भारतीय संस्कृति की अमर प्रेरणा बनीं रानी अहिल्याबाई: भाजपा गौतमबुद्ध नगर द्वारा त्रिशताब्दी जन्म जयंती समारोह आयोजित
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/ गौतमबुद्धनगर
भारतीय संस्कृति की सशक्त संरक्षिका, पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी जन्म जयंती के अवसर पर आज भारतीय जनता पार्टी गौतमबुद्ध नगर द्वारा जिला कार्यालय तिलपता गोलचक्कर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने की, वहीं कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में जिला प्रभारी प्रमोद गुप्ता उपस्थित रहे। मंच का संचालन जिला महामंत्री धर्मेन्द्र कोरी ने कुशलता से किया।
कार्यक्रम का आरंभ रानी अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए हुआ। इस अवसर पर रानी अहिल्याबाई के जीवन और कार्यों पर आधारित ऑनलाइन सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह और शील्ड देकर सम्मानित किया गया। कुमारी अवाना श्रीवास्तव, कुमारी आकांक्षा, सिद्धार्थ, अभय प्रताप सिंह, कुमारी रोशनी गुप्ता, स्नेहा कुमारी आदि प्रतिभागियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
जिला प्रभारी प्रमोद गुप्ता ने अपने विचार रखते हुए कहा, “रानी अहिल्याबाई का योगदान भारतीय इतिहास में अमिट है, किंतु उन्हें लंबे समय तक उपेक्षित रखा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में उनकी प्रतिमा स्थापित कर राष्ट्र को उनके योगदान से परिचित कराया। रानी अहिल्याबाई ने न केवल मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा को बचाए रखने का ऐतिहासिक कार्य भी किया।”
उन्होंने बताया कि रानी अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौड़ी गांव में हुआ था। उनका संपूर्ण जीवन सेवा, संस्कृति और सनातन मूल्यों की रक्षा हेतु समर्पित रहा।
जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने कहा, “पुण्यश्लोक की उपाधि भारतीय परंपरा में केवल उन्हीं को प्राप्त होती है जिनका जीवन धर्म, सेवा और त्याग की त्रिवेणी रहा हो। रानी अहिल्याबाई का कार्यकाल अंग्रेजों और मुग़लों के बीच भी संस्कृति की मशाल जलाए रखने का काल था। उनके आदर्श आज भी हमारी प्रेरणा हैं।”
भारतीय जनता पार्टी द्वारा 21 मई से 31 मई तक त्रिशताब्दी महोत्सव अभियान के तहत जन-जागरण हेतु विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें महिला सशक्तिकरण दौड़, नदी-घाट स्वच्छता अभियान, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, प्रदर्शनियाँ और सार्वजनिक चर्चाएँ प्रमुख रहीं।
इस अवसर पर सुभाष भाटी, देवा भाटी, कार्यक्रम संयोजक धर्मेन्द्र कोरी, सांसद प्रतिनिधि बलराज भाटी, सतपाल तालान, ओमकार भाटी, रजनी तोमर, संजय चेची, सतेन्द्र अवाना, मनोज शिशोदिया, दीपक भारद्वाज, सतेन्द्र नागर, पवन रावल, पवन नागर, मीडिया प्रभारी कर्मवीर आर्य, वीरेन्द्र भाटी, रवि जिंदल, इन्द्र नागर, सत्यपाल शर्मा, गुरुदेव भाटी, चन्द्रमणि भारद्वाज, पंकज रावल, संगीता रावल, अमित शर्मा, विजय रावल, सतीश भाटी, विमल पुंडीर, सचिन गौतम, महेश शर्मा, अर्पित तिवारी, मनोज भाटी, महेंद्र नागर, राजीव सिंघल, मनोज प्रधान, संदीप शर्मा, अशोक रावल, संजय रावत, सरफराज अली, मुकेश चौहान, संजय भाटी, दिनेश भाटी, बॉबी शर्मा, अमन कौशिक, श्यामवीर भाटी, शेखर नागर सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह ने संकल्प लिया कि रानी अहिल्याबाई होलकर के जीवन मूल्यों को आत्मसात कर भारत की संस्कृति और विरासत को आगे बढ़ाएंगे।