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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के किसान 22 साल से खा रहे हैं धक्के

विजन लाइव/ ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा में स्थित बिरौंडा गांव के हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष चैनपाल प्रधान ने बताया, "हमारे गांव के किसानों की जमीन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 17 नवंबर 2000 को अधिग्रहीत की थी। प्राधिकरण ने 'अर्जेंसी क्लॉज' लगाकर हमारी जमीन इंडस्ट्री लगाने के नाम पर ली थी, लेकिन प्राधिकरण ने जमीन पर इंडस्ट्री ना लगाकर बिल्डरों को अलॉट कर दी। 6% आबादी के प्लॉट जमीन अधिग्रहण के 22 साल बाद भी नहीं मिले हैं। किसानों ने खुद जाकर दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखित में शिकायत दी हैं। मजेदार बात यह है कि मुख्यमंत्री से 6% आबादी के प्लॉट देने के लिए मांग की। प्राधिकरण के अफसरों ने झूठा लेटर मुख्यमंत्री को भेज दिया। किसानों की आबादी की समस्या का निस्तारण कर दिया गया है। इस तरह प्राधिकरण के अफसर मुख्यमंत्री को भी गुमराह करने में लगे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में एक ओर 6% और 10 % आबादी के प्लॉट अपात्रों को आवंटित किए जा रहे हैं, वहीं सन 2000 में प्राधिकरण ने विकास योजनाओं के लिए जिन किसानों से जमीन ली, वे आज 22 साल बाद भी आबादी प्लॉट के लिए धक्के खा रहे हैं। इन किसानों का कहना है, "हम तो खुद लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय में मिल चुके हैं। उनसे हमारे 6% आबादी के प्लॉट देने की मांग कर चुके हैं, लेकिन सारी चिट्ठियां अथॉरिटी में बाबुओं के पास जाकर अटक जाती हैं। कोई कार्रवाई नहीं होती है। किसानों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट और सीएम के आदेश भी इन बाबुओं और अफसरों के सामने बौने हैं।