को भर रही है। सबसे ज्यादा नुकसान किसका हो रहा है, विचार तो बनता है कि  रोड टैक्स हो या रोड के नियम  आम जनता का सड़क पर चलना दूभर कर दिया है। किराया और भाड़ा 3 गुना हो गया लेकिन सुविधाओं के नाम पर केवल धोखा ही हो रहा है, आखिर हवाई चप्पल वाला हवाई जहाज में कैसे सफर करें?

 मजेदार बात यह भी है दूध अमृत है, जल ही जीवन है, कफन के कपड़े पर भी टैक्स लागू कर दिया। भाजपा की नजरों से हवा अभी दूर है, टायर में हवा पंखा  एसी कूलर तथा किसान अनाज की सफाई के लिए हवा का इस्तेमाल करता है। सभी देशवासी अपनी सुविधा अनुसार हवा का इस्तेमाल करते हैं अगर हवा पर टैक्स लागू कर दिया तो सरकारी खजाने में काफी रकम एकत्रित हो जाएगी। शिक्षा और चिकित्सा से वंचित आम इंसान दुखी और परेशान है। शिक्षा के क्षेत्र में किताब कॉपी फीस अन्य नियम से  लगभग 45 प्रतिशत का महंगाई  का बोझ बढ़ा तथा चिकित्सा के क्षेत्र में मेडिसन टेस्ट डॉक्टर फीस बेड चार्ज आदि से लगभग 700 प्रतिशत तक महंगाई बढ़ी।  समझना यही  है हजारों साल दबी हुई बातों को उजागर कर या गलत तरीके से इतिहास बता कर सत्ता पर काबिज लोग जहरीले बयानों के संदेश से जनता को मूर्ख बना रहे हैं। इंसान गलतियों का पुतला है स्वार्थी बातें सब का भला नहीं कर सकती। मालामाल होकर ऐसो आराम की जिंदगी जीने वाले कानून और संविधान का हवाला देकर अनजान गरीब इंसान को सता रहे हैं। अगर गहराई से समझा जाए तो 100 में से लगभग 4 प्रतिशत मुस्लिम कम्युनिटी के लोगों पर कानूनी कार्रवाई कर सुर्खियां बना दी जाती हैं, लेकिन 96 प्रतिशत गैर मुस्लिमों पर कानूनी कार्रवाई कर उनका जिक्र ही नहीं होता।

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  अब कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा जरूर घबराई हुई है। भाजपा को  खतरा ही केवल कांग्रेस से है। कांग्रेस पार्टी ही भाजपा को केंद्र से बेदखल कर सकती है, इसीलिए सबसे ज्यादा कांग्रेस को निशाने पर रखती है।  कांग्रेस को अगर 2024 का चुनाव जीतना है, तो जमीनी स्तर पर कैडर तैयार करना पड़ेगा। हर जिले, मंडल, राज्य, राष्ट्र में हर बिरादरी का एक नेता खड़ा करना पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी को पदाधिकारियों की संख्या बल दुगनी करनी पड़ेगी। भाजपा की नीतियों के विरोधी दलों को साथ लाना होगा।  यदि ऐसा हुआ तो फिर भाजपा को हराना नामुमकिन नहीं है, बशर्ते कांग्रेस पार्टी को 10 कदम आगे चलना पड़ेगा। सच्चाई को उजागर करने के लिए हर गली मोहल्ले गांव में जागरूक कार्यकर्ता खड़े करने होंगे।

लेखकः- चौधरी शौकत अली चेची, किसान एकता संघ के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष हैं।