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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री और नियुक्ति के सवाल से नया घोटाला?

 

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 सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री और नियुक्ति के सवाल से एक नए घोटाले की ओर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टरों से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई प्रश्न पत्र में पूरे 5 बिंदु दिए गए थे, मगर जवाब सिर्फ पहले बिंदु का देते हुए पल्ला झाड लिया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा इस मुद्दे पर आधी अधूरी सूचना देने पर प्रथम अपील जल्द ही दायर की जाएगीः महेश भाटी आरटीआई आवदेक

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी हासिल किए जाने का मामला सुर्खियों में बना रहा हैं। इस बार भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से कुछ ऐसी ही बडी खबर सामने रही है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्रियों पर सवाल खडे हुए हैं। इससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग में हडकंप की स्थिति पैदा हो गई हैं। आरटीआई के जरिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से स्वास्थ्य विभाग में सेनेटरी इंस्पेक्टरों की नियुक्तियों और साथ ही डिग्रियों पर सवाल पूछ गए हैं। महेश भाटी पुत्र बाबू सिंह निवासी, सीनियर सिटीजन होम काम्पलैक्स, पी-3 ग्रेटर नोएडा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत 5 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है।

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इसमें पहला बिंदु सेनेटरी इंस्पेक्टरों की संख्या, नाम पता और नियुक्ति की तिथि, दूसरे बिंदु में सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री डिप्लोमाओं के जांच किए जाने के बारे में सवाल उठाया गया है। तीसरे बिंदु में महत्वपूर्ण सवाल उठाया गया है कि सेनेटरी इंस्पेक्टर डिप्लोमा डिग्री और हैल्थ सेनेटरी इंस्पेक्टर  का डिप्लोमा क्या आईटीआई थोरा बंकापुर आईटीआई ट्रेड में क्या सेनेटरी इंस्पेक्टर डिप्लोमा भी आता है, क्या इसकी जांच कराई गई है यदि हां तो जांच की प्रतियां उपलब्ध कराई जावे। चौथे बिंदु में सवाल किया गया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री डिप्लोमा गलत पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। साथ ही  क्या प्राधिकरण द्वारा जब से इनकी नियुक्ति हुई है तब से अब तक का गलत पाए जाने वाला वेतन अथवा मानदेय वसूल किया जाएगा या नही? आरटीआई प्रश्न पत्र के सबसे अतिम बिंदु 5 में कुछ सेनेटरी इंस्पेक्टरां के नाम उजागर करते हुए सवाल उठाया गया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टर जो प्राधिकरण के स्वास्थ्य  विभाग में तैनात है, क्रमशः श्री संजीव कुमार, श्री भारत भूषण, श्री नीरज कुमार श्री दिनेश कुमार ये दोनो सगे भाई है, प्राधिकरण में कार्यरत रहते हुए सेनेटरी इंस्पेक्टर का डिप्लोमा डिग्री ली गई है, कृपया इनके दस्तावेज डिग्री उपलब्ध कराई जावे। उधर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से आरटीआई प्रश्न पत्र जवाब देते हुए नियुक्त सेनेटरी इंस्पेक्टरों के नाम और पतों का उल्लेख किया है। साथ ही जानकारी दी गई है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग में 02 माध्यमों सेनेटरी इंस्पेक्टरोें की तैनाती की गई है, जिसमें 2 सेनेटरी इंस्पेक्टर प्राधिकरण के कार्मिक में मानवश्रम आपूर्तिदाता फर्म एवं 5 सेनेटरी इंस्पेक्टर जैम पोर्टल पर निविंदा आमांत्रित कर मानवश्रम आपूर्तिदाता मै0 अमन इंटरप्राईजेज से लिए गए हैं।

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आरटीआई आवदेक महेश भाटी ने ’’विजन लाइव’’ को बताया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टरों से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई प्रश्न पत्र में पूरे 5 बिंदु दिए गए थे मगर जवाब सिर्फ पहले बिंदु का देते हुए पल्ला झाड लिया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा इस मुद्दे पर आधी अधूरी सूचना देने पर प्रथम अपील जल्द ही दायर की जाएगी। उधर इस आरटीआई के दाखिल हो जाने से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण स्वास्थ्य विभाग में तैनात सेनेटरी इंस्पेक्टरों हडकंप की स्थिति पैदा हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सेनेटरी इंस्पेक्टरों की डिग्री और नियुक्ति के सवाल से एक नया घोटाला प्रकाश में सकता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में यह नियुक्ति और फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी हासिल किए जाने का कोई पहला मामला नही है। इससे पहले भी कुछ ऐसे अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे हैं, जो विकास प्राधिकरण में संविदा पर काम कर रहे थे,उनकी भी नियुक्तियां हो गई। आरोप रहा है कि उनकी डिग्रियां फर्जी लगा दी गई।

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वर्ष 2018.19 में शासन ने इस मामले में कार्रवाई करके ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन केंद्रीय नियमावली लागू होने से अब प्राधिकरण केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को हटाने का अधिकार रखता है, इसके बाद प्राधिकरण ने रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। वहीं शासन ने इस मामले में प्राधिकरण के 15 अधिकारियों.कर्मचारियों को बर्खास्तगी का नोटिस तक थमा दिया। इसमें प्रबंधक से लेकर बाबू तक शामिल रहे। नोटिस में संबंधित कर्मचारी.अधिकारी से जवाब मांगा गया। जवाब आने के बाद शासन अगली कार्रवाई करेगा। कर्मचारियों को बर्खास्तगी के नोटिस मिलने के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में हड़कंप मचा रहा।