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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सेनेटरी इंस्पेक्टर नियुक्ति घोटाला...... सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री और नियुक्ति का मामला सीएम दरबार पहुंचा

 

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सेनेटरी इंस्पेक्टर नियुक्ति घोटाला...... सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री और नियुक्ति का मामला सीएम दरबार पहुंचा

सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री और नियुक्ति के मामले के गर्माने से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों में हडकंप

उत्तर प्रदेश के शो विंडो माने जाने वाले गौतमबुद्धनगर के शहर ग्रेटर नोएडा के हैल्थ की कमान क्या जुगाडबाज और सिफारशी हैल्थ अफसरों के हाथो में है, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार तक के लिए, अपने में आप में एक चुनौती भरा सवाल?

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मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में उठा सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री और नियुक्ति का मामला लगातार गर्माता चला जा रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टरों से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई प्रश्न पत्र में पूछे 5 बिंदु के सवालों के बाद यह मामला प्रकाश में आया था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सभी 5 बिंदुओं पर जानकारी देते हुए सिर्फ एक ही और वह भी 5 वें बिंदु पर जानकारी दे पल्ला झाड लिया। अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री और नियुक्ति का मामला सीएम दरबार में जा पहुंचा है, यही कारण है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों में हडकंप की स्थिति पैदा हो गई है। मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की गई है। महेश भाटी पुत्र बाबू सिंह निवासी, सीनियर सिटीजन होम काम्पलैक्स, पी-3 ग्रेटर नोएडा ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर भेजी शिकायत में कहा है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग में सेनेटरी इंस्पेक्टर डिप्लोमा, डिग्री के जो भी कागज प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग में जमा कराए गए हैं उनके द्वारा इनकी कोई जांच नहीं कराई गई है।

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सेनेटरी इंस्पेक्टर डिप्लोमा- डिग्री, हेल्थ सेनेटरी इंस्पेक्टर का डिप्लोमा क्या आईटीआई थोरा बकांपुर बुलंदशहर से की गई है। सेनेटरी इंस्पेक्टर डिप्लोमा, डिग्री की जांच भी कराई जानी चाहिए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी हासिल किए जाने का मामला सुर्खियों में बना रहा हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्रियों पर सवाल खडे हुए हैं। इससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग में हडकंप की स्थिति पैदा हो गई हैं। आरटीआई के जरिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से स्वास्थ्य विभाग में सेनेटरी इंस्पेक्टरों की नियुक्तियों और साथ ही डिग्रियों पर सवाल पूछ गए हैं। गौरतलब है कि महेश भाटी पुत्र बाबू सिंह निवासी, सीनियर सिटीजन होम काम्पलैक्स, पी-3 ग्रेटर नोएडा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत 5 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। इसमें पहला बिंदु सेनेटरी इंस्पेक्टरों की संख्या, नाम पता और नियुक्ति की तिथि, दूसरे बिंदु में सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री डिप्लोमाओं के जांच किए जाने के बारे में सवाल उठाया गया है। तीसरे बिंदु में महत्वपूर्ण सवाल उठाया गया है कि सेनेटरी इंस्पेक्टर डिप्लोमा डिग्री और हैल्थ सेनेटरी इंस्पेक्टर  का डिप्लोमा क्या आईटीआई थोरा बंकापुर आईटीआई ट्रेड में क्या सेनेटरी इंस्पेक्टर डिप्लोमा भी आता है, क्या इसकी जांच कराई गई है यदि हां तो जांच की प्रतियां उपलब्ध कराई जावे। चौथे बिंदु में सवाल किया गया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री डिप्लोमा गलत पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। साथ ही  क्या प्राधिकरण द्वारा जब से इनकी नियुक्ति हुई है तब से अब तक का गलत पाए जाने वाला वेतन अथवा मानदेय वसूल किया जाएगा या नही?
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आरटीआई प्रश्न पत्र के सबसे अतिम बिंदु 5 में कुछ सेनेटरी इंस्पेक्टरां के नाम उजागर करते हुए सवाल उठाया गया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टर जो प्राधिकरण के स्वास्थ्य  विभाग में तैनात है, क्रमशः श्री संजीव कुमार, श्री भारत भूषण, श्री नीरज कुमार श्री दिनेश कुमार ये दोनो सगे भाई है, प्राधिकरण में कार्यरत रहते हुए सेनेटरी इंस्पेक्टर का डिप्लोमा डिग्री ली गई है, कृपया इनके दस्तावेज डिग्री उपलब्ध कराई जावे। उधर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से आरटीआई प्रश्न पत्र जवाब देते हुए नियुक्त सेनेटरी इंस्पेक्टरों के नाम और पतों का उल्लेख किया है। साथ ही जानकारी दी गई है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग में 02 माध्यमों सेनेटरी इंस्पेक्टरोें की तैनाती की गई है, जिसमें 2 सेनेटरी इंस्पेक्टर प्राधिकरण के कार्मिक में मानवश्रम आपूर्तिदाता फर्म एवं 5 सेनेटरी इंस्पेक्टर जैम पोर्टल पर निविंदा आमांत्रित कर मानवश्रम आपूर्तिदाता मै0 अमन इंटरप्राईजेज से लिए गए हैं। आरटीआई आवदेक महेश भाटी ने ’’विजन लाइव’’ को बताया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टरों से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई प्रश्न पत्र में पूरे 5 बिंदु दिए गए थे मगर जवाब सिर्फ पहले बिंदु का देते हुए पल्ला झाड लिया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा इस मुद्दे पर आधी अधूरी सूचना देने पर प्रथम अपील जल्द ही दायर की जाएगी। उधर इस आरटीआई के दाखिल हो जाने से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण स्वास्थ्य विभाग में तैनात सेनेटरी इंस्पेक्टरों हडकंप की स्थिति पैदा हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री और नियुक्ति के सवाल से एक नया घोटाला प्रकाश में सकता है।

सवालों के घेरे में हैं, सेनेटरी इंस्पेक्टरों के डिग्री और डिप्लोमा!

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनात सेनेटरी इंस्पेक्टरों के डिग्री और डिप्लोमा आरटीआई और अब सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज हो जाने से लगातार सवालों के घेरे में चुकी हैं। साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल अफसरों की गर्दन भी साफ फंसती हुई नजर रही है। यदि ऐसा नही था तो आरटीआई में पूछे गए सभी सवालों के जवाब बिंदुवार दे दिए गए होते, किंतु ऐसा करके, केवल ज्यादातर सवालों के जवाब से कन्नी काट ली गई बल्कि डिप्लोमा और डिग्री की जांच कराए जाने के बिंदुओं से भी साफ पल्ला झाड लिया गया। आरटीआई आवेदन पत्र में सेनेटरी इंस्पेक्टरों के डिप्लोमा- डिग्री की जांच और फर्जी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराए जाने का भी सवाल उठाया गया था। जहां तक हैल्थ सेनेंटरी इंस्पेक्टरो का सवाल है तो इसके लिए अलग से डिप्लोमा का प्रावधान है। बताया गया है कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट मुंबई और संबंद्ध संस्थानों के द्वारा डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है।

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इसके साथ ही देश के कुछ राज्यों में और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान हैं जहां से हैल्थ सेनेंटरी इंस्पेक्टर के लिए कोर्स किया जा सकता है। क्या ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनात हैल्थ सेनेंटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री और डिप्लोमा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से ही है, इस सवाल का जवाब भी डिग्री और डिप्लोमी की जांच के बाद ही सामने सकता है। वहीं आईटीआई ट्रेड में सेनेटरी इंस्पेक्टर डिप्लोमा के लिए उत्तर प्रदेश में कुछ संस्थान चिन्हित हैं। आखिर आईटीआई ट्रेड में कहां से डिप्लोमा और डिग्री हासिल की गई है और क्या अमुक संस्थान सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त भी है अथवा नही? इस सवाल का जवाब भी जांच के बाद ही पता चल सकेगा? ऐसा होने पर यहां अंधरे में तीर चलाने जैसा ही है।

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यहां दूसरा सवाल यह भी पैदा हो रहा है कि जैसा की सीएम पोर्टल पर दर्ज शिकायत में कहा गया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनाती के दौरान ही सेनेटरी इंस्पेक्टरों द्वारा थोरा बंकापुर आईटीआई से डिप्लोमा हासिल किए गए हैं,तो यह अपने आप में ही संशय पैदा करता है। यदि कोई भी डिप्लोमा या डिग्री दूरस्थ शिक्षा पद्धति से नही है तो तैनाती के साथ साथ कैसे पूरी हो सकती है? वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के शो विंडो माने जाने वाले गौतमबुद्धनगर के शहर ग्रेटर नोएडा के हैल्थ की कमान क्या जुगाडबाज और सिफारशी हैल्थ अफसरों के हाथो में है, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार तक के लिए, अपने में आप में एक चुनौती भरा सवाल है?