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ग्रेटर नोएडा रामलीला के चौथे दिन सीता स्वयंवर से लेकर राम के वनवास तक के दृश्य हुए मंचित


मंथरा–कैकई प्रसंग ने दिया जीवन की सीख, दर्शकों की आंखें हुई नम


    Vision Live /  श्री धार्मिक रामलीला कमेटी, ग्रेटर नोएडा
श्री धार्मिक रामलीला कमेटी, ग्रेटर नोएडा द्वारा आयोजित श्रीराम लीला महोत्सव का चौथा दिन परम पूज्य गोस्वामी सुशील जी महाराज के दिशा निर्देशन और अध्यक्ष आनंद भाटी के मार्गदर्शन में दिव्यता और भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। शुक्रवार की रात मंचन में सीता स्वयंवर से लेकर राम–सीता–लक्ष्मण के वनगमन तक के दृश्य प्रस्तुत किए गए, जिन्हें देखकर हजारों दर्शक भावविभोर हो उठे।

दिव्य दृश्य: सीता स्वयंवर और राम–परशुराम संवाद

कार्यक्रम की शुरुआत माता सीता के स्वयंवर से हुई। जनकपुर में आयोजित इस स्वयंवर में दूर-दूर से आए महाराजाओं ने भगवान शिव के धनुष को उठाने का प्रयास किया, किंतु कोई सफल न हो सका। तभी महर्षि विश्वामित्र के कहने पर भगवान राम ने धनुष उठाया और प्रत्यंचा चढ़ाते ही धनुष टूट गया। इस घटना से ब्रह्मांड हिल गया और भगवान परशुराम प्रकट हुए। संवाद और क्रोध शमन के बाद परशुराम ने राम का दिव्य स्वरूप पहचानकर उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके बाद जनकपुर में धूमधाम से राम–सीता विवाह तथा चारों भाइयों के विवाह सम्पन्न हुए।

अयोध्या की तैयारियाँ और कैकई का छल

अयोध्या लौटने पर महाराज दशरथ ने राम का राज्याभिषेक करने का निर्णय लिया। इसी बीच मंथरा के बहकावे में आकर माता कैकई ने महाराज दशरथ से दो वरदान माँगे—भरत को अयोध्या का राज्य और राम को 14 वर्ष का वनवास। यह प्रसंग दर्शकों के लिए बेहद भावुक रहा।

वनगमन का मार्मिक प्रसंग

माता-पिता की आज्ञा का पालन करते हुए भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण वन की ओर प्रस्थान करते हैं। पूरा अयोध्या नगर उनके साथ चलने को तैयार हो गया। दर्शक इस दृश्य को देखकर भावुक हो उठे और कईयों की आंखों से आंसू छलक पड़े। यह दृश्य भगवान राम और अयोध्यावासियों के परस्पर प्रेम का अद्भुत चित्रण था।

मंचन से मिली सीख

आज के मंचन की सबसे बड़ी सीख मंथरा और कैकई प्रसंग से मिली। यह संदेश दिया गया कि –
“जीवन में कभी भी किसी के बहकावे में आकर निर्णय नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ऐसे निर्णय पूरे परिवार और जीवन को तहस-नहस कर सकते हैं।”

मंच पर उपस्थित अतिथि व गणमान्य

आज के मुख्य अतिथि इकबाल सिंह लालपुरा (सदस्य, भाजपा राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड) और विशेष अतिथि राजगुरु बीकानेर स्टेट विमर्शानंद गिरी महाराज, मठाधीश श्री लालेश्वर महादेव रहे।
कार्यक्रम में संस्थापक परम पूज्य गोस्वामी सुशील जी महाराज, संस्थापक एडवोकेट राजकुमार नागर, पंडित प्रदीप शर्मा, शेर सिंह भाटी, हरवीर मावी, मुख्य संरक्षक नरेश गुप्ता, संरक्षक सुशील नागर, धीरेंद्र भाटी, मनोज गुप्ता, सतीश भाटी, दिनेश गुप्ता, पवन नागर, बालकिशन सफीपुर, धीरज शर्मा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग और समिति पदाधिकारी उपस्थित रहे।

कमेटी से अध्यक्ष आनंद भाटी, महासचिव ममता तिवारी, कोषाध्यक्ष अजय नागर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश शर्मा बदौली, सुभाष भाटी, उमेश गौतम, योगेंद्र भाटी, मनीष डाबर, रोशनी सिंह, चैनपाल प्रधान, मीडिया प्रभारी अतुल आनंद, उपाध्यक्ष जितेंद्र भाटी, सत्यवीर मुखिया, फिरे प्रधान, पी.पी. शर्मा, सुनील बंसल, महेश कमांडो, सचिव एडवोकेट विमलेश रावल, ज्योति सिंह, वीरपाल मावी, जयदीप सिंह, गीता सागर, यशपाल नागर, तेजकुमार भाटी और अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।