31 मई से 21 जून तक विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला, युवाओं को योग से जोड़ने का अभिनव प्रयास
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी" / यीडा सिटी
गलगोटिया विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर योग महोत्सव की रंगारंग शुरुआत की। विश्वविद्यालय परिसर में आज भव्य उद्घाटन समारोह के साथ तीन सप्ताह तक चलने वाले योग कार्यक्रमों की श्रृंखला का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन समारोह में लयबद्ध योगाभ्यास, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और छात्रों का उत्साह देखने योग्य था।
भारत सरकार और आयुष मंत्रालय के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को योग दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसी क्रम में गलगोटिया विश्वविद्यालय ने 31 मई से 21 जून 2025 तक “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” (एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य) थीम पर केंद्रित गतिविधियों की योजना बनाई है।
चार चरणों में बंटा योग महोत्सव
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस योग महोत्सव को चार प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रतिदिन विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। कार्यक्रमों में योग की वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक उपयोगिता को दर्शाया जाएगा।
- पहले दिन लयबद्ध योग की भव्य प्रस्तुति ने समारोह की शुरुआत को यादगार बना दिया।
- दूसरे दिन समकालीन योग शैलियों का प्रदर्शन कर योग की विविधता को उजागर किया जाएगा।
- तीसरे दिन ‘योग अनप्लग्ड’ के अंतर्गत फ्लैश मॉब और म्यूजिकल योग गतिविधियाँ होंगी।
- चौथे दिन छात्र “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” थीम पर सोशल मीडिया रील तैयार करेंगे।
इसके अतिरिक्त शांति, मानव विकास और योग के संबंध पर जागरूकता कार्यक्रम, राजयोग ध्यान की कार्यशाला, मानसिक स्वास्थ्य पर पैनल चर्चा और सामुदायिक सहभागिता जैसे पहलुओं को भी सम्मिलित किया गया है।
विशेष अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता
9-10 जून को “योग बंधन” के अंतर्गत विभिन्न देशों के राजनयिकों के साथ एक अंतर्राष्ट्रीय योग सत्र आयोजित किया जाएगा, जो योग की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतीक होगा।
21 जून को होगा योग महोत्सव का भव्य समापन
21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर समापन समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए जाएंगे।
नेतृत्व और संदेश
गलगोटिया विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने इस अवसर पर कहा, “यह महोत्सव केवल योगाभ्यास का नहीं, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा को विश्वपटल पर सशक्त रूप से रखने का प्रयास है। हम चाहते हैं कि युवा योग को न केवल स्वास्थ्य के एक साधन के रूप में देखें, बल्कि इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।”
उन्होंने महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देशों और मार्गदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन प्रदेश के नागरिकों को मानसिक स्वास्थ्य, अनुशासन और आंतरिक संतुलन के प्रति सजग बनाएगा।
साझेदारी और समन्वय
इस महोत्सव के आयोजन में विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), खेल विभाग, एनसीसी, मीडिया विभाग और अन्य शिक्षण विभाग सक्रिय रूप से सम्मिलित हैं।