विश्वविद्यालय परिसर गूंजा अफ्रीकी संगीत, सजी वैश्विक साझेदारी की झलकियां
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/ गौतमबुद्धनगर
गलगोटिया विश्वविद्यालय में अफ्रीका दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम ने न केवल सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाया, बल्कि वैश्विक एकता, समावेशिता और अंतरराष्ट्रीय संवाद की अद्भुत मिसाल भी पेश की। अंतरराष्ट्रीय विभाग के तत्वावधान में आयोजित यह कार्यक्रम अफ्रीकी छात्रों की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने के साथ-साथ विश्वविद्यालय के बहुसांस्कृतिक परिवेश को और समृद्ध बनाने का सशक्त प्रयास था।
इस मौके पर भारत में सूडान के राजदूत महामहिम डॉ. मोहम्मद अब्दल्ला अली एलटॉम की ओर से उनके प्रतिनिधि मोहम्मद अली फज़ारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने भारत और अफ्रीकी देशों के बीच शिक्षा, संस्कृति और युवाओं के बीच संवाद को मजबूत करने की दिशा में विश्वविद्यालयों की भूमिका को रेखांकित किया। फज़ारी ने कहा, "ऐसे आयोजन द्विपक्षीय संबंधों को मानवीय स्तर पर गहराते हैं और शिक्षा के माध्यम से वैश्विक सद्भाव को नई दिशा देते हैं।"
सांस्कृतिक रंगों में सजी विविधता की तस्वीर
कार्यक्रम की सबसे आकर्षक झलक अफ्रीकी छात्र समुदाय की पारंपरिक वेशभूषा, लोकनृत्य, संगीत और प्रदर्शन रहे, जिनमें नाइजीरिया, घाना, केन्या, इथियोपिया, सूडान जैसे देशों की समृद्ध सांस्कृतिक छवियां देखने को मिलीं। छात्रों ने अपने अनुभव, लोककथाएं और खानपान की परंपराएं साझा कर विभिन्न संस्कृतियों को करीब से जानने का अवसर दिया।
नेतृत्व का संदेश: शिक्षा से परे संस्कृति का उत्सव
गलगोटिया विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया ने कहा,
"शिक्षा केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं है, यह संस्कृतियों को समझने और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने का माध्यम है। अफ्रीका दिवस का यह आयोजन हमारे छात्रों को वैश्विक नागरिक के रूप में विकसित करने की दिशा में एक कदम है।"
वहीं सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा,
"हमारे अफ्रीकी छात्र कैंपस में नई दृष्टि, ऊर्जा और विविधता लेकर आते हैं। यह आयोजन उनकी सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करते हुए, साझा सीखने और मित्रता के अवसरों को बढ़ाता है।"
गलगोटिया का वैश्विक दृष्टिकोण
यह आयोजन विश्वविद्यालय की उस प्रतिबद्धता को दोहराता है, जिसके अंतर्गत हर छात्र को उसकी सांस्कृतिक पहचान के साथ अपनाया जाता है और उसे ऐसे माहौल में शिक्षित किया जाता है जहां वह स्वयं को वैश्विक मंच के लिए तैयार कर सके।
समापन पर संदेश
अफ्रीका दिवस का यह भव्य आयोजन न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान का उत्सव था, बल्कि यह गलगोटिया विश्वविद्यालय के वैश्विक समावेशिता, संवाद और सम्मान की नीति का जीवंत उदाहरण भी बना। विश्वविद्यालय परिसर में गूंजती ढोलक की थाप, रंग-बिरंगे वस्त्रों की झलक और मुस्कराते चेहरों ने यह सिद्ध किया कि शिक्षा की असली ताकत विविधता को अपनाने और एकता को उत्सव बनाने में है।