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सरकार जानती सब कुछ है मगर मानती किसी की नहीं क्योंकि सत्ता में बने रहने के लिए पूंजीपतियों के इशारे पर नाचना मजबूरी

 






भाजपा को सत्ता का पूरा घंमड हो चला है, जनता वैसे भाजपा को नकार रही है

 




चौधरी शौकत अली चेची


भाजपा की सरकार सबका साथ, सबका विकास और अच्छे दिनों पर बुरे दिनों का साया साफ मंडरा रहा है। नोटबंदी, जीएसटी, धारा 370, 35ं बूचड़खाना, गोरक्षा और 3 नए कृषि बिल अन्नदाताओं की बर्बादी है। इन सब कानूनों के साथ देश की 80 प्रतिशत जनता बर्बाद हो रही है, जिसमें अत्याचार, भ्रष्टाचार, बलात्कार, महंगाई और बेरोजगारी चरम पर पहुंच रही है। भाजपा को सत्ता का पूरा घंमड हो चला है। जनता वैसे भाजपा को नकार रही है। इसका उदाहरण राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मिल चुका है। मगर भाजपा ने इन राज्यों में सत्ता गंवाने से बिल्कुल भी सबक नही लिया। बिहार में हथकंडे अपना कर सत्ता बचाई और अब पश्चिमी बंगाल में सत्ता में आने के ख्याली पुलाव पकाने में लगे हुए हैं। यदि एवीएम के बजाय बैलेट से ही चुनाव करा दिए जाएं तो भाजपा को नानी याद आ जाएगी। भाजपा सत्ता विरोध लहर से एवीएम और गोदी मीडिया के सहारे पार पा लेती है मगर यह सब ज्यादा दिन तक नही चलने वाला है। जनता धीरे धीरे जागरूक हो रही है और जब पूरी तरह से जनता को यह पता चल जाएगा कि भाजपा जो सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के नारे के साथ सत्ता में आई थी, अब पूरी तरह से देश का बेडा ही गर्क कर डाला है तो फिर उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। भाजपा सरकार ने धरना, प्रदर्शन आंदोलन को नफरत, गुमराह, झूठ और तानाशाही में बदल दिया है। जायज हक मांगने वालों की आवाज को दबाया जा रहा है। अन्नदाता किसान ही नही बल्कि छात्रों, टीचरों,  सफाई कर्मी, रिटायर फौजी, सरकारी कर्मचारी, मजदूर, प्राइवेट सेक्टर जॉब कर्मी, डॉक्टर व हॉस्पिटल स्टॉफ, मंडियों के आढ़ती, ट्रांसपोर्टर अपने हकों के लिए लगातार आंदोलन धरना प्रदर्शन करते हैं। समझना यह है भाजपा सरकार जानती सब कुछ है मगर मानती किसी की नहीं क्योंकि सत्ता में बने रहने के लिए पूंजीपतियों के इशारे पर नाचना मजबूरी है जनता जाए भाड चूले में। बताया गया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अब तक लगभग 1700 कानून बर्बादी के बनाकर अपने पूंजीपति मित्रों को खूब मालामाल कर दिया है। इन तीन नए कृषि कानूनों ने साबित कर दिया है कि देश का बुद्धिजीवी जागरूक इंसान या जागरूक किसान एक साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा हो गया है जिसमें कुछ हद तक देश का सच्चा मीडिया किसानों की सपोर्ट कर रहा है। मगर समझना यह होगा आने वाला समय किसानों व देश की 80 प्रतिशत जनता को हक दिला पाएगा या देश में जो हजारों आंदोलन हुए हैं उन्हीं की तरह धूमिल हो जाएगा। एक बात तो स्पष्ट नजर आ रही है भाजपा सरकार के प्रति लोगों में गुस्सा बढ़ा है और किसानों के प्रति हमदर्दी। देश की एकता, अखंडता को बल  मिल रहा है।  भाजपा सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है लेकिन अपने जाल को बिछाने में लोगों को फंसाने में एड़ी चोटी का जोर भाजपा सरकार अब भी लगा रही है।

लेखकः- चौधरी शौकत अली चेची भारतीय किसान यूनियन ( बलराज  ) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष  हैं।