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बाप और बेटी की न्यायालय सत्र न्यायाधीश, संभल स्थित चंदौसी में अग्रिम जमानत याचिका मंजूर

 

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थाना बीटा-2 में जब रिपोर्ट दर्ज नही की गई तो प्रार्थी/ अभियुक्त राजवीर सिंह की बेटी ने परिवादी रविंद्रपाल, सास श्रीमती शांति देवी व नंद मिथलेश के विरूद्ध एक परिवाद अंतर्गत धारा 12 घरेलू हिंसा अधिनियम न्यायालय गौतमबुद्धनगर में प्रस्तुत किया। साथ ही भरण पोषण के लिए भी एक यचिका धारा 125 सीआरपीसी न्यायालय प्रधान न्यायालय गौतमबुद्धनगर में प्रस्तुत कीः अब्दुल नासिर खान एडवोकेट

बचाव पक्ष के अधिवक्ता अब्दुल नासिर खान एडवोकेट

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

न्यायालय सत्र न्यायाधीश, संभल स्थित चंदौसी ने बाप और बेटी की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है। इनमें बेटी/ अभियुक्ता लोक नायक जयप्रकाश चिकित्सालय नई दिल्ली में मेडिकल ऑफिसर है। घरेलू हिंसा विवाद पीडित महिला की ओर से, जब कि दूसरी ओर परिवादी पक्ष की ओर से भी एक मामला दर्ज कराया गया था। सीमा सिंह पुत्री राजवीर सिंह का विवाह मूलरूप से ग्राम उगिया रूस्तमगढ, पोस्ट कैथल थाना चंदौंसी निवासी रविंद्रपाल सिंह के साथ संपन्न हुआ। ससुर राजवीर सिंह और साली डा0 पूजा सिंह के विरूद्ध रविंद्रपाल सिंह ने मामला दर्ज कराया था। धारा-156 (3) के तहत अवर न्यायालय में प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्र में रविंद्र पाल सिंह ने आरोप लगाया कि दिनांक 13-12-2021 को जब उन्होंने राजेश कुमार सरस्वती विद्या मंदिर देवरखेडा चंदौसी के बराबर से पेट्रोल पंप पर गाडी रोकी और तेल डलवाना शुरू किया, तभी राजवीर सिंह और उनकी बेटी डा0 पूजा सिंह व पत्नी सीमा सिंह तथा अन्य एक अज्ञात व्यक्ति के साथ आ गए और बोले कि मकान का ऋण चुकाने के लिए 27 लाख रूपये की जमीन बेची है, उसमें से मात्र 16 लाख रूपये की डीडी ऋण चुकाने के लिए दी है, हमें बाकी सब रूपया भी चाहिए। तब वादी ने कहा कि 4 लाख रूपये उसने ऋण में जमा कर दिए, शेष चुनाव में खर्च हो गए, अब उसके पास नही है, रूपये की व्यवस्था हो जाने पर ऋण जमा कर देगा। इस पर आरोपी राजवीर सिंह और उसकी बेटी डा0 पूजा  गालियां देने लगी, विरोध करने पर लात घूंसों से पीटा। जब कि उसकी पत्नी सीमा सिंह चुपचाप खडी देखती रही। तहरीर लेकर थाने गया तो उसकी रिपोर्ट नही लिखी। कोर्ट के आदेश पर ससुर राजवीर सिंह और डा0 पूजा सिंह साली के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। जब कि वहीं दूसरी ओर पीडिता सीमा सिंह की ओर से घरेलू हिसां का मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। परिवादी रविंद्रपाल के खिलाफ एक शिकायत थाना बीटा-2, ग्रेटर नोएडा, जिलाः- गौतमबुद्धनगर में भी दी गई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अब्दुल नासिर खान ने बताया कि परिवादी रविंद्रपाल व उसका परिवार अभियुक्त राजवीर सिंह की बेटी सीमा सिंह से कम दहेज लाने के कारण खुश नही थे। यही नहीं लगातार दो बेटियों की पैदाईश के बाद से परिवादी, पत्नी सीमा सिंह को अत्याधिक प्रताडित करने लगा। हद तो तब हो गई कि जब अपने सॉफ्टवेयर के कारोबार से भी पत्नी का नाम हटा अपनी माता को बैंकों में हिस्सेदार बनाना शुरू कर दिया। यहां तक परिवादी ने अपनी पत्नी सीमा सिंह और बेटियों से अलग अपने पैतृक निवास ग्राम उगिया रूस्तमढ, पोस्ट कैथल, थाना चंदौसी में एक अन्य महिला के साथ रहना शुरू कर दिया। थाना बीटा-2 में जब रिपोर्ट दर्ज नही की गई तो अभियुक्त राजवीर सिंह की बेटी ने परिवादी रविंद्रपाल, सास श्रीमती शांति देवी व नंद मिथलेश के विरूद्ध एक परिवाद अंतर्गत धारा 12 घरेलू हिंसा अधिनियम न्यायालय गौतमबुद्धनगर में प्रस्तुत किया। 


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साथ ही भरण पोषण के लिए भी एक यचिका धारा 125 सीआरपीसी न्यायालय प्रधान न्यायालय गौतमबुद्धनगर में प्रस्तुत की। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अब्दुल नासिर खान एडवोकेट ने दलील देते हुए कहा कि प्रार्थी/ अभियुक्त राजवीर सिंह और प्रार्थनी/ अभियुक्ता डा0 पूजा सिंह को उक्त वाद में झूठा, बेवजह एवं राजनीतिक द्वेष भावना से फंसाया गया है। अभियुक्त की बडी बेटी सीमा सिंह का विवाह परिवादी रविंद्रपाल के साथ हुआ था, शादी के तुंरत बाद ही परिवादी रविंद्रपाल व उनका परिवार अभियुक्त की बेटी से कम दहेज के कारण खुश नही थे। यही नहीं प्रार्थी/ अभियुक्त की बेटी से परिवादी को लगातार दो बेटियां की पैदाईश हुई तो और अधिक प्रताडित करने लगा तथा अपने सॉफ्टवेयर के कारोबार से भी पत्नी का नाम हटा अपनी माता को बैंकों में हिस्सेदार बनाना शुरू कर दिया। यहां तक परिवादी ने अपनी पत्नी सीमा सिंह और बेटियों से अलग अपने पैतृक निवास ग्राम उगिया रूस्तमढ, पोस्ट कैथल, थाना चंदौसी में एक अन्य महिला के साथ रहना शुरू कर दिया। प्रार्थी/ अभियुक्त राजवीर सिंह और प्रार्थनी/ अभियुक्ता डा0 पूजा सिंह ने कथित अपराध कारित नही किया है और न ही कथित घटना में कोई उपस्थिती ही रही है। 

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अवर न्यायालय से गैर जमानतीय वांरट के निर्गत हो जाने से एवं परिवादी की पैरवी के दवाब में प्रार्थीणों को पुलिस मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडित करने एवं अपमानित करने के उद्देश्य से गिरफ्तार करना चाहती है, जब कि कोई अपराधिक इतिहास भी नही है। उधर अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता ( दाण्डिक ) एंव वादी के विद्वान अधिवक्ताओं ने संयुक्त रूप से अग्रिम जमानत याचिका मंजूर किए जाने का विरोध किया। सत्र न्यायाधीश संभल स्थित चंदौसी भानुदेव शर्मा ने मामले के समस्त तथ्यों, परिस्थितियों को देखते हुए, साक्ष्य के गुण-दोष को देखते हुए बाप और बेटी यानी प्रार्थी/ अभियुक्त राजवीर सिंह और प्रार्थनी/ अभियुक्ता डा0 पूजा सिंह की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है।