गोदी मीडिया सत्ता
पक्ष की
गुलामी में
मशगूल, सच्चा
मीडिया या
सच्चा पत्रकार
जान से
जा रहा
है या
फिर फंस
रहा है,
कानून के
शिकंजे में
जय जवान, जय
किसान, हम
सबका भारत
देश है,
महान
चौधरी शौकत अली
चेची
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समझ में नहीं
आता हम
सभी देशवासी
आत्मनिर्भर कैसे बने ? महंगाई, बेरोजगारी
मंदी, झूठ,
गुमराह, नफरत,
जाति- धर्म
की द्वेष
भावना अपने
शबाब पर
हैं। पढ़े-लिखे अनजान
हैं, सच्चाई
को उजागर
करने वाले
बुद्धिजीवी परेशान हैं। अच्छे पढ़े-लिखे दर
दर की
ठोकर खा
रहे हैं,
कम पढ़े
लिखे अंगूठा
छाप सत्ता
चला रहे
है। विदेशी
नीति कमजो
होने से
भारत की
विदेशों में
इमेज धूमिल
हो रही
है। पड़ोसी
देशों से
संबंध खराब
हैं, लगभग
27 देशों ने
भारत के
गोदी मीडिया
को बैन
कर दिया।
56 इंच के
सीने से
अभी तक
पाकिस्तान डरा नहीं है और
देश में
अच्छा कुछ
हुआ नहीं
है। एक
आंकडे अनुसार
देश में
36 करोड़ से
बढ़कर
80 करोड़ लोग गरीब हो गए
हैं। 20 लाख
करोड़ रुपए
की योजनाएं,
घोषणाएं से
कुछ मिला
नहीं है।
उल्टे सीधे
फैसलों से
देशवासियों का सब कुछ तहस-नहस हो
गया। देशवासियों
के दिमाग
में असली
नकली हिंदू
मुस्लिम का
जहर घोल
दिया। देशद्रोही
या देशभक्त
कौन हैं,
समझ में
नहीं आ
रहा है।
आपसी भाईचारा
सौहार्द समाप्ति
के कगार
पर है।
कोरोना बीमारी
से लगभग
140 देश प्रभावित
हैं, हमारे
प्रधानमंत्री कोराना में 150 देशों की
मदद कर
रहे हैं।
देशवासी
पैदल चलकर भुखमरी, बेरोजगारी, भयंकर
बीमारी से
मर रहे
हैं। आवश्यक
वस्तुओं की
आपूर्ति नहीं,
दोगुने दामों
पर खरीद्दारी
हो रही
है। काला
धन वापस
नही आया
और न
ही 15 लाख
रुपए मिले,
न हीं
भ्रष्टाचार खत्म हुआ। सरकारी बाबू
बगैर रिश्वत
के आज
भी फाइलों
सरकाने के
बजाय कुंडली
मारे बैठे
रहते हैं।
यूपी में
किसानों के 15000 करोड
रुपए का
गन्ना भुगतान
हुआ नहीं,
हर तरफ
से लुटता
किसान
फसलों का नहीं मिला उचित
दाम, अच्छे
दिन, बुरे
दिनों में
बदल गए।
देश में
लगभग 60 प्रतिशत
रोजगार, नौकरी
और कामकाज
खत्म हो
गए। एक
तोले सोने
के दाम
50000 हो गए।
कुछ सालों
से विदेशी
कंपनियां लगभग
60 प्रतिशत बंद हो गई या
देश छोड़कर
चली गई।
सत्ता में
बैठी सरकार
कह रही
है विदेशी
कंपनियां भारत
में आ
रही हैं।
यही नहीं
चुनी हुई
सरकारें तक
गिराई जा
रही हैं
मध्य प्रदेश
के बाद
राजस्थान की
सरकार नंबर
पर है।
कमबख्त गोदी
मीडिया सत्ता
पक्ष की
गुलामी कर
रहा है,
सच्चा मीडिया
या सच्चा
पत्रकार जान
से जा
रहा है
या निर्दोष
होकर
कानून के शिकंजे में फंस
रहा है।
लॉकडाउन के
समय में
यूपी सरकार
ने वाहनों
का चालान
काटकर लगभग
रु 51 करोड की वसूली कर
ली। भारत
पर वर्ल्ड
बैंक का
पहले ही
काफी कर्जा
हो चुका
है, केंद्र
ने लगभग
76 अरब रुपए
कोरोनाकाल में बैंक से और
ले लिया।
डीजल, पेट्रोल,
बिजली बिल,
आवश्यक वस्तुओं
की कीमत
में बेतहाशा
वृद्धि हो
गई। कौन
मुसीबत में
कब, फंस
जाए या
रोजी-रोटी
रोजगार कब
छिन जाए
या किसी
की भी
जान कब
चली जाए
अंदाजा लगाना
अब मुश्किल
है। अमीरों
के गजब
ठाठ चल
रहे हैं,
किसान, मजदूर,
गरीब, बेसहारा,
बर्बादी लूट
खसोट की
दलदल में
फसते जा
रहे हैं।
दुगने खर्चे
पर किसानों
ने धान
रोपाई आदि
फसलों को
जी तोड़
मेहनत करके
तैयार किया,
लेकिन समय
पर खाद
यूरिया आदि
नहीं मिल
रहा। बाढ़
के कारण
देश में
काफी फसलें
नष्ट हो
चुकी है।
देश की
जनता 90 प्रतिशत
सामानों पर
टैक्स जीएसटी
देती है,
लुभावने वादे
और ईर्ष्या
में विश्वास
करके वोट
देकर चंद
लोगों को
जनता सत्ता
सौंप देती
है। सरकारी
खजाने में
जनता की
जमा रकम
से सत्ता
पर बैठे
लोग जनता
पर हुकम
चलाते हैं।
कानून का
पालन कराते
हैं जनता
के विश्वास
में ठोकर
मार कर
ऐसो आराम
की जिंदगी
जीते हैं,
चंद दिनों
में ही
मालामाल हो
जाते हैं।
सत्ता के
गलियारों में
अपराधियों का बोलबाला चरम पर
होता है।
हत्या, बलात्कार,
अपहरण, जघन्य
अपराध आदि
सब सत्ता
के सहयोग
से होते
हैं। अपराधी
या निर्दोष
को जब
तक हम
जाति धर्म
के चश्मे
से देखते
रहेंगे इंसाफ
नहीं मिलेगा।
परिवार का
पालन करता
या समाज
की अच्छाई
बुराई की
पहचान करने
वाला पवित्र
धर्म ग्रंथों धर्म स्थलों को
सच्चाई और
अच्छाई की
नजरों से
देखेगा वही
सत्ता चलाने
के काबिल
है। चोट
जिसे लगती
है, दर्द
उसी को
होता है,
मगर एहसास
करने वाले
या कराने
वालों की
मानसिकता अच्छी
होनी चाहिए।
ऊपर वाले
ने इंसान
को बनाया
सब की
भलाई के
लिए, निजी
स्वार्थ में
इंसान इंसान
को कुचल
रहा है
जो सबसे
बड़ा पाप
है, ऊपर
वाले की
लाठी में
आवाज नहीं
होती, समय
आने पर
सब का
हिसाब होता
है। करनी
का फल,
हर किसी
को भुगतना
पडता है।
अच्छाई और
बुराई की
कहानियां इतिहास
के पन्नों
में दर्ज
हैं। निजी
स्वार्थ में
इंसान अंधा
हो गया
है। समय
पर पावर
का इस्तेमाल
कर विरोधी
को मुसीबत
में डाल
रहा है।
सच्चाई कुछ
दिनों के
लिए छुप
जाती है,
नष्ट नहीं
होती है।
हमारे पूर्वजों
ने अपने
प्राणों की
आहुति देकर
हम भारतवासियों
को आजादी
देकर संविधान
में सबको
अधिकार देकर
दुनिया से
चले गए।
देश में
औलिया, पैगंबर,
देवी, देवता,
अवतार, महापुरुष,
शूरवीर के
नाम से
गंदी राजनीति
हो रही
है, जीते
हुए प्रत्याशी
को एहसास
होना चाहिए
कि वह
एक परिवार
के मुखिया
के समान
होता है।
अच्छे लोगों
की कोई
कदर नहीं
बुरे लोगों
को सब्र
नहीं। एक
इंसान दूसरे
इंसान को
नोच नोच
कर खा
रहा है
पापी या
महापुरुष कर्मों
से बनता
है। लोकप्रियता,
अच्छाई और
बुराई दोनों
में दिखाई
देती है।
रावण का
विरोध में
पुतला जलाया
जाता है,
रामचंद्र जी
का खुशी
में त्यौहार
मनाया जाता
है। धर्म
स्थलों में
ज्यादातर रोक
लगाई जा
रही है
और राजनीति
करने के
लिए भी
धर्म स्थल
ही ज्यादा
बनाए जा
रहे हैं।
कोरोना बीमारी
भगाने के
लिए ताली,
थाली, मोमबत्ती,
मॉस्क, सैनिटाइजर,
सोशल डिस्टेंसिंग,
कामकाज बंद,
टीवी डिबेट
में घड़े
जा रहे
हैं छंद।
सत्ता के
गलियारों नें
आंखें कर
ली बंद।
देश का
आम नागरिक
खड़ा होकर
रह गया
दंग (अंत
में यही
कहूंगा )हम
सभी देशवासी
कर लें
आपस में
प्यार व
सम्मान तरक्की
हो जाएगी।
झूठ, गुमराह,
नफरत तो
वह चीज
है इंसान
तो क्या
पत्थर को
भी खा
जाएगी? परिस्थितियों
को देखकर
नहीं चलने
वाला कच्चे
और गंदे
लालच से
बर्बादी के
सिवा कुछ
नहीं लेता
जिसका अंत
बुरा कहा
गया है।
सत्ता चलाना
बड़ी जिम्मेदारी
होती है,
परचून की
दुकान नहीं।
हम सभी
भारतवासी सच्चे
देशभक्त हैं,
बुराई को
बुराई की
तरह से
ही देखना
चाहिए, जाति
धर्म की
द्वेष भावना
का चश्मा
उतारना पड़ेगा।
जिस तरह
से देश
में घिनौनी
मानसिकता का
संदेश चल
रहा है,
आगे आने
वाला समय
ज्यादा खतरनाक
हो सकता
है। इंसान
गलतियों का
पुतला होता
है जो
सभी जाति
धर्म विशेष
में पाए
जाते हैं(
इतिहास गवाह
है) किसी
भी बात
को नष्ट
नहीं किया
जा सकता
कम या
ज्यादा किया
जा सकता
है। समझना
हम सभी
भारतवासियों को है देश की
सीमाएं व
सीमाओं की
रक्षा
करने वाले जवान, देश में
कानून की
रक्षा सच्चाई
को उजागर
करने वाले
या आम
नागरिक सुरक्षित
नहीं है।
जय जवान,
जय किसान,
हम सबका
भारत देश
है महान।
लेखकः- चौधरी
शौकत अली
चेची भारतीय
किसान यूनियन
(बलराज ) के
उत्तर प्रदेश
अध्यक्ष हैं।