>
सरकार के मित्र उद्योगपति लोग मालामाल हो रहे हैं,अनजान जनता जलेबी की तरह गोल गोल घूम रही है
चौधरी शौकत अली चेची
सरकार के मित्र उद्योगपति लोग मालामाल हो रहे हैं, देश गरीबी में लगभग 154 वे स्थान पर पहुंच गया, पिछले 67 साल में लगभग 52 लाख करोड रुपए का कर्ज था, मोदी शासन में लगभग 140 लाख करोड रुपए का कर्ज हो गया। राजनीतिक पार्टियों द्वारा हर वर्ष चुनाव जीतने के लिए अरबों रुपए पानी की तरह बहा दिए जाते है। टैक्स,GST, वेट, जुर्माना, स्टांप आदि द्वारा जनता का सरकारी खजाने में एकत्रित धन वोट देकर चुने हुए जनता के सेवकों पर हर वर्ष लगभग 125 अरब रुपए खर्च किए जाते हैं। रुपया 80 पर पहुंच गया, जीएसटी न जाने किन-किन वस्तुओं पर कितना लगेगा या बढ़ेगा अंदाजा लगाना मुश्किल है ,एक झूठ को सौ बार बोला जाए तो सोच समझ ही लिया जाता है। जहरीले बयान देने वाले सुर्खियों में रहते हैं सच्चाई अच्छाई किसी कोने में छुपी बैठी है सत्ता पक्ष विपक्ष द्वारा एक दूसरों को शब्द बाणों से पीछे धकेल की कोशिश कर रहे हैं। अनजान जनता जलेबी की तरह गोल गोल घूम रही है। सत्ता मैं बैठे लोग एसो आराम की जिंदगी जी रहे हैं अनजान जनता को अपनी मनमर्जी से उंगलियों पर नचा कर पार्टी फंड में चंदा देने वालों तथा खुद को मालामाल कर रहे हैं। सवाल यह भी है जाति और गोत्र वाद सूट साड़ी मिठाई का डिब्बा दारु की बोतल चंद् रुपए के गंदे लालच में 5 साल के लिए अपनी वोट को बेच देते हैं। ऐसे लोगों की संख्या देश में काफी है यही अनजान लोग कहीं ना कहीं देश की बर्बादी का मुख्य कारण हो सकते हैं कानून ही अगर हर समस्या का समाधान है तो देश में अत्याचार भ्रष्टाचार महंगाई बेरोजगारी हत्या आत्महत्या बलात्कार भुखमरी लूट जाति धर्म की द्वेष भावना क्यों सरपट दौड़ रही है शिक्षा और चिकित्सा से लोग वंचित हो रहे हैं। सच्चाई उजागर करने वाले व जायज हक की आवाज उठाने वालों को अपराधी देशद्रोही, खालिस्तानी, पाकिस्तानी ,परजीवी, आंदोलन जीवी, आतंकवादी आदि बनाया या समझा जा रहा है। एक अपराधी को जाति धर्म से जोड़ दिया जाता है, देश में लगभग 4 करोड़ केस पेंडिंग पड़े हैं, कुछ लोग न्यायपालिका को शक की नजर से देख रहे हैं, निर्दोष सजा काट रहे हैं, दोषी सत्ता में काबीज हैं, कुछ अपराधी पैसा और पावर का सहारा लेकर तरक्की की तरफ अग्रसर है, सबसे ज्यादा देश में नौजवान और किसान अपमानित व परेशान है। अपने अधिकारों से वंचित है बेरोजगारी दुगनी हो गई सैलरी आधी रह गई किसानो पर महंगाई दुगनी हो गई और किसानों की आय आधी रह गई। आवारा पशुओं और किसानों को एक दूसरे का दुश्मन बना कर खड़ा कर दिया। लगभग 13 महीने अन्नदाता ने तीन कृषि कानून के खिलाफ आदि मांगो को लेकर दिल्ली के बॉडर देश के कोने कोने में शांति प्रिय ढंग से आंदोलन किया और लगभग 850 किसान शहीद हो गए। उसी दौरान पूरे देश में लगभग 25,000 किसानों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए, लखीमपुर खीरी में सत्ता पक्ष द्वारा किसानो पर गाड़ी चढ़ाकर कई किसानों को शहीद कर दिया। इन सभी में अभी तक किसानों को कोई इंसाफ नहीं कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ। 2022 चुनाव पांच राज्यों में नजदीक आने पर केंद्र सरकार चुनाव में हार का डर के कारण कृषि बिल् आदि मांगों को मानने का वादा कर कमेटी गठित करने का भरोसा देकर किसान आंदोलन को स्थगित करा दिया। भारत की पावन धरती पर ही नहीं वर्ड में भी किसान से बड़ा परोपकारी मेहनती ईमानदार विश्वास करने वाला दूसरा कोई है ही नहीं । कमेटी गठित करने के नाम पर सरकार ने विश्वासघात किया, कमेटी के मुख्य 29 सदस्य बनाने की प्रक्रिया में 26 सदस्य कहीं ना कहीं सरकार के ही नुमाइंदे हैं, जिन्होंने तीन कृषि बिलों का समर्थन किया तथा ड्राफ्ट भी तैयार किया संयुक्त मोर्चा से 3 किसानों को शामिल करने का फॉर्मूला कहा तक जायज है । कहावत पुरानी है जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी सभी फसलों पर MSP गारंटी कानून बने, बुद्धिजीवी जागरुक किसान चाहते हैं जो कि सभी किसानों के अधिकार में आता है, लगता है अब किसानों को बेचने की बारी है 2024 का चुनाव या अन्य चुनाव किस तरह जीते जाते हैं BJP से बेहतर कोई नहीं जानता, विपक्षी पार्टी भांग की गोली खाकर नशे में चूर बिना, विचारे चुनाव जीत कर हार जाते हैं किसी की सरकार गिरा देना अंध भक्तों व मीडिया को अपने पक्ष में कर लेना BJP का काबिले तारीफ कदम है।
>
लगभग 60% सरकारी संस्थाएं बेच दी गई, लगभग 60% विदेशी कंपनियां भारत छोड़ गई और निर्यात घट गया आयात बढ़ गया लगभग 35 श्रम कानून समाप्त आरक्षण लगभग समाप्ति की तरफ बुलडोजर नीति ने निर्दोष हजारों घर परिवारों को उजाड़ दिया। 8500 करोड़ के हवाई जहाज में सफ़र करना 945000 का सूट पहनकर तीन करोड़ 45 लाख में बेच देना और बयान देना हवाई चप्पल पहनने वाला हवाई जहाज में सफ़र करेगा लेकिन आम इंसान को थ्री व्हीलर में सफ़र करना महंगाई बेरोजगारी के कारण मुश्किल हो रहा है। समस्याएं जनता के सामने हजारों है समाधान कुछ नहीं । जाति धर्म तथा भावनात्मक और आस्था की चासनी में कुछ जनता मशगूल है गहराई से अगर समझा जाए तो देश में सबसे ज्यादा गैर मुस्लिम ही बर्बाद हो रहा है। श्रीलंका का क्षेत्रफल और जनसंख्या तथा भारत का छेत्रफल और जनसंख्या दोनों का आकलन जीडीपी के हिसाब से किया जाए तो ज्यादा फर्क नहीं है अगर इस तरह से तानाशाही रवैया चलता रहा तो हमारे देश के लिए खतरे की घंटी साफ नजर आ रही है। भारतीय असल संस्कृति समाप्ति की तरफ जा रही है, विदेश नीति धूमिल गलत नीतियां तथा गलत बयानों से विदेशों में भारत की छवि खराब हो रही है, पिछले 7 सालों में लगभग 10 लाख लोग भारत छोड़कर विदेशी नागरिकता लेकर विदेशों में बस गए जो गंभीर विषय है हजारों त्यौहार हर वर्ष मनाए जाते हैं जो आपसी भाईचारा कायम रहे द्वेष भावना समाप्त हो मानवता का पैगाम लेकर आते हैं चारों तरफ खुशियां ही खुशियां रहे दुनिया में कुछ अंश छोड़ जाते हैं लेकिन त्योहारों का भी गंदी राजनीति में प्रयोग हो रहा है। नफरत की हवाओं ने पहाड़ों को उखाड़ दिया मानवता की दृष्टि ने सारे जहां को रोशन कर दिया। जो बोएगा वही पाएगा तेरा किया आगे आएगा फल कर्मों का मिल जाएगा जैसी करनी वैसी भरनी यह शब्द सभी पर फिट बैठते हैं। सीमा पर जवान खेत में किसान भारत देश की मजबूत पहचान जय हिंद।
लेखकः. चौधरी शौकत अली चेची किसान एकता संघ (संगठन) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष हैं।