ग्रामीण शिक्षा को समर्पित एक नई पहल: दनकौर में ‘महाकवि कालिदास पुस्तकालय’ का भूमि पूजन सम्पन्न
ज्ञान, संस्कृति और साहित्य के संगम की ओर एक ऐतिहासिक कदम
मौहम्मद इल्यास-"दनकौरी"/ गौतमबुद्धनगर
ग्रामीण युवाओं को ज्ञान और साहित्य से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए दनकौर स्थित किसान आदर्श इंटर कॉलेज में ‘महाकवि कालिदास पुस्तकालय’ की आधारशिला रखी गई। महाकवि कालिदास पुस्तकालय’ न केवल छात्रों के लिए ज्ञान का केंद्र बनेगा, बल्कि यह एक सांस्कृतिक चेतना का स्थल भी होगा, जहाँ से भावी पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़कर नयी ऊँचाइयाँ प्राप्त करेगी।
भूमि पूजन समारोह में जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण वीर सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही।
वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जो सांस्कृतिक परंपरा और आधुनिक शिक्षा के मेल का प्रतीक बन गया। इस पुस्तकालय की स्थापना यमुना प्राधिकरण के सहयोग से की जा रही है, जिसकी लागत लगभग ₹35 लाख है और इसे अगले छह माह में पूर्ण कर लिया जाएगा।
📚 पुस्तकालय: ज्ञान का दीप और संस्कृति की छाया
इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराना है, साथ ही भारतीय साहित्यिक धरोहर से उनका परिचय भी कराना है। पुस्तकालय को ‘महाकवि कालिदास’ जैसे कालजयी साहित्यकार के नाम से समर्पित करना, इसे सिर्फ एक भवन नहीं बल्कि विचारों का मंदिर बनाता है।
🗣️ विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा:
“शिक्षा से ही समाज की दिशा तय होती है। पुस्तकालय न केवल ज्ञान का स्रोत होते हैं, बल्कि सोचने की शक्ति और जागरूकता भी प्रदान करते हैं। महाकवि कालिदास के नाम पर यह पुस्तकालय हमारी सांस्कृतिक चेतना को भी प्रोत्साहित करेगा।”
🏢 YEIDA के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा:
“यमुना प्राधिकरण का उद्देश्य केवल औद्योगिक नहीं, बल्कि सामाजिक और शैक्षिक विकास को भी साथ लेकर चलना है। यह पुस्तकालय ग्रामीण शिक्षा को मजबूती देने की दिशा में एक ठोस कदम है।”
कार्यक्रम के दौरान विधायक धीरेन्द्र सिंह ने घोषणा की कि पुस्तकालय में शैक्षिक, साहित्यिक, ऐतिहासिक और समकालीन विषयों पर आधारित पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे छात्र-छात्राएं शोध, प्रतियोगी परीक्षाओं और रचनात्मक अध्ययन के लिए बेहतर संसाधनों का उपयोग कर सकें।
इस अवसर पर यमुना प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी शैलेंद्र सिंह, सीनियर मैनेजर बीपी सिंह सहित अन्य अधिकारी, विद्यालय प्रबंधन और स्थानीय गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए इसे ग्रामीण शिक्षा का मील का पत्थर बताया।