दिल्ली. मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सुनियोजित विकास की सभी परियोजनाओं के लिए सीधे बैनामों अथवा अधिग्रहण व पुनर्ग्रहण प्रक्रिया द्वारा जमीनें लिए जाने से प्रभावित गौतबुद्धनगर के किसानों की वार्ता
विजन लाइव/गौतमबुद्धनगर
किसान अधिकार. युवा रोजगार आंदोलन के आह्वान पर, जय जवान जय किसान मोर्चा, किसान सभा, किसान एकता संघ, देहात मोर्चा आदि दर्जन भर संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे इस आंदोलन द्वारा दिल्ली. मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सुनियोजित विकास की सभी परियोजनाओं के लिए सीधे बैनामों अथवा अधिग्रहण व पुनर्ग्रहण प्रक्रिया द्वारा जमीनें लिए जाने से प्रभावित गौतबुद्धनगर के किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून. 2013 के अनुसार बाजार दर का 4 गुणा मुआवजा, 20 प्रतिशतः प्लॉट दिए जाने, अधिग्रहण में अधिसूचित की गई आबादियों को ज्यों का त्यों छोड़े जाने और सभी प्रभावित किसानों और भूमिहीन व गरीबों का सामाजिक प्रभाव आकलन अतिशीघ्र कराकर पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की सभी सुविधाएं दिए जाने, सभी औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय युवाओं को रोजगार हेतु 50 प्रतिशतः आरक्षण तुरंत लागू किए जाने और साथ ही पुराने कानून के तहत प्राधिकरणों व बिल्डर परियोजनाओं हेतु जमीनें लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर व मुआवजा. अंतर राशि दिए जाने तथा सभी किसानों को 10 प्रतिशतः प्लॉट दिए जाने व लीज.बैक, शिफ्टिंग.पॉलिसी एवं आबादी निस्तारण के मुद्दों का हल कर मूल किसानों को एसआईटी जांच से बाहर किए जाने आदि मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों ने 23 दिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर धरना.प्रदर्शन के बाद लखनऊ में तय कार्यक्रम के अनुसार 16.कालिदास मार्ग पर स्थित औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से उनके निवास पर वार्ता की। वार्ता में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सी.ई.ओ. व ए.सी.ई.ओ. और ए.डीएम.एल.ए. भी मौजूद रहे। किसानों की उक्त पांच.सूत्रीय मांगों के संदर्भ में 21 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई है, औद्योगिक विकास मंत्री ने एक सप्ताह में मांगों को पूरा किए जाने के बारे में निर्णय लेने का भरोसा दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में किसान प्रतिनिधि.मंडल और प्राधिकरण के अधिकारी फिर से बैठकर सभी मुद्दों पर लिखित नोट तैयार कर सरकार को भेजेंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि लिखित नोट भेजे जाने के बाद यदि किसानों की मांगों को 1 सप्ताह में पूरा नहीं किया जाता है तो किसान दिल्ली. एनसीआर के किसानों की विशाल महापंचायत बुलाकर प्राधिकरण का घेराव करेंगे और अपनी जमीनों पर डी.एम.आई.सी. का कोई निर्माण कार्य नहीं होने देंगे। लखनऊ में हुई शासन स्तर की वार्ता में आंदोलन के सदस्य किसान नेता सुनील फौजी एडवोकेट, डा0 रूपेश वर्मा, परमिंदर भाटी एडवोकेट, मनवीर भाटी, राजवीर मास्टर जी, मनीष भाटी बी.डी.सी., कृष्णपाल भाटी, दीपक भाटी, राजू भाटी पाली, संकेत भाटी पल्ला,फिरे भाटी, हरेंद्र खारी, कैप्टन वीर सैन नागर, बालचंद पल्ला, जीत राम कठहेरा, लोकेश भाटी, सत्ते प्रधान, कृष्ण भाटी, रणजीत भाटी, भगवत बोड़ाकी, सुभाष भाटी पल्ला आदि ने मजबूती से वार्ता में अपनी बात रखी।