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पूर्व मुख्यमंत्री धरतीपुत्र स्वo श्री मुलायम सिंह यादव 85 वीं जयंती

चौधरी शौकत अली चेची
धरतीपुत्र ,पद्म विभूषण  पूर्व रक्षा मंत्री स्वर्गीय श्री मुलायम सिंह यादव के  जीवन के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं। 
 जन्म 22 नवंबर 1939,  सैफई, जिला इटावा उत्तर प्रदेश में हुआ और 10 अक्टूबर 2022, गुरुग्राम के  मेदांता हॉस्पिटल , हरियाणा, प्रदेश  82 वर्ष की उम्र में निधन हो  गया। 
पांच भाइयों में दूसरे नंबर के थे, बड़े भाई रतन सिंह यादव, तीसरे भाई अभय राम सिंह यादव ,चौथे भाई राजपाल सिंह यादव ,पांचवें भाई शिवपाल सिंह यादव । रतन सिंह यादव के बेटे तेज प्रताप सिंह यादव मैनपुरी से पूर्व सांसद को 2024 उपचुनाव में करहल विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। अभय राम सिंह यादव के पुत्र धर्मेंद्र यादव दूसरी बार सांसद हैं।
मुलायम सिंह यादव को  बचपन में उन्हें पहलवानी करने का शौक था, लेकिन सरकारी टीचर बन गए । फिर टीचर की नौकरी छोड़ सक्रिय राजनीति में कूद गए। छात्र राजनीति एवं किसान राजनीति में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वे  समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अखिलेश यादव के पिता थे । मैनपुरी लोकसभा से सांसद  अखिलेश यादव के दूसरे भाई प्रतीक यादव हैं।
 मुलायम सिंह यादव का मुख्य व्यवसाय कृषि था।  सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया। बाबूजी, नेताजी,धरतीपुत्र, के नाम से लोकप्रिय रहे राजनीतिक शुरुआती सफर साइकिल से किया।  किसानों के लोकप्रिय नेता रहे तथा पार्टी कार्यकर्ताओं को विशेष महत्व देते थे । किसी भी गलत बात के ध्रुव विरोधी थे, उनके पिता श्री सुघर सिंह यादव ,समरिया, गोत्र (यदुवंशी) माता श्रीमती मूर्ति देवी साधारण किसान परिवार से थे।

 मुलायम यादव  ने आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति  विज्ञान में स्नातकोतर (MA),बीटीसी की डिग्री हासिल की । 15 वर्ष की उम्र में ही राजनीति में हिस्सा लेने लगे। डॉo राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित होकर आगे बढ़े। 28 वर्ष की उम्र में अपने राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह के आशीर्वाद से 1967 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जसवंत नगर विधानसभा सीट से जीता। 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए। 19 महीने तक हिरासत में रहे और 1977 में रिहा होने के बाद विधानसभा की सीट जीती।  1977 में उत्तर प्रदेश लोक दल पीपुल्स  पार्टी के अध्यक्ष बने । 1980 में उत्तर प्रदेश लोक दल के अध्यक्ष चुने गए । 1982 से 1985 तक विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया और 1985 से 1987 तक सदन में विपक्ष का नेतृत्व किया।
 1989 में भाजपा के बाहरी समर्थन से जनता दल में पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। बाबरी मस्जिद पर कब्जा करने वाले दक्षिणपंथी के बीच टकराव के बाद भाजपा ने 1990 में समर्थन वापस लिया ,लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की मदद से 1991 तक शासन चला। 6 दिसंबर 1992 में कट्टरपंथियों के द्वारा 16 वीं सदी की मस्जिद को नष्ट कर दिए जाने और उसके बाद हुए खूनी दंगों के बाद नया राजनीतिक जीवन मिला।
  नवगठित समाजवादी पार्टी अक्टूबर 1992 में स्थापित कर मुसलमानों की सियासत रूप में उभरे । केंद्र की कांग्रेस सरकार द्वारा मस्जिद की रक्षा करने में सफल रहने पर उनका समर्थन करने का श्रेय दिया। नवंबर 1993 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सपा ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीट जीती। बीएसपी के समर्थन से फिर से मुख्यमंत्री बने 2 वर्ष का कार्यकाल चला।
 1995 में बीएसपी ने गठबंधन छोड़कर बीजेपी के समर्थन से मायावती मुख्यमंत्री बन गई। उसके बाद मुलायम सिंह ने 1996 में लोकसभा का चुनाव जीता ,पार्टी के 30 से ज्यादा सांसद चुने गए। भारत के प्रधानमंत्री बनने के करीब पहुंच गए ,लेकिन 21वे देश के रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाला । भारतीय सेना का शहीद जवान का पार्थिव शरीर जवान के घर पहुंचाना तथा आर्थिक सहायता व अन्य सुविधा शहीद के परिवार जनों के लिए कानून पारित किया।
 2007 से 2009 के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। 2012 की उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बना दिया तथा 2014 के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए। 55 वर्ष राजनीतिक कार्यकाल में 6 दशक से अधिक के समय राजनीतिक जीवन के दौरान तीन बार मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश रहे, 7 बार सांसद रहे ,10 बार विधानसभा के सदस्य रहे । कई बार विधान परिषद के सदस्य और कई बार विपक्ष के नेता भी रहे, अपने राजनीतिक कार्यकाल में सैकड़ो ऊर्जावान जनता की भलाई के कार्य किए।
 2023 में मुलायम सिंह जी को मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया । पूर्व मुख्यमंत्री धरतीपुत्र स्वo श्री मुलायम सिंह यादव जी 85वी जयंती के उपलक्ष में भावभीनी श्रद्धांजलि।

लेखक:-- चौधरी शौकत अली चेची,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ,किसान एकता (संघ) एवं पिछड़ा वर्ग उ0 प्र0 सचिव (सपा) है।