Vision Live/Greater Noida
शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एजुकेशन ने इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) के साथ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों के 300 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में जामिया मिलिया इस्लामिया, प्रबंधन अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर डॉ फुरकान कमर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक परिवर्तनकारी रूपरेखा है जिसका उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को और अधिक समग्र, लचीला, बहु-विषयक बनाना है, जो 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप हो और जिसका उद्देश्य प्रत्येक छात्र की अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है।
परिणामस्वरूप, छात्र अपनी वैज्ञानिक सोच और बौद्धिक जिज्ञासा विकसित करेंगे, रुचि के विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञ बनेंगे और रचनात्मक, नवोन्मेषी व्यक्ति बनेंगे। यह एक ऐसी शैक्षिक प्रणाली की कल्पना करता है जो छात्र की ज़रूरतों पर केंद्रित हो, जो विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम और कार्यक्रम पेश करे और जो विश्व स्तर पर तुलनीय और प्रतिस्पर्धी दोनों हो। यह उच्च शिक्षा की वर्तमान प्रणाली को अधिक कल्पनाशील, आविष्कारशील और शोध-केंद्रित बनाता है।
इस अवसर पर प्रो. जी.डी. शर्मा अध्यक्ष (एसईईडी), पूर्व
सचिव यूजीसी एवं पूर्व निदेशक सीईसी ने कहा कि एनईपी छात्रों को आजमाए हुए तीन-वर्षीय शैक्षिक कार्यक्रम के अलावा ऑनर्स और रिसर्च योग्यता में दाखिला लेकर ज्ञान की सीढ़ी पर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है। यह एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण कार्यक्रम है क्योंकि यह सामान्य विज्ञान-आधारित पाठ्यक्रम से अनुशासन-विशिष्ट पाठ्यक्रम में बदलाव को चिह्नित करता है। एनईपी पाठ्यक्रम रूपरेखा-2023 में हर सुझाव का पालन किया है, एक कठोर और गहन अनुशासनात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है जो छात्रों की समझ के स्तर के लिए उपयुक्त है।
विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाईके गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय एनईपी 2020 के तहत विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में योगदान पर जोर दिया जा रहा है। अब समय आ गया है कि हितधारकों से क्या अपेक्षा की जा सकती है, जिसमें एनईपी-2020 को लागू करने के दौरान शैक्षणिक संस्थानों के सामने आने वाले अवसरों और चुनौतियों, नई पहलों, ड्रॉपआउट दरों को कम करने, लिंग समानता सूचकांक को बढ़ाने, वंचित आबादी तक पहुंचने, अंतःविषय और बहु-विषयक शिक्षा को आगे बढ़ाने और राज्य और राष्ट्र मे के लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रो वाईस चांसलर डॉ परमानंद, डॉ सरिता वर्मा,डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव, डॉ दिशा माहेश्वरी, डॉ रिंकल शर्मा, आरडी साहे समेत विभिन्न विभागों के डीन और एचओडी मौजूद रहे।