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गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय दिया तले अधेरा !
-------------------------------------------------छात्रहित सर्वोपरि। छात्र शक्ति! राष्ट्र शक्ति !
ये कहावत पूरे देश में एक मात्र ऐसा राज्य विश्वविद्यालय जिसके चांसलर वहा के सीएम है - जी हां गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय जिसके चांसलर उत्तर प्रदेश के यशस्वी माननीय मुख्य मंत्री योगी जी है पर स्टीक बैठती है। पूरे देश के राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर वहां के राज्यपाल होते है।
>विषय ये है की माननीय मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना जिसके तहत उत्तर प्रदेश के मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप व स्मार्टफोन बांटे जा रहे हैं उस योजना से गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के छात्र वंचित रह गए हैं क्योंकि यह विश्वविद्यालय अधिनियम उत्तर प्रदेश गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय अधिनियम, 2002 के तहत स्थापित किया गया है । इस अधिनियम के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री ही विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे तथा यह मात्र एक विश्वविद्यालय है जो औद्योगिक विकास प्राधिकरण ( न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा प्रायोजित ) के अधीन आता है। यह बहुत बड़ी विडंबना है कि गौतम बुध विश्वविद्यालय न तो राजभवन उत्तर प्रदेश और न ही उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री की वेबसाइट पर है। जिसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
>जैसे माननीय मुख्यमंत्री की बड़े मन से इच्छा थी कि होनहार विद्यार्थियों को लैपटॉप, टैब इत्यादि वितरित किया जाए लेकिन सिर्फ इसी वजह से गौतमबुध विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को यह नहीं दिया जा रहा है। कई विद्यार्थियों ने बताया कि उन्होंने फॉर्म भरे थे , लेकिन उनको यह लैपटॉप ,टैब स्मार्टफोन आदि अभी नहीं मिले। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी , जो कि इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं से विनम्र अनुरोध है कि गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले होनहार छात्रों को उनका हक मिलना सुनिश्चित किया जाए।
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क्षेत्र के समस्त जनप्रतिनिधियों माननीय विधायक तेजपाल सिंह नागर दादरी, माननीय धीरेंद्र सिंह जेवर,माननीय पंकज सिंह नोएडा, सांसद माननीय महेश शर्मा , राज्यसभा सांसद माननीय सुरेंद्र सिंह नागर और विशेष रूप से शिक्षक जनप्रतिनिधि माननीय एमएलसी श्री चंद शर्मा से अनुरोध है कि छात्रों के हितों की रक्षा करते हुए जल्द से जल्द उनके अधिकार उन्हें दिलाए जाए। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के अधिनियम में संशोधन कराते हुए औद्योगिक विकास प्राधिकरण से हटाकर राजभवन के अधीन किया जाए। जिससे आसपास के संस्थान विश्वविद्यालय से संबंध हो सके क्योंकि वर्तमान अधिनियम के अनुसार विश्वविद्यालय किसी अन्य विश्वविद्यालय को संबद्धता नहीं दे सकता।
डॉ. केसर सिंह भाटी
छात्र संघ अध्यक्ष, 2006 मिहिर भोज कॉलेज दादरी
जिला प्रमुख अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, गौतमबुद्धनगर